जम्मू एवं कश्मीर में हुई पांच भारतीय जवानों की हत्या के मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दल, भाजपा ने बुधवार को संसद में सरकार पर जमकर हमला किया। भारी हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही अपराह्न् 2 बजे तक के लिए स्थगति कर दी गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बयान की मांग करते हुए आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने दोनों सदनों को गुमराह किया है। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन बाधित रही। मंगलवार को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पांच भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने के मामले पर हुए हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही अपराह्न् 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्री के बयान में अंतर होने पर सवाल खड़े किए। स्वराज ने लोकसभा में कहा, "रक्षा मंत्री ने एक बयान दिया, लेकिन बाद में पता चला कि रक्षा मंत्रालय ने भी एक विज्ञप्ति जारी की है।" उन्होंने कहा कि जहां रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना हमले के लिए जिम्मेदार है, वहीं मंत्री ने उसे क्लीन चिट दे दी। स्वराज ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक वक्तव्य देने की मांग की। उनकी इस टिप्पणी के बाद सदन में हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
एंटनी के बयान में विसंगति का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी सदस्यों ने उठाया और इसके चलते हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। रक्षा मंत्री ने मंगलवार को दोनों सदनों में कहा था, "भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। उनके साथ पाकिस्तानी सेना की वर्दी में कुछ अन्य लोग भी थे।" बहरहाल मंगलवार को ही जारी रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार है।
भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में कहा, "रक्षा मंत्री ने कल (मंगलवार) एक बयान दिया और रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति में कुछ और कहा गया। रक्षा मंत्री को स्पष्टीकरण देकर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने देश को नीचा दिखाया है।" विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा खड़ा कर दिया और राज्यसभा की कार्यवाही पहले 15 मिनट और बाद में दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। अन्य मुद्दे भी सदन में उठाए गए। वामदलों ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का मामला उठाया और सीमांध्र क्षेत्र से तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों ने तेलंगाना विरोधी चिंताओं को उठाया।
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