पाकिस्तान में लाहौर की कोट लखपत जेल में साथी कैदियों के हमले का शिकार हुए सरबजीत सिंह की बेटी स्वपनदीप कौर नायब तहसीलदार बन गई हैं। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सरबजीत देश के लिए शहीद हो गए। भारतीय होने के कारण पाकिस्तान की जेल में उन्हें बहुत पीड़ा झेलनी पड़ी।
उन्होंने कहा, "नायब तहसीलदार के रूप में सरबजीत की बेटी की नियुक्ति राष्ट्र के लिए उनके बलिदान को राज्य सरकार की ओर से श्रद्धांजलि है। हमने अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाह किया, क्योंकि यह हर सरकार की मौलिक जिम्मेदारी होती है कि वह देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले अपने सपूतों का सम्मान करे।" बादल ने मई में सरबजीत की बेटी को नायब तहसीलदार की नौकरी देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि सरबजीत की दूसरी बेटी की नियुक्ति स्कूल शिक्षिका के रूप में की जाएगी। पंजाब सरकार ने सबरजीत के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता भी दी है।
सरबजीत पर 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल में हमला हुआ था। छह दिन तक जिंदगी व मौत से जूझने के बाद दो मई को उन्होंने लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दम तोड़ दिया। सरबजीत को पाकिस्तान में वर्ष 1990 में लाहौर व फैसलाबाद में बम विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन उनके परिवार का दावा है कि वह निर्दोष थे और गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे।
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