कोयला मंत्रालय से कोल ब्लॉक आवंटन से संबंधित कुछ अहम दस्तावेज गायब हो गए हैं। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने इस बात का माना है कि कुछ फाइलें गायब हुई हैं। गायब फाइलों को ढूंढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।
एक राष्ट्रीय अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, घोटाले पर बनाई गई सर्च कमेटी की मीटिंग में खुलासा हुआ है कि 1993 से 2005 के बीच कोल ब्लॉक आवंटन की 45 फाइलों का कुछ भी पता नहीं है। इसमें 157 निजी कंपनियों के कोल ब्लॉक आवंटन वाले दस्तावेज शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सांसद विजय दर्डा की सिफारिश के दस्तावेज भी गायब हैं। बांदेर ब्लॉक के लिए दर्डा की सिफारिश को पीएमओ ने आगे बढ़ाया था। इससे पहले भी पांच फाइलें गायब होने की खबर थी। इसी सिफारिश के आधार ए.एम.आर आयरन एंड स्टील लिमिटेड को बांदेर कोल ब्लॉक दिया गया था। अखबार के मुताबिक उन 157 निजी कंपनियों के रिकॉर्ड भी गायब हैं जिन्होंने आवंटन के लिए टेंडर भरा था लेकिन वो मंज़ूर नहीं हुआ।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने सर्च कमेटी का गठन किया था, लेकिन सर्च कमेटी को कई अहम फाइलें नहीं मिल रही हैं। ये भी खुलासा हुआ है कि स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग के मिनट्स भी गायब हो चुके हैं। कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलों के गायब होने पर भाजपा ने चिंता जताई है और पूरे मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक मामले के पीएमओ से जुड़े होने की वजह से फाइलें गायब कराई जा रही हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें