रूपये की गिरती कीमत को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में चिंता जाहिर करते हुए इस संकट के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सदन में आकर बयान देने की मांग की. रूपये की गिरती कीमत के लिए विपक्ष ने न केवल सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया बल्कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सदन में आकर बयान देने की मांग की. विपक्ष के गुरुवार ही प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ने के कारण हुए हंगामे के चलते कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने हालांकि विपक्ष को आस्वस्त किया कि प्रधानमंत्री कल सदन में बयान देंगे. लेकिन भाजपा, सपा, जनता दल यू, अन्नाद्रमुक तथा वाम सदस्य आज ही प्रधानमंत्री के बयान की मांग करने लगे. वाम सदस्य अपनी मांग को लेकर अग्रिम पंक्तियों में आ गए. स्पीकर मीरा कुमार ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू करवाया लेकिन व्यवस्था बनती नहीं देख उन्होंने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि रूपया केवल किसी देश की करेंसी ही नहीं होता है बल्कि वह देश की प्रतिष्ठा भी होता है. करेंसी गिरती है तो प्रतिष्ठा भी गिरती है. उन्होंने कहा कि देश की कमान एक विख्यात अर्थशास्त्री के हाथों में है और विपक्ष मांग करता है कि वह रूपये को इस संकट से निकालने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सदन में आकर बयान दें. सुषमा ने वित्त मंत्री पी चिदम्बरम की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा कि अर्थशास्त्र के विद्वान और पीएचडी डिग्रीधारी लोग भी रूपये के अवमूल्यन को संभाल नहीं पा रहे हैं.
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