रुपया का लुढ़कना जारी, ऐतिहासिक निचले स्तर पर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 17 अगस्त 2013

रुपया का लुढ़कना जारी, ऐतिहासिक निचले स्तर पर

one rupees coin
रुपये में जारी अवमूल्यन को रोकने के लिए और चालू खाता घाटा कम करने के लिए सरकारी कोशिशों के बाद भी शुक्रवार को रुपये ने अपने जीवन का नया निचला स्तर छू लिया। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में यहां रुपये ने डॉलर के मुकाबले 62.03 का नया ऐतिहासिक स्तर छू लिया। इससे पिछला निचला ऐतिहासिक स्तर छह अगस्त को 61.80 का था। शाम करीब पांच बजे रुपया डॉलर के मुकाबले 61.65 के स्तर पर था। यह बुधवार को 61.43 पर बंद हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बाजार गुरुवार को बंद था। चालू खाता घाटा कम करने की तमाम कोशिशों के बाद भी रुपये में गिरावट देखने को मिली।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार शाम पूंजी का बहिर्गमन और सोने का आयात रोकने के लिए उठाए गए कठोर कदम उठाए। आरबीआई ने रुपये पर दबाव कम करने के लिए किसी भी भारतीय निवासी या कंपनी द्वारा विदेश में निवेश करने पर ऊपरी सीमा लगा दी और चालू खाता घाटा कम करने के मकसद से सोने के सिक्के या पदकों के आयात पर रोक लगा दी।

अमेरिका में मौद्रिक प्रोत्साहन योजना को वापस लिए जाने की संभावना पर जहां पहले से बाजार में अनिश्चितता छाई है, वहां देश में प्रतिबंध से निवेशक और भयभीत हो उठे। रुपये में एक मई से अब तक करीब 14 फीसदी गिरावट आ चुकी है।

रुपये में गिरावट तथा शेयर बाजार के धराशायी होने पर अपनी प्रतिक्रिया में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष नैनालाल किदवई ने कहा, "रुपये में गिरावट से आर्थिक बुनियाद की कमजोरी का पता चलता है। फिक्की का मानना है कि ताजा अवमूल्यन लाक्षणिक है। हमारी उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय द्वारा तरलता घटाने और रुपये के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले कदम स्थिति ठीक होते ही वापस ले लिए जाएंगे। अभी निवेशकों में विश्वास का संचार करना सबसे महत्वपूर्ण काम समझा जाना चाहिए।"

कोई टिप्पणी नहीं: