भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को कहा है कि वह चाहती है कि संसद का मानसून सत्र बिना व्यवधान के संचालित हो जिससे विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सरकार को रचनात्मक दृष्टिकोण उपलब्ध हो। पांच से 30 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद भाजपा नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा, "हम चर्चा करना पसंद करेंगे जिससे सरकार को विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर रचनात्मक दृष्टिकोण उपलब्ध हो।"
जेटली ने कहा कि सरकार ने 16 कार्य दिवसों का एक संक्षिप्त सत्र बुलाया है। इसमें विधायी कार्यो के लिए 12 दिन और सदस्यों के निजी विधेयकों के लिए चार दिन हैं। इन 12 दिनों में सरकार 64 विधेयक पारित कराना चाहती है। भाजपा ने सरकार से कहा है कि सबसे पहले उन विधेयकों को पेश किया जाना चाहिए जिन पर सभी दलों में सहमति है।
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार इस सत्र में तेलंगाना का विधेयक ले आए। क्योंकि यह लंबे समय से लंबित है। हम इसका समर्थन करेंगे।" लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि भाजपा चाहती है कि सरकार भूमि और खाद्य सुरक्षा विधेयक पर पार्टी की चिंताओं पर विचार करे। भाजपा ने उत्तराखंड की त्रासदी, इशरत जहां मामले पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) में विवाद, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती स्थिति पर चर्चा की भी मांग की।
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