आरबीआई मौद्रिक नीति उपायों की समीक्षा करे : प्रधानमंत्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 17 अगस्त 2013

आरबीआई मौद्रिक नीति उपायों की समीक्षा करे : प्रधानमंत्री


manmohan singh pm
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि आर्थिक नीति निर्माण पर नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को चाहिए कि वह वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी वित्तीय बाधाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करे। 

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं कहूंगा कि वह समय आ गया है, जब हमें इनमें से कुछ क्षेत्रों की समीक्षा करनी चाहिए -एक वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था में, वित्तीय रूप से तंग एक अर्थव्यवस्था में मौद्रिक नीति की संभावनाओं और सीमाओं की।" सिंह ने सात रेसकोर्स मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडियाज हिस्ट्री वल्यूम4' का लोकार्पण करने के बाद कहा, "मैं समझता हूं कि व्यापक आर्थिक नीति निर्माण, लक्ष्य और साधन एक दूसरा क्षेत्र है, जहां मैं समझता हूं कि नए सिरे से सोचने की आवश्यकता है।"

मनमोहन सिंह ने आशा जाहिर की कि रघुराम राजन इनमें से कुछ कठिन क्षेत्रों की समीक्षा करने की कोशिश करेंगे। राजन पांच सितंबर को आरबीआई के गवर्नर का कार्यभार ग्रहण करने वाले हैं। मनमोहन ने कहा, "रिजर्व बैंक ने हमारे देश की उल्लेखनीय सेवा की है, लेकिन मैं समझता हूं कि सर्वोत्तम आना अभी भी बाकी है।"

कोई टिप्पणी नहीं: