सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर ( 03 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 3 अगस्त 2013

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर ( 03 अगस्त)

कृषक अपने संसाधनों का समुचित संरक्षण करें - डाॅ. व्ही.एस.गौतम, अधिष्ठाता

आर.ए.के.कृषि महाविद्यालय, सीहोर उत्कृट प्रषिक्षण केन्द्र पर आत्मा परियोजना के अन्तर्गत विदिषा जिले के कुरवाई विकास खण्ड के ‘‘कृषक मित्र’’ का तीन दिवसीय प्रषिक्षण सम्पन्न हुआ। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. व्ही.एस.गौतम ने माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर प्रषिक्षण का शुभारम्भ किया। अपने उद्बोधन में डाॅ. गौतम ने खेती से अधिक लाभ के लिए प्रेरित कर वैज्ञानिक पद्धति अपनाने, कृषि संसाधनो, भूमि जल का संरक्षण, व कृषि आदानों की आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। डाॅ.एस.सी.गुप्ता मृदा वैज्ञानिक ने फसलों में पौषक तत्वों व जैव उर्वरकों की आवष्यकता व लाभ पर चर्चा कर जैविक खेती के महत्व पर प्रकाष डाला। डाॅ. डी.आर.सक्सेना ने फसलों के रोगों व समन्वित नियन्त्रण उपायों की जानकारी दी। डाॅ. श्रीमती नन्दा खाण्डवे ने कीट नियंत्रण के समन्वित प्रबंधन पर चर्चा की। डाॅ.एस.ए.अली ने साग-सब्जी, फल मसाला फसलों से अधिक लाभ के लिए तकनीक व उत्पादन समस्याओं पर चर्चा कर निराकरण किया। डाॅ. ए.एन.टिकले ने हरित क्रान्ति में उन्नत किस्म के बीजों की भूमिका पर प्रकाष डालते हुए अरहर की उन्नत किस्मों व बीज उत्पादन तकनीक की समझाइष दी। डाॅ. श्रीमती एस.बी.ताम्बी,  संयुक्त संचालक विस्तार ने उन्नत तकनीक का महत्व बताया। डाॅ. अनिल जैन ने सोयाबीन गुणों की चर्चा कर खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों व सस्य प्रबंधन पर जानकारी दी। कृषि इंजीनियर श्री एस.एस.कुषवाह ने भूमि जल संरक्षण उपायों, जल निकास, कृषि यंत्रों की उपयोगिता प्रतिपादित की।
डाॅ.एस.एन.सोनी ने प्रक्षेत्र प्रबंध के विभिन्न कारकों, कृषि संसाधनों के समुचित उपयोग की सलाह देकर कृषकों को व्यवसायिक, आर्थिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।  श्री त्रिलोचन सिंह ने उन्नत तकनीक के प्रचार प्रसार हेतु विभिन्न शैक्षणिक विधियों के उपयोग व तकनीकी जानकारी के विभिन्न स्त्रोतों के बारे में बताया। प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान श्री त्रिलोचन सिंह व डाॅ. जी.के.नेमा ने प्रक्षेत्र पर चल रहे विभिन्न अनुसंधान कार्यो, नाडेप कम्पोस्ट, उद्यानिकी, कृषि यंत्रों का अवलोकन कराया व तकनीकी मार्गदर्षन दिया। कृषक श्री चन्द्रभान सिंह, राजकुमार पाण्डे व आरिफ खां ने प्रषिक्षण के अनुभवों पर चर्चा कर कृषकों के लिए सार्थक बताया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. त्रिलोचनसिंह व आभार श्री एस.आर.अंसारी ने किया। अखिलेष सोनानिया विषय वस्तु विषेषज्ञ का आयोजन में सराहनीय सहयोग रहा।

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