नेताओं के बाद सामने आया अधिकारियों का संवेदनहीन चेहरा
जहां इतने मर गए, एक और मर जाए तो क्या फर्क पडेगा- एसडीएम
देहरादून, 1 अगस्त। उत्तराखण्ड में आई आपदा के बाद नेताओं का संवेदनहीन चेहरा सामने तो आया ही था, अब अफसरशाही का भी संवेदनहीन चेहरा सामने आने लगा है। गुप्तकाशी के एक स्थानीय व्यक्ति के दो साल के बच्चे को जब इलाज के लिए कहीं ले जाने की मिन्नतें स्थानीय व्यक्ति एसडीएम गुप्तकाशी से करता रहा, तो उसने उस व्यक्ति को बेरूखी से मना ही नहीं कर दिया, बल्कि यहां तक कह दिया कि जब हादसे में इतने सारे लोग मरे हैं, ये तेरा बच्चा भी मर जाएगा तो क्या हो जाएगा। यह उत्तराखण्ड सरकार की अफसरशाही का एक वो घिनौना चेहरा है, जो आपदा में फंसे स्थानीय लोगों के सामने आया है, क्योंकि गुप्तकाशी, फाटा, सौनप्रयाग और गौरीकुण्ड में प्राथमिक चिकित्सा के अलावा गंभीर रोगों से निजात पाने की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही यातायात हेतु सडक मार्ग। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण आखिर जाएं तो जाएं कहां, उनके पास सरकार के संवेदनहीन अधिकारियों के सामने मिन्नत करने के सिवा आखिर बचता भी क्या है। इसी तरह की घटना धारचूला क्षेत्र में एक बच्ची के साथ भी हुई, जिसको हायर सेंटर तक इलाज के लिए ले जाने को लेकर उसके परिजन और स्थानीय लोग अधिकारियों से मिन्नतें करते रहे, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा, आखिरकार मीडिया में चर्चा होने के तीन दिन बाद उस बच्ची को हल्द्वानी बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां स्थिति नाजुक होने पर उसे दिल्ली रैफर किया गया, हालांकि बच्ची की जान तो नहीं बच पाई, लेकिन बच्ची की मौत ने उत्तराखण्ड सरकार की अफसरशाही के उस घिनौने चेहरें को सार्वजनिक कर दिया, जिसमें संवेदन और भावनाओं की कोई कद्र नहीं है। ताजा प्रकरण गुप्तकाशी के पास स्थानीय ग्रामीण जब एसडीएम हरक सिंह रावत के सामने अपने बच्चे हायर सेंटर को रैफर करने को लेकर मिन्नतें करता रहा, तो एसडीएम ने उसे धमकाया ही नहीं बल्कि उसे बंद करने तक की धमकी दे दी और यहां तक कह दिया कि जब केदारनाथ हादसे में इतने लोग मारे जा चुके हैं, अगर तेरा एक बच्चा मर जाएगा तो क्या फर्क पड जाएगा। मामले में भाजपा नेता प्रकाश पंत का कहना है कि उत्तराखण्ड सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है, उन्होंने कहा कि एक अधिकारी का इस तरह का सार्वजनिक स्थान पर कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों और नेताओं पर हैलीकाप्टरों के दुरूपयोग का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि जीवन और मौत के बीच झूल रहे लोगों के लिए हैलीकाप्टर उपलब्ध नहीं है और मंत्रियों व नेताओं के लिए हैलीकाप्टरों में घूमने की छूट मिली हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक घटना की गंभीरता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया है, जबकि इतनी गंभीर घटना राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में आती है। उन्होंने इस बात पर भी शक जाहिर किया कि आपदा के बाद राहत के नाम पर कांग्रेसी नेताओं में जो बंदरबांट होगी उसको रोकने के उपाय जनता को ही करने होंगे।
पब्लिक स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करना दुर्भाग्यपूणर्रू राज्यपाल
देहरादून, 1 अगस्त, । राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने पब्लिक स्कूलों में गरीब वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इन स्कूलों के प्रबंधन को समय रहते सुधार करने की हिदायत दी है। सुभाष रोड स्थित एक होटल में गुरूवार को केन्द्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग के प्राचार्यों का तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन प्रारंभ हुआ। इस सम्मेलन का शुभारंभ राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने किया। इस दौरान अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि भारत में अंग्रेजों ने अपने पैर जमाने शुरू किये लेकिन वे बंदूक और तलवारों से भारतीयों पर कब्जा नहीं कर पाये। जिसके बाद उन्होंने शिक्षा प्रणाली को भारतीय विचारधारा को काबू में करने का हथियार बनाया और लार्ड मैकाले की फिलासफी से लोगों को पश्चिमी विचारधारा में ढालने का काम शुरू किया। राज्यपाल ने कहा कि इससे लोग प्रभावित हुए और अपनी संस्कृति और विरासत को कुछ समय के लिए भूल गये लेकिन इतना जरूर है कि भारतीयों को पश्चिमी विचारधारा से रूबरू होने का अवसर मिल गया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के शोलों ने भारत में एक नई क्रांति को जन्म दिया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राजनीति में आने के बाद स्वाधीनता की लडाई को नई गति मिली। चम्पारण से शुरू हुए राष्ट्रपिता के अहिंसात्मक आंदोलन में पूरा राष्ट्र एक साथ चला। जबकि उस समय कांग्रेस के नेता कहीं बैठ कर बैठक करते या सम्मेलन आदि कर अंग्रेज सरकार से आजादी के लिए गुहार लगाते थे उस समय महात्मा गांधी ने आंदोलन को नई दिशा दी। उनका उद्देश्य हिन्दूस्तानियों को सडकों पर उतार कर आंदोलन के लिए सक्रिय करना था। राज्यपाल डा. कुरैशी ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के गरीब और वंचित वर्ग को शिक्षा देने के लिए जिस शिक्षा व्यवस्था को प्रारंभ किया था दुर्भाग्यवश वह व्यवस्था आज तक अधूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विद्यालयों को अपने बुनियादी कर्तव्य को समझते हुए उस शिक्षा व्यवस्था को पूर्ण करना होगा। जब तक समाज के कमजोर वर्ग को उपर उठाने का मौका नहीं दिया जायेगा तब तक शिक्षा व्यवस्था भी अधूरी है। उन्होंने कहा कि गरीब व प्रतिभावान बच्चों को संरक्षण दे कर शिक्षित करना विद्यालयों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देहरादून में प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल हैं लेकिन आबादी का 95 फीसदी वर्ग इन स्कूलों में जाने की हिम्मत नहीं कर सकता। पब्लिक स्कूलों में शिक्षा लेना गरीब वर्ग के बच्चों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। यदि पब्लिक स्कूलों का यही रवैया रहा तो भविष्य में इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। इसीलिए पब्लिक स्कूलों को समय रहते अपने नियमों में सुधार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं जिसे जारी रखा जाना चाहिए। इस दौरान केन्द्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त सरदार सिंह चैहान ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालयों की व्यवस्था भारत सरकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण के चलते उनके बच्चों को शिक्षा देने, सभी बच्चों को एक समान शिक्षा उपलब्ध कराने और उनमें एकता की भावना जागृत करने के लिए की गयी थी। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर केन्द्रीय विद्यालयों को राज्य सरकार से भूमि उपलब्ध कराने के राज्यपाल से अनुरोध भी किया। इस अवसर पर संगठन के स्टेट कमिश्नर प्रबोध टम्टा तथा 48 केन्द्रीय विद्यालयों के प्राचार्य भी मौजूद थे।
बिना किसी किसी प्लानिंग के हो रहा आपदा राहत का कामरू कुंजवाल
देहरादून, 1 अगस्त, । विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि आपदा राहत का कोई प्लान सरकार के पास नहीं है, जल्दबाजी और लापरवाही के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं और लोगों की जानें जा रही हैं। गुरूवार को यहां विधानसभा अध्यक्ष अल्मोडा के एसडीएम अजय अरोडा के परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सूबे में आपदा राहत का काम किसी प्लानिंग के तहत नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण अब तक कई हादसें हो चुके हैं उन्होंने कहा कि जब अजय अरोडा का स्वास्थ्य ठीक नहीं था तो सरकार ने उन्हें वहां क्यों भेजा। उधर मंदाकिनी की तेज धार में बहे एसडीएम अजय अरोडा को गोताखोर द्वारा काफी देर तक ढूंढा गया, लेकिन गुरूवार दोपहर बाद तक भी पता नहीं लगा पाए। उनके आवास पर उनके माता-पिता पत्नी एंव अन्य परिजनों का हाल बुरा है, वहीं दूसरी और पर्यटन अमृता रावत ने इस मामले में विवादस्पद बयान देते हुए कहा है कि आज कल ब्लडप्रेशर तो आमतौर सभी को होता है इस का मतलब यह नहीं कि ब्लडप्रैशर है तो आदमी काम नहीं करेगा।
लो-फ्लाईंग के जरिए की एसडीएम की तलाश, कुछ पता नहीं चला
देहरादून, 1 अगस्त,। गुरूवार को कमिश्नर गढवाल सुबर्द्धन, जिलाधिकारी दिलीप जावलकर एवं डी.आई.जी द्वारा हैलीकाप्टर से मंदाकिनी नदी मंें लो-फ्लाईंग द्वारा गत दिवस केदारनाथ में मंदाकिनी नदी में बहे उपजिलाधिकारी अजय अरोडा की खोजबीन की गई, मगर उनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया हैं। जिलाधिकारी दिलीप जावलकर ने बताया कि पूरी मंदाकिनी नदी की हैलीकप्टर की लो-फ्लाईंग के माध्यम से विडियोग्राफी भी करवाई गई हैं, उन्होंने बताया कि आज रामबाडा में मौसम बेहद खराब होने के चलते रामबाडा से ऊपर केदारनाथ के लिए हैलीकाप्टर की उठान नहीं भरी गई साथ ही बताया कि आज 02 अतिरिक्त खोजी दस्ते सोनप्रयाग और गौरीकुण्ड के लिए रवाना कर दिए गए हैं। केदारनाथ और नदी के समीपवर्ती स्थानों में खोजबीन का कार्य जारी हैं।
चुनावों को लेकर महिला कांग्रेस ने शुरू की तैयारियां
देहरादून, 1 अगस्त,। कांग्रेसी नेताओं में भले ही घमासान मचा हुआ हो, लेकिन उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी ने आगामी चुनावों को लेकर अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। कमेटी के द्वारा पदाधिकारियों को अन्य दिशा-निर्देशों के साथ ही पोलिंग बूथ बनाने को कहा गया है। आगामी चुनावांे को लेकर महिला कांग्रेस कमेटी ने अपनी तैयारियों को शुरू कर दिया है। कमेटी के द्वारा न केवल सदस्यता अभियान को मूर्तरूप दिया जा रहा है, अपितु पोलिंग बूथ स्तर तक अपनी पहुंच बनाने की दिशा में भी कदम बढा दिया है। इस कार्य के लिए कमेटी की तमाम पदाधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष स्तर से आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिये गये है। कमेटी का साफ मानना है कि महज पद लेकर काम नहीं चलेगा, धरातल पर कार्य करके ही संगठन को मजबूत बनाया जा सकता है। इस बाबत महिला कांग्रेस अध्यक्षा सरोजनी कैन्त्यूरा का कहना है कि बूथ स्तर तक पैठ बनाने के लिए प्रदेश पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिये गये है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बूथ पर 5-5 महिलाओं को रखने को कहा गया है। संगठन मजबूती को हर सम्भव प्रयास करने की बात कहते हुए उन्होंने आज खबर से कहा कि पोलिंग बूथ बनाने का कार्य फिलहाल मैदानी जनपदों में किया जा रहा है तथा पार्टी पदाधिकारियों को अक्टूबर माह तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सदस्यता अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि अधिकाधिक संख्या में महिलाओं को संगठन से जोडा जा सके। इसके अलावा रिक्त पड वार्ड अध्यक्षों की जगह को भी भरने के निर्देश पदाधिकारियों को दिये गये है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
डीएवी में प्रवेश प्रक्रिया शुरू ,नए छात्रों को लुभाने में लगे छात्र संगठन
देहरादून, 1 अगस्त,। गुरूवार से डीएवी महाविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ तमाम छात्र संगठन भी सक्रिय हो गये हैं। गुरूवार को कॉलेज में उमडी छात्रों की भीड के कारण जहां कॉलेज में अव्यवस्था फैली रही, वहीं कॉलेज के बाहर सडक में भी जबरदस्त जाम लगा रहा। डीएवी महाविद्यालय में गुरूवार से नये सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। प्रवेश फार्म लेने के लिए आज कॉलेज में बडी संख्या में छात्र पहंुचे। वहीं तमाम छात्र संगठन भी नये छात्रों को लुभाने और अपना वोट बैंक बनाने के लिए शक्ति प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं रहे जिसके चलते डीएवी में अव्यवस्था फैली रही। कॉलेज में छात्रों के वाहन पार्किंग स्थल की बजाय गेट से लेकर कॉलेज परिसर में जहां-तहां खडे थे जिसके चलते कॉलेज के भीतर जाम की स्थितिउत्पन्न हो गयी वहीं अंदर जगह न होने के चलते कॉलेज के गेट के बाहर भी छात्रों ने बेतरतीबी से अपने वाहन खड करे हुए थे जिस कारण बाहर सडक में जाम लग गया था। प्रवेश फार्म लेने वाले छात्रों से ज्यादा संख्या छात्र संगठन के नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं की थी। जो नये छात्रों को किसी भी तरह से अपना वोट बैंक बनाना चाहते थे।
मृदा एवं जल संरक्षण उपायो के लिये 60.70 करोड रूपये का प्रस्ताव दिया
नई दिल्लीध्देहरादून, 1 अगस्त,। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणाा ने गुरूवार को कृषि भवन में केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से भेंट कर उन्हें प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मृदा एवं जल संरक्षण उपायो के लिये 60.70 करोड रूपये का प्रस्ताव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश में कृषि आधारित गतिविधियां बडे़ पैमाने पर प्रभावित हुई है। जहॉ एक ओर पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीणों के खेत बह गये हैं वही दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में बाढ ने कृषि भूमि को भी भारी नुकसान पहंुचा है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों की मुख्य आजीविका कृषि पर ही आधारित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ की फसल का उत्पादन भी प्रभावित होेगा, ऐसे में यथाशीघ्र राहत के कदम उठाने होंगे। रृाज्य सरकार द्वारा सौपे गये प्रस्ताव मंे प्रदेश की 37000 हेक्टेयर कृषि भूमि का ट्रीटमेंट तत्काल शुरू करने की आवश्यकता बताई गई है, जिसके लिये सी0आर0एफ0 के मानकों के अनुसार लगभग 55 करोड रूपये का खर्च अनुमानित है। राज्य सरकार के प्रस्ताव में सीढीदार खेतों की मरम्मत, चेक वॉल, चेक डैम, रिटेनिंग वाल आदि बनाने के साथ ही मृदा क्षरण रोकने के लिये वनस्पतियों के रोपण आदि को शामिल किया गया है। इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में विकासखण्ड कार्यालयों के भवनो का सुदृढीकरण, राजकीय कृषि फार्म, अगस्त्यमुनि (रूद्रप्रयाग) को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति, डोईवाला, रायपुर, कालसी, उखीमठ, भटवाडी आदि स्थानों में बीज भंडार गृहों की मरम्मत का कार्य भी प्रस्ताव में शामिल है। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव सुभाष कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी एस0डी0 शर्मा सहित कृषि मंत्रालय के संबन्धित सचिव भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये 44.67 लाख रूपये का चेक भंेट किया
नई दिल्लीध्देहरादून, 1 अगस्त, । भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ0 हरि शंकर गुप्त ने गुरूवार को कृषि भवन मेें मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये 44.67 लाख रूपये का चेक भंेट किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार भी उपस्थित थे। यह धनराशि आई0ए0आर0आई0 के कर्मचारियों ने उŸाराखण्ड के आपदा प्रभावितों की मदद के लिये एकत्र की है।
आपदा की आड में टाले पंचायत चुनाव : ध्यानी
देहरादून, 1 अगस्त,। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश सुमन ध्यानी ने कहा कि आपदा की आड लेकर प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव मार्च 2014 तक के लिए टाल दिये हैं। आपदा के मध्य नजर अत्यधिक प्रभावित जिलों के अलावा अन्य जिलों में चुनाव कराये जा सकते थे। आपदा एक बहाना है वास्तव में तो सरकार स्थानीय निकाय चुनाव एवं टिहरी लोक सभा उप चुनाव के बाद जनता का सामना करने से डर रही है। चुनाव वरसात में नही सितम्बर में होने थे तो आपदा प्रभावित जनपदों के अतिरिक्त अन्य जिलों में चुनाव टालने की क्या आवश्यकता थी। सरकार ने स्थानीय निकाय के चुनाव टालने का भी पूरा प्रयत्न किया लेकिन भाजपा हाईकोर्ट के आदेश से समय पर चुनाव कराने में सफल रही। यदि आपदा के कारण पंचायत चुनाव टाले गये है तो स्थानीय निकाय टालने का प्रयत्न क्यों किया था। तब तो कोई आपदा नही थी। कांग्रेस बताये कि यदि दिसम्बर तक लोक सभा चुनाव होते है तो क्या उत्तराखण्ड में लोक सभा चुनाव भी नही कराये जायेंगे। यदि लोक सभा चुनाव करायेंगे तो सरकार बताये कि जब लोक सभा चुनाव हो सकते हैं तो पंचायत चुनाव क्यों नही हो सकते। पंचायत चुनाव व लोक सभा चुनाव के लिए अलग-अलग मानदण्ड नही हो सकते है। श्री ध्यानी ने कहा कि पंचायत राज एक्ट की भावना के अनुसार पंचायत का प्रभार प्रशासकों को नही दिया जा सकता है। सरकार ने छः माह के लिए अवधि बढा दी है तो पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल भी छः माह बढा देना चाहिए था। लेकिन सरकार ने पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियो का कार्यकाल अभी तक नही बढाया है। यदि सरकार कहती है कि अधिकारी आपदा राहत कार्यो मे व्यस्त है वे पंचायत चुनाव कैसे करायेंगे, तो फिर सरकार बताये कि इतने व्यस्त अधिकारी पंचायतों के प्रशासक का अतिरिक्त कार्य कैसे संभालगें। अतः पंचायत प्रतिनिधियों का भी छः माह का कार्यकाल बढा देना चाहिए। यही पंचायत राज संविधान संशोधन की भावना भी है कि चुने हुए प्रतिनिधि ही पंचायतों का कार्य समभालें। सरकारी अधिकारियों पर पंचायतों का कार्य नही छोडा जा सकता है। माननीय हाईकोर्ट ने भी समय-समय पर यही निर्णय दिये है। लेकिन सरकार पंचायतों पर प्रशासक बैठाना चाहती है क्योंकि अधिकांश पंचायतों पर भाजपा का कब्जा है जहां सरकार प्रशासक बिठाकर सत्ता का दुरूपयोग करते हुए मनमानी करना चाहती है।
मूलभूत सुविधाएं बहाल करने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रहीरू अमृता
देहरादून, 1 अगस्त, । उŸाराखण्ड में दैवीय आपदा से प्रभावित गांवों में राहत पहुंचाने व मूलभूत सुविधाएं बहाल करने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। राज्य के अधिकांश प्रमुख पर्यटन स्थल मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश, रानीखेत, कौसानी आदि पूरी तरह से सुरक्षित हैं। पर्यटक यहां निश्चिंत होकर आ सकते हैं। पर्यटन व संस्कृति मंत्री श्रीमती अमृता रावत ने कहा कि सुलभ संस्था की भांति ही अन्य एनजीओ व कारपोरेट इकाईयों को भी आपदा प्रभावित गांवों को अपनाने के लिए आगे आना चाहिए। श्रीमती रावत स्थानीय इंदिरा नगर पार्क में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गेनाइजेशन द्वारा रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ तहसील के ग्राम सभा दिवली के आपदा पीडित परिवारों के लिए सुलभ सहायता योजना को विधिवत प्रारम्भ करने के अवसर पर सम्बोधित कर रही थीं। पर्यटन मंत्री श्रीमती अमृता रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड में आई आपदा से देश का हर प्रान्त जुडा हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों के लोग इससे प्रभावित हुए हैं। उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की योजना को सराहनीय बताते हुए अन्य संस्थाओं को इससे प्रेरणा लेने को कहा। आपदा प्रभावित गांवों में सरकार सुविधाएं पहुंचाने का भरसक प्रयत्न कर रही है। पर्यटन पर आधारित उŸाराखण्ड की आर्थिकी को काफी नुकसान हुआ है। बडी संख्या में लोगों की आजीविका भी प्रभावित हुई है। यहां के अधिकांश पर्यटन स्थल पूरी तरह से सुरक्षित हैं फिर भी पर्यटक यहां आने से कतराने लगे हैं। पर्यटकों में फिर से विश्वास उत्पन्न करना होगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर 27 सितम्बर को उŸाराखण्ड में कार्यक्रम आयोजित करने की जानकारी दी है। सुलभ के संस्थापक डा.विन्देश्वरी पाठक ने बताया कि दिवली ग्रामसभा के लिए सुलभ संस्था ने वहां की प्रत्येक आपदा प्रभावित महिला को 2 हजार रुपये प्रतिमाह की सहयोग राशि प्रदान की जायेगी। साथ ही इस गांव के प्रत्येक अभावग्रस्त वयस्कों को 2-2हजार रुपये प्रतिमाह तथा उनके बच्चों को भी 1-1 हजार रुपये प्रतिमाह की सहयोग राशि प्रदान की जायेगी। यह आर्थिक सहयोग उन्हें आत्मनिर्भर होने तक दिया जायेगा। यह भी प्रयास होगा कि प्रभावित महिलाओं, युवकों और अध्ययनरत छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दें, ताकि ये स्वावलंबी हो सकें। दिवली ग्रामसभा के अंतर्गत दिवली ग्राम की 10 महिलाओं, 21 वयस्कों, 18 बच्चों, भनीग्राम की 11 महिलाओं,22 वयस्कों, 17 बच्चों, ढामस की 2 महिलाओं, 2 वयस्कों, 4 बच्चों, सिरवाणी की 4 महिलाओं, 18 वयस्कों, 6 बच्चों, पिठोरा की 3 महिलाओं, 10 वयस्कों, 1 बच्चा व घंघोरा ग्राम की 1 महिला, 2 वयस्कों व 2 बच्चों को आर्थिक सहयोग दिया जायेगा। कार्यक्रम में विधायक ऋषिकेश प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य स्थानिक आयुक्त एसके मट्टु, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डा. विन्देशवर पाठक सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
एक और दहेज उत्पीडन का मामला सामने आया
देहरादून, 1 अगस्त,। ससुरालियों को विवाहिता द्वारा दहेज न मिला तो वे मारपीट पर उतर आए और उसे जान से मारने की धमकी देते हुए घर से निकाल दिया। महिला की ओर से ससुरालियांे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दून में दहेज उत्पीडन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक और मामले में ससुरालियांे ने दहेज न लाने पर विवाहिता को घर से निकाल दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गयी है। कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार श्रीमती सीमा पुनीत ने पुलिस को दी गयी शिकायत में बताया कि उसका विवाह फरीदाबाद हरियाणा निवासी पुनीत ओबराय के साथ हुआ था। सीमा पुनीत का कहना है कि शादी के बाद से ही उस से दहेज मांगा जा रहा था और इसके लिए उसकी पिटाई की जाती थी। कई बार सीमा पुनीत ने अपने पिता को इस बारे में बताया था जिसे लेकर मायके वालों ने सीमा पुनीत के ससुरालियों को समझाने का भी प्रयास किया। सीमा पुनीत के अनुसार उसके पिता ने शादी के समय अपनी क्षमता के अनुसार दान दहेज दिया था लेकिन बावजूद इसके उसके ससुराली उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे थे और उसका उत्पीडन करने लगे। उसने अपने ससुरालियांे की इस मांग के बारे में अपने पिता को बताया तो परिजनों ने और अधिक दान दहेज देने में अपनी असर्थता जाहिर कर दी। इधर रोज-रोज की मारपीट एवं तानों से तंग आकर सीमा पुनीत ने पुलिस को शिकायत करने की चेतावनी दी जिस पर ससुरालियों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। अपने पिता के पास पहुंचने के बाद घर एवं समाज के कुछ लोगों ने समझौता करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। बाद में मामला महिला हेल्प लाईन में पहुंचा। यहां भी दोनों परिवारों के बीच सुलह का जब कोई रास्ता नहीं निकल पाया तो सीमा पुनीत की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने पति पुनीत ओबराय समेत सास-ससुर एवं अन्य ससुरालियांे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है।
नाले के साथ गंदा पानी व सीवर छोडने का विरोध
देहरादून, 1 अगस्त, । पार्श्वनाथ मॉल से काफी समय से काम्पलेक्स से नाले के साथ गंदा पानी व सीवर छोडने के विरोध में सालावाला सहित आस पास के क्षेत्रवासियों ने वहां कार्यरत प्रबंधक से भेंट की और कहा कि इस मामले पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए, इस दौरान प्रबंधक ने 25 दिन में इस समस्या का समाधान करने का भरोसा दिया। यहां क्षेत्रीय पार्षद भूपेन्द्र कठैत के नेतृत्व में क्षेत्रवासी पार्श्वनाथ मॉल के काम्पलैक्स में कार्यरत प्रबंधक कर्नल एस पी माखन से मिले और वहां पर उन्होंने समस्याओं के बारे में अवगत कराया। क्षेत्रवासियों का कहना था कि इस मामले में पूर्व में नगर निगम द्वारा चालान भी किया गया लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। उनका कहना है कि क्षेत्र के चन्द्रलोक कालोनी व बृजलोक कालोनी में लगातार छोडा जा रहा गंदे सीवर के पानी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है और इससे वहां पर लोगों के सामने बीमारी का भय लगातार बना हुआ है और अब तक उस पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है और यदि इस पर रोक नहीं लगाई गई तो आंदोलन किया जायेगा। क्षेत्रवासियों ने कहा कि यदि शीघ्र ही कार्यवाही नहीं की गई तो इस पर क्षेत्रवासी ही अपना निर्णय लेंगे। प्रबंधक ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस दौरान अनुज रोहिला, सिकन्दर सिंह, आर एम शर्मा, ओ पी वैश्य, अमरजीत सिंह, एस के दत्ता, आर एस रावत आदि मौजूद थे।
ओएनजीसी कान्ट्रेक्ट इम्पलाईज यूनियन का तेल भवन के समक्ष प्रदर्शन
देहरादून, 1 अगस्त,। अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर ओएनजीसी कान्ट्रेक्ट इम्पलाईज यूनियन ने तेल भवन के मुख्य द्वार के समक्ष प्रदर्शन किया और धमकी दी है कि यदि प्रबंध तंत्र ने शीघ्र ही समस्याओं का समाधान नहीं किया तो आंदोलन किया जायेगा। गुरूवार को यहां यूनियन से जुड हुए कर्मचारी तेल भवन के मुख्य द्वार के समक्ष इकठठा हुए और वहां पर प्रबंध तंत्र के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लगातार संघर्ष करने के बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है और लगातार उनका उत्पीडन किया जा रहा है। यूनियन समय-समय पर संविदा कर्मचारियों के हितों के लिए संविदाकार व प्रबंध तंत्र के सम्मुख समस्याओं को रखती आई है लेकिन उनका निदान नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि 15-20 वर्षों से ठेके पर कार्य करते आ रहे है, कर्मचारियों को ओएनजीसी द्वारा पफेयर वेज पॉलिसी लागू नहीं की जा रही है जो चिंता का विषय है। इस पालिसी को लागू कर न्यूनतम वेतन के अतिरिक्त 35 प्रतिशत बढोत्तरी की जानी थी जिसकी घोषणा गत वर्ष 15 अगस्त को ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने की थी, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि न्यूनतम वेतन में 35 प्रतिशत वेतन वृद्धि करने की आवश्यकता है। न्यूनतम वेतन में 35 प्रतिशत वेतन वृद्धि के अलावा 50 रूपये प्रतिदिन देय करने, संविदा कर्मचारियों को 60 वर्ष की रोजगार की सुरक्षा की गारंटी देने, ग्रेच्युटी का लाभ दिये जाने, संविदा कर्मचारियों को साधारण जीवन बीमा से पांच लाख तथा आकस्मिक मृत्यु पर 10 लाख दिये जाने, संवदिा कर्मचारी को 18 आकस्मिक छुटटी, फेयर वेज पालिसी को हर पांच वर्ष में बढोत्तरी की व्यवस्था, पालिसी को एक अगस्त 12 से दिये जाने की मांग की जा रही है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। वक्ताओं ने कहा कि उक्त पालिसी के लाभ से संविदा कर्मचारी वंचित है, जिसमें तीन संविदा कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और उनके परिवारों को उसका लाभ नहीं मिल पाया है जिससे कर्मचारियों में रोष बना हुआ है। उक्त पालिसी में 47 टैक्नीकल कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित किया गया और जबकि वह 20-22वर्षों से ओएनजीसी में संविदा पर कार्यरत है उनको पूर्व से ही 15 प्रतिशत का लाभ अन्य कर्मचारियों की भांति ओएनजीसी द्वारा दिया जा रहा है। इस दौरान यूनियन के अध्यक्ष व इंटक राष्ट्रीय सचिव हीरा सिंह बिष्ट, जोत सिंह गुनसोला, बी के छतवाल, रवि पचैरी, आनंद जोशी, अनिल चमोली, अनिल कुमार, रमेश नौटियाल, राजेश ध्यानी, पी सी वर्मा, संजय चंदोला सहित अनेक कर्मचारी मौजूद थे।
वादाखिलाफी का आरोप लगाया
देहरादून, 1 अगस्त, । प्रबंध निदेशक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम से जुड हुए इंजीनियरों ने वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि एमडी द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर्स से संबंधित फाइलों को दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन धरने को जारी रखा और उनका कहना है कि जब तक समस्याओं का समाधन नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रखा जायेगा। शीघ्र ही कार्यालय में तालाबंदी की जायेगी। गुरूवार को यहां संघ से जुडे हुए इंजीनियर मोहनी रोड स्थित पेयजल मुख्यालय में इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन धरने को चैथे दिन भी जारी रखा। वक्ताओं ने कहा कि शासन को प्रकरण संदर्भित करने की सहमति के बाद भी प्रकरण लंबित है तत्काल अर्हता परीक्षा को समाप्त किया जाना चाहिए। कनिष्ठ अभियंता से अपर सहायक अभियंता से सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता एवं उच्च पदों पर तत्काल पदोन्नति की जाये,देय तिथि, डीपीसी की तिथि तक के गोपनीय प्रतिवेदनों की उपलब्ध कर सभी हेतु समान मानक तय करने हेतु आदेश निर्गत किया जाये। उनका कहना है कि मैरिट लिस्ट में वरिष्ठ होने के बावजूद नियुक्त पत्र कनिष्ठों से बाद में निर्गत करने के कारण अक्टूबर 2005 के बाद कार्य भार ग्रहण करने वाले लगभग 12 कनिष्ठ, अपर सहायक अभियंताओं की भी पेंशन योजना स्वीकृत किया जाये। अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त समस्त अभियंताओं को प्रान नंबर आवंटित किया जायेगा। 6600 या अधिक ग्रेड पे के कार्मिकों को कार भत्ता अनुमान्य किया जाये, मोटर साईकिल भत्ता शासनादेश के अनुरू रूपये 1200 किया जाये। उत्तर प्रदेश जल निगम लखनउ के अनुरूप 30 लीटर पेट्रोल, विभागीय कार्यों हेतु स्वीकृत किया जाये। ऐसी अन्य समस्याओं का समाधन किया जाये अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जायेगा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पिछले काफी समय समझौता किया गया लेकिन आज तक उसका पालन नहीं किया गया है जिसके कारण
इंजीनियरों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। उनका कहना है कि शासन द्वारा घोषित दागी अभियंताओं की निकृष्ट ग्रेडिंग की उत्कृष्ण कराकर एक रात में ही उन्हें अध्शिासी अभियंता पद पर पदोन्नति आदेश निर्गत करने में संकोच नहीं हुआ है और इसी प्रकार की प्रवृत्ति निसंदेह फिक्सिंग, अधिनायक बाद का द्योतक है, और कभी भी तालाबंदी, घेराव एवं हडताल आरंभ की जा सकती है। उनका कहना है कि निगम को राजकीय विभाग घोषित किया जाये, राजकीय विभाग घोषत होने तक समस्त शासनादेश यथावत पयेजल निगम में लागू माना जाये, सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, ट्रिब्यूनल द्वारा प्रभारीव्यवस्था को विधि विरूद्ध घोषित किया है और मुख्य अभियंता सहित समस्त रिक्त पदों पर प्रभारी व्यवस्था समाप्त कर नियमित पदोन्नति की जाये। इस दौरान धरने में ए के चतुर्वेदी, अरूण रावत, पी एस शर्मा, नवीन बिष्ट, हर्षवर्धन, चमनलाल, ए के जैन, शीतल गुरूंग, रूचि सैनी, राजुल राजवंशी, सुनील गुसांई, प्रमोद रस्तोगी, जे वी शर्मा सहित अनेक इंजीनियर मौजूद थे।
गैस की कालाबाजारी के खिलाफ भाजपाईयों का प्रदर्शन
देहरादून, 1 अगस्त,। भाजपाईयों ने जिला पूर्ति अधिकारी के कार्यालय के समक्ष राजीव नगर स्थित शिवा गैस एजेंसी में लगातार हो रही गैस की कालाबाजारी के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि यदि गैस की कालाबाजारी को रोका नहीं गया तो आंदोलन किया जायेगा। यहां भाजपा पार्षद एवं कार्यकर्ता जिला पूर्ति अधिकारी के कार्या, (राजेन्द्र जोशीलय पहंुचे और वहां पर उन्होंने गैस की कालाबाजारी के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपाईयों ने कहा कि पिछले काफी समय से इस एजेंसी से गैस की कालाबाजारी हो रही है और शिकायत किये जाने के बाद भी उस पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि लगातार शिकायतों के बाद जब एजेंसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से क्षेत्रीय पार्षद ने पूछा तो उन्होंने क्षेत्रीय पार्षद वर्षा बडोनी से अभद्रता की, उनका कहना है कि इस एजेंसी से बाहर से ही एक हजार रूपये में गैस की सप्लाई कर दी जाती है और लोगों को समय पर गैस नहीं मिल पा रही है। उनका कहना है कि इस गैस एजेंसी के खिलाफ यदि शीघ्र ही कार्यवाही नहीं की गई तो सडकों पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा। इस दौरान जिला पूर्ति अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिया कि शीघ्र ही इस दिशा में कार्यवाही की जायेगी और दोषी गैस संचालक पर लगाम लगाया जायेगा। प्रदर्शन करने वालों में पार्षद भूपेन्द्र कठैत, नंदिनी शर्मा, वर्षा बडोनी, कमली भटट, मीरा भटट, सतीश कश्यप, अनिल खन्ना, अतुल शर्मा, रंजीत भंडारी सहित अन्य पार्षद व कार्यकर्ता मौजूद थे। बाद में सभी प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी से भेंट करते हुए गैस संचालक की शिकायत की और कार्यवाही किये जाने की मांग की, जिलाधिकारी आर मिनाक्षी सुंदरम ने इस मामले पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
शहीद मनोज राणा के परिजनों से मिले पूर्व सीएम सहित कई भाजपाई
देहरादून, 1 अगस्त, । मेजर जनरल (से0नि0) भुवन चन्द्र खण्डूडी पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अरूणा खण्डूडी गुरूवार को 12 बजे देहरादून के ओल्ड राजपुर रोड (चन्द्रलोक कॉलानी) में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुये 15 वीं राष्ट्रीय राईफल में राईफल मेन मनोज राणा के घर पर गये तथा वहॉ पर शहीद मनोज राणा के पिता जीत सिंह राणा, माता जी व अन्य परिवार के सदस्यों से मिलकर उनको ढॉढस बॅधातें हुए संवेदना व्यक्त की एवं शहीद राईफल मेन मनोज राणा को श्रद्धांजली अर्पित की। पूर्व मुख्यमंत्री के साथ तीरथ सिंह रावत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, खजान दास, पूर्व मंत्री एवं मालचंद, विधायक पुरोला भी थे। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री देहरादून में एस0डी0एम0 अजय अरोडा जो कल केदारनाथ धाम में अस्थायी पुल से मंदाकनी नदी को पार करते हुए धारा में बह गये थे के घर पाम सिटी में उनकी पत्नी श्रीमती मोना अरोडा से मिलने गये। परन्तु एस0डी0एम0 अरोडा की धर्मपत्नी एवं घर के अन्य सदस्यों के रूद्रपुर चले जाने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री ने एस0डी0एम0 अजय अरोडा के पिताजी किशन लाल अरोडा से दूरभाष पर वार्ता कर ढॉढस बॅधाया।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने की बैठक, बिजली पानी की समस्याओं को रखा
हरिद्वारध्देहरादून, 1 अगस्त, । भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनीस खान ने अपने आवास पर बैठक कर उपनगरी ज्वालापुर के मौहल्लों की समस्याओं को हल करने पर जोर देते हुए कहा जल्द ही क्षेत्र की जन समस्याओं को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा उठायेगी। बिजली पानी सफाई व्यवस्था ज्वालापुर उपनगरी की चरमरा रही है। बार-बार बिजली गुल होने की समस्या से ग्रसित अनेकों मौहल्ले हो रहे है। रमजान व कावंड महीने में भी बार-बार बिजली गुल हो रही है। जिसे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। लो वोल्टेज की समस्या भी ज्वालापुर के कई क्षेत्रों में बनी रहती है। इसके लिये भी बिजली विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जायेगी। जमशेद खान ने कहा कांग्रेस के शासनकाल में लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। रमजान माह में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। अधिकारी क्षेत्र निवासियों की समस्याओं से मुखर हो चुके हैं। बिजली पानी सफाई अव्यवस्थित हो चुकी है। बार-बार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। जितेन्द्र चैहान ने कहा अधिकारियों की डींगा मस्ती के कारण क्षेत्र निवासियों को गंदा पानी पीना पड रहा है। बार-बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन समस्याओं का कोई समाधान नहीं होता। बैठक के दौरान विभिन्न मौहल्लों की सफाई व्यवस्था व सडकों के अध्ूारे पड कार्यो पर भी चर्चा की गई। वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनीस खान ने बैठक में लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा जल्द ही भेल सडक प्रस्ताव को विधायक आदेश चैहान से चर्चा की गई है। जल्द ही भेल स्थित कब्रिस्तान की सडक को बनाने के प्रयास तेज किये जायेगें। उन्होंने कहा जल्द ही कार्यकारिणी का भी गठन किया जायेगा। बैठक के दौरान रियासत गाड शकील, मेहरूद्दीन, सुरेन्द्र चैहान, सज्जाद गौड शमशाद, सादाब कुरैशी, गुलफाम, गुलाम साबिर, आजम, अबरार, सुमित वालिया, छोटा मंसूरी, नसीम, इस्लाम, आजम, आदि उपस्थित थे।
झील के जलस्तर पर नजर रखेगी समिति नजररू डीएम
नई टिहरी देहरादून, 1 अगस्त, । जिलाधिकारीध् पुर्नवास निदेशक, नितेश कुमार झा ने बताया कि ऊपरी हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही बर्षा के कारण टिहरी बांध झील के बढते जलस्तर पर नजर रखने के लिये तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। उन्होंने बताया कि इस समिति अधिशासी अभियन्ता अवस्थपना(पुर्नवास)खण्ड नई टिहरी, उपजिलाधिकारी टिहरी, तथा टी.एच.डी.सी.इन्डिया लिमिटेड का नामित प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। उन्होंनंे बताया कि बांध की झील के जलस्तर को सुरक्षित सीमा तक बनाये रखने तथा पानी की नियमित निकासी एक सीमा तक छोडने की सूचना जिलाधिकारी देहरादून एवं हरिद्वार को सूचना पहुंचाने में समन्वय स्थापित करते हुये करेगें। एक निश्चित सीमा से अधिक जलस्तर होने पर अलर्ट जारी करेगें ताकि किसी भी दशा में किसी प्रकार जनहानि होने से बचा जा सके, और बाढ सुरक्षा के प्रबन्धन व यथोचित उपाय समयार्न्तगत किया जा रहा है। )। जिलाधिकारीध् पुर्नवास निदेशक, नितेश कुमार झा ने बताया कि ऊपरी हिमालय क्षेत्र में लगातार हो रही बर्षा के कारण टिहरी बांध झील के बढते जलस्तर पर नजर रखने के लिये तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। उन्होंने बताया कि इस समिति अधिशासी अभियन्ता अवस्थपना(पुर्नवास)खण्ड नई टिहरी, उपजिलाधिकारी टिहरी, तथा टी.एच.डी.सी.इन्डिया लिमिटेड का नामित प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। उन्होंनंे बताया कि बांध की झील के जलस्तर को सुरक्षित सीमा तक बनाये रखने तथा पानी की नियमित निकासी एक सीमा तक छोडने की सूचना जिलाधिकारी देहरादून एवं हरिद्वार को सूचना पहुंचाने में समन्वय स्थापित करते हुये करेगें। एक निश्चित सीमा से अधिक जलस्तर होने पर अलर्ट जारी करेगें ताकि किसी भी दशा में किसी प्रकार जनहानि होने से बचा जा सके, और बाढ सुरक्षा के प्रबन्धन व यथोचित उपाय समयार्न्तगत किया जा रहा है।
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