11 सितम्बर से पुनः शुरू होगी केदारनाथ धाम में पूजा
देहरादून, 2 अगस्त, । केदारनाथ धाम में 11 सितम्बर को सर्वार्थ सिद्धि अमृत योग के दिन पूजा पुनः प्रारम्भ करवाने पर सैद्धांतिक सहमति बनी है। शंकराचार्य, रावल, स्थानीय तीर्थ पुरोहित व संत समाज ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की है। शुक्रवार को सचिवालय में विश्व की आस्था के केंद्र केदारनाथ में पूजा दुबारा शुरू करवाने पर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विस्तार से विचार विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर समिति द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह, सभामण्डप में मलबे की सफाई की जा चुकी है। इसके दरवाजे भी लगाए जा चुके हैं। यहां तक की नंदी की मूर्ति के पास चबूतरा बनाया जा चुका है। आस्था के केंद्र केदारनाथ में पूजा प्रारम्भ करवाने के साथ ही इस कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी है। उन्होंने केदारनाथ में लोहे का पुल, रेलिंग सहित लगवाने के लिए लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को निर्देशित किया। साथ ही 100 लोगों के लिए प्री-फेब्रिकेटैड आवास की व्यवस्था करने के लिए भी निर्देशित किया गया। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी दिलीप जावलकर को केदारनाथ में दो माह का राशन व अन्य आवश्यक वस्तुएं भिजवाने को कहा ताकि वहां कार्यरत मंदिर समिति के पदाधिकारी व पुरोहित, पुलिस व प्रशासन के कार्मिकों को दिक्कत ना हो। मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित केदारनाथ के रावल भीमाशंकरलिंग, शंकराचार्य के प्रतिनिधि सुबोधानंद सहित स्थानीय तीर्थ पुरोहितों व मंदिर समिति के पदाधिकारियों से पूजा प्रारम्भ करवाने के बारे में उनकी राय जानी। सभी ने एक स्वर में कहा कि 11 सितम्बर को सर्वार्थ सिद्धि अमृत योग बन रहा है। इस दिन पूजा प्रारम्भ करने में किसी को कोई आपŸिा नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने भी राज्य सरकार की आरे से सैद्धांतिक सहमति दी। उन्होंने अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में एक बैठक और बुलाए जाने के निर्देश दिए जिसमें आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने डीएम रूद्रप्रयाग को केदारनाथ के लिए वैकल्पिक पैदल मार्ग चिन्हित करने को भी कहा। यूसेक के निदेशक डा. एमएम किमोठी ने केदारनाथ में वैकल्पिक मार्गों पर थ्रीडी प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, डा.हरक सिंह रावत, श्रीमति अमृता रावत, दिनेश अग्रवाल, मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, रावल भीमाशंकरलिंग, शंकराचार्य के प्रतिनिधि सुबोधानंद, स्थानीय तीर्थ पुरोहित, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
20 लापता व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक सहायता के चैक वितरित किए
देहरादून, 2 अगस्त, । मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने दैवीय आपदा में लापता हुए देहरादून जिले के 20 लापता व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक सहायता के चैक वितरित किए। सीएम आवासीय कार्यालय स्थित जनता हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमत्रंी ने कहा कि आर्थिक सहायता दिए जाने से ही राज्य सरकार की जिम्मेवारी पूरी नहीं हो जाती है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में भी आपदा पीडि़तों को कठिनाई ना हो। विश्वास दिलाना चाहते हैं कि सरकार हमेशा उनके साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दैवीय आपदा से प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है। राज्य सरकार भरसक प्रयास कर रही है कि दूरवर्ती क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं पुनः बहाल हो सकें। केदं सरकार भी उŸाराखण्ड के पुनर्निर्माण व विकास के लिए हर प्रकार का सहयोग देने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने विकासनगर तहसील के लापता जयप्रसाद व श्रीमती अमृता, सुधांसू ठाकुर, तहसील चकराता के लापता सुरेन्द्र सिंह, तहसील ऋषिकेश के लापता श्रीमती मिथलेश, श्रीमती अल्का, श्रीमती दर्शनी देवी, तहसील सदर के लापता व्यक्ति गोविन्द राम गौड़, आनन्द दुबे, विजय रस्तोगी, ऋषी बिष्ट, श्रीमती इंदिरा, तुषार बिष्ट, सुरेन्द्र बिष्ट, श्रीमती रमेश्वरी रावत, नन्दन सिंह रावत, सूरज रावत, विक्रम सिंह बिष्ट, महेश, संतोष पाण्डे के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि के चेक प्रदान किये। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, उमेश शर्मा ‘काऊ’ डीएम देहरादून आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
चीड़ीभेली गांव का नहीं हो पाया विद्युतीकरण, ग्रामीण अंधेरे में जिंदगी जीने को मजबूर
देहरादून, 2 अगस्त, । देहरादून जनपद की तिमली ग्रामपंचायत अंतर्गत चीड़ीभेली गांव का आज तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। विद्युतीकरण न होने से यहां के वाशिंदे लैंप के सहारे रात काटने को मजबूर हैं। विद्युतीकरण के अभाव में खासकर छात्र-छात्राओं को खास दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण लंबे समय से गांव के विद्युतीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। चीड़ीभेली गांव में करीब दो दर्जन परिवार निवास करते हैं। यह गांव यूपी की सीमा पर स्थित है। सरकार की अनदेखी के कारण इस गांव में बिजली, पानी, सिंचाई के साधनों का अभाव बना हुआ है। इस गांव का विद्युतीकरण नहीं हो पाया। विद्युतीकरण न होने से यहां के ग्रामीणों की जिंदगी अंधेरे में कट रही है। यह गांव जंगल के बीच में बसा हुआ है जिस कारण रात्रि को जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है। रात्रि को सायं ढलते ही जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में घुस आते हैं। ग्रामीण लैंप के सहारे रात बिताने को मजबूर हैं। बिजली न होने से स्कूली बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत भी इस गांव का विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। गांव को जाने के लिए उबड़-खाबड़ रास्ता है, बारिश में यह रास्ता खाले में तब्दील हो जाता है। सिंचाई साधनों के अभाव में खेती पूर्ण रूप से इंद्रदेव की कृपा पर निर्भर है। समय पर बारिश हो गई तो अच्छी फसल होती है और समय पर बारिश न होने पर किसानों की फसल सूख कर बर्बाद हो जाती है जिस कारण किसानों के सामने दो जून की रोटी के भी लाले पड़ जाते हैं। विभाग इस गांव में आज तक सिंचाई साधनों का विकास नहीं कर पाया। तिमली ग्रामपंचायत के लोगों की सारी कृषि भूमि चीड़ीभेली में ही है। यहां किसानों की लगभग 1000 बीघा कृषि भूमि है। सिंचाई के लिए न कोई गूल और न ही कोई ट्यूबवेल। यहां के ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय खेती है। खेती पर ही आजीविका निर्भर है। खेत उपजाऊ हैं, लेकिन सिंचाई साधनों के अभाव में लोगों को इनका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। यह गांव जंगल से घिरा होने के कारण जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है। हाथी, बंदर, सूअर, लंगूर द्वारा फसलों को भारी क्षति पहुंचाई जाती है। स्थानीय ग्रामीण सुरेश चैहान का कहना है कि गांव के विद्युतीकरण, सड़क निर्माण और सिंचाई साधनों के विकास के लिए विभागीय अधिकारियों और प्रशासन से कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए गांव में चारों ओर तारबाड़ किए जाने की जरूरत है लेकिन इस ओर न जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और नहीं सरकार। उनका कहना है कि गांव का विद्युतीकरण किया जाए।
शिक्षा आचार्यों ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
देहरादून, 2 अगस्त, । बेरोजगार शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन का स्नातक योग्यताधारी शिक्षा आचार्यों एवं अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रूप में समायोजित करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शिक्षा आचार्यों का कहना है कि सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन द्वारा शिक्षामित्र के रूप में समायोजित करने की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से लैंसडाउन चैक स्थित पुराना रायपुर बस स्टैंड पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। संगठन का कहना है कि सरकार द्वारा वर्ष 2008 में ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद कर दिया गया था। ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद किए जाने से इनमें कार्यरत 1745 शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक बेरोजगार हो गए थे। सरकार ने 18 जुलाई 2010 को शासनादेश जारी कर प्रथम चरण में स्नातक योग्यताधारी 1,107 शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर आरक्षण के प्राविधानों के अनुरूप समायोजित कर दिया था लेकिन जो शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक रह गए थे उन्हें अभी तक समायोजित नहीं किया गया है। वर्ष 2011-12 तक स्नातक योग्यता हासिल करने वाले 1,745 शिक्षा आचार्यों एवं अनुदेशकों को शीघ्र शिक्षामित्र के रूप में समायोजित किया जाए। शिक्षामित्र के पदों पर समायोजित न किए जाने से ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद किए जाने से बेरोजगार हुए शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों के समक्ष आजीविका का संकट पैदा हो गया है। संगठन का कहना है कि प्रदेश में शिक्षामित्रों के 1,797 पद रिक्त चल रहे हैं, लेकिन सरकार इन पदों पर शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों का समायोजन नहीं कर रही है। शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन के अध्यक्ष जैल सिंह ने कहा है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पीआरडी जवानों ने दी आत्मदाह की धमकी
देहरादून, 2 अगस्त, । पीआरडी जवानों के लिए ठोस कार्रवाई न किये जाने पर प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन ने आत्मदाह की चेतावनी दी है। संगठन के बैनरतले पीआरडी जवानों द्वारा विगत 10 मई से हिन्दी भवन के समीप धरना स्थल पर धरना दिया जा रहा है। उनका कहना है कि पीआरडी के गठन के बाद से जवान मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों तक प्रत्येक सरकारी व अर्द्धसरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त सचिवालय, विधानसभा में ड्यूटी करने के लिए साथ ही चुनाव के समय संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में ड्यूटी करते हैं। यहां तक पीआरडी जवानों से ड्राईवर, कम्प्युटर ऑपरेटर, चैकीदार, कुक व माली का काम भी बिना किसी मूलभूत सुविधा या कम शुल्क पर लिया जाता है। उनका कहना है कि पीआरडी एक्ट में संशोधन कर उन्हें राज्य कर्मचारी की भांति नियमित किया जाये। पीआरडी को युवा कल्याण से पृथक किया जाये। ड्यूटी के दौरान मौत हो जाने पर उसका बीमा दस लाख रूपये का किया जाये। मृत्योपरांत उसके स्थान पर परिवार के किसी एक व्यक्ति को नौकरी दी जाये। सेवानिवृत्ति के दौरान एकमुश्त धनराशि विदाई सम्मान के साथ दी जाये। पीआरडी विभाग में केवल राज्य के मूल निवासियों को ही वरीयता दी जाये।
सैक्स रैकेट के सरगना पुलिस गिरप्त से बाहर
देहरादून, 2 अगस्त, । दून में कई स्थानों पर चल रहे सैक्स रैकेट पकड़कर पुलिस ने पिछले दिनों खूब वाह वाही लूटी थी लेकिन पटेलनगर व त्यागी रोड से पकड़े गए सैक्स रैकेट के सरगनाओं को आज तक पुलिस पकड़ नहीं पाई है। जिसको लेकर कई सवाल पुलिस की भूमिका पर उठने शुरू हो गए हैं। खास बात यह है कि पटेलनगर के कारगी ग्रांट में एक मकान पर छापेमारी की कार्यवाही के दौरान एक व्यक्ति पुलिस के हाथ से छुटकर फरार होने में कामयाब रहा था लेकिन पटेलनगर पुलिस आज तक इस व्यक्ति की भूमिका को छिपाने में जुटी रही। सूत्रों से जानकारी मिली है कि यह व्यक्ति वन विभाग का एक अधिकारी है। जिसे राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस पकड़ने में ढील बरत रही है। वहीं कोतवाली क्षेत्र के त्यागी रोड़ से पकड़े गए सैक्स रैकेट का मुख्य सरगना राशिद भी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस कोई कदम नहीं उठा रही है। सूत्रों का कहना है कि राशिद ही शहर के कई हिस्सों में सैक्स रैकेट चलवा रहा है और कारगी ग्रांट में भी उसी के संरक्षण में सैक्स रैकेट चल रहा था। सूत्रों का कहना है कि सैक्स रैकेट के मुख्य सरगना राशिद और कारगी ग्रांट छापेमारी के दौरान फरार हुए वन कर्मी को कई राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है। जिसके चलते इनके खिलाफ पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही। हैरानी की बात तो यह है कि कारगी गं्राट में पकड़े गए सैक्स रैकेट के दौरान एक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से छुटकर फरार हो जाता है लेकिन संबधित थाने के पुलिस कर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती। इसी तरह कोतवाली क्षेत्र के त्यागी रोड़ स्थित एक होटल से सैक्स रैकेट रात को पकड़ा जाता है और पुलिस उसे सुबह उजागर करती है। इस बीच होटल मैनेजर व मुख्य सरगना फरार हो जाते हैं। लेकिन उन्हें पकड़ने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। आखिर पुलिस मुख्य सरगनाओं को किसके इशारे पर पकड़ने में कोई रूची नहीं दिखा रही। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
स्कूटी की टक्कर से युवक की मौत
देहरादून, 2 अगस्त, । नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में अज्ञात वाहन ने स्कूटी सवार दो युवकों को टक्कर मार दी। जिसमें एक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दूसरे को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र के मौथरोवाला रोड पर देर रात करीब साढ़े दस बजे स्कूटी संख्या यूके 07 एएम-2378 पर सवार दो युवक रिस्पना पुल की ओर जा रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने स्कूटी को टक्कर मार दी जिससे स्कूटी सवार दो युवक घिसटते हुए काफी दूर तक गए और बूरी तरह से जख्मी हो गए। यह नजारा देखकर आसपास के लोग मौके पर पहंुचे। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस व आपात कालीन सेवा 108 को दी। सूचना पाकर प्रभारी निरीक्षक नेहरू कॉलोनी अरविंद सिंह मौके पर पहंुचे और दोनों युवकों को 108 की सहायता से दून अस्पताल भिजवाया जहां चिकित्सकों ने पियूष थापा उम्र 25 वर्ष पुत्र अशोक निवासी रायपुर को मृत घोषित कर दिया जबकि एक युवक अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहा है। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस उस वाहन का पता लगाने का प्रयास कर रही है जिसने युवकों को टक्कर मारी थी।
बेहड़ अपनी ही सरकार में बेगाने
देहरादून, 2 अगस्त, । उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पूर्व रुद्रपुर में हुए दंगों के चलते कांग्रेस के दबंग नेता तिलक राज बेहड़ को साजिश के तहत चुनाव में हार का मुह देखना पड़ गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को अस्तित्व में आए डेढ़ साल का समय हो गया और लगातार बेहड़ रुद्रपुर दंगों की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से कई बार रू-ब-रू भी हो चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने आज तक रुद्रपुर दंगों का सच जानने के लिए मामले की सीबीआई जांच कराने का दम नहीं भरा। वहीं तिलक राज बेहड़ के पुत्र के साथ रुद्रपुर के भाजपा विधायक के परिचितों ने कोतवाली के अन्दर ही उससे मारपीट व जान से मारने की धमकी दी। लेकिन आज तक इस मामले में पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की। जिसको लेकर बेहड़ के पुत्र को भूख हड़ताल पर बैठना पड़ गया। इससे यही संदेश जा रहा है कि अपनी ही सरकार में बेहड़ ‘बेगाने’ से नजर आ रहे हैं? उत्तराखण्ड कांग्रेस में तिलक राज बेहड़ को एक दबंग नेता के रूप में जाना जाता है। पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में तिलक राज बेहड़ ने चुनाव जीता और उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। अपने कार्यकाल में तिलक राज बेहड़ ने अस्पतालों की दशा पटरी पर ला दी थी। इस बार हुए विधानसभा चुनाव से पहले कुमाऊं से मांग उठी थी कि सरकार में उप मुख्यमंत्री भी बनाया जाए जोकि मैदानी क्षेत्र का हो। विधानसभा चुनाव से पहले रुद्रपुर में साजिश के तहत कराये गये दंगों में कुछ लोगों की मौत के चलते कांग्रेसी प्रत्याशी तिलक राज बेहड़ को चुनाव में हरवाने के लिए उनकी ही पार्टी के चंद नेताओं ने एक बड़ी साजिश रची थी? रुद्रपुर में हुए दंगों की कालीछाया के चलते तिलक राज बेहड़ को चुनाव में हार का मुह देखना पड़ा था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेसी नेता तिलक राज बेहड़ ने रुद्रपुर के दंगों का काला सच प्रदेश के आवाम के सामने लाने के लिए प्रदेश मुख्यमंत्री से कई बार इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई, लेकिन प्रदेश के मुखिया ने अपने ही दबंग नेता की इस मांग को नजर अंदाज कर दिया। कांग्रेस के अनदरूनी सूत्रों का कहना है कि सरकार में शामिल एक मंत्री नहीं चाहता कि रुद्रपुर में हुए दंगों की सीबीआई जांच कराई जाए। क्योंकि उस मंत्री की रुद्रपुर के एक भाजपा नेता से काफी नजदिकियां बताई जाती हैं। जिसके चलते मंत्री इस मामले में अपने ही नेता की खिलाफत कर रहा है? हैरानी वाली बात है कि अपनी ही सरकार में बेगाने से नजर आ रहे तिलक राज बेहड़ ने हमेशा पार्टी हित में काम किया। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण उस समय देखने को मिल गया था जब प्रदेश के मुखिया सितारगंज से चुनाव लड़े तो उनके चुनाव में बेहड़ ने रात-दिन एक कर दिया था। वहीं मुखिया के बेटे साकेत के चुनाव में भी बेहड़ ने दून में डेरा डालकर उनके लिए दिल खोलकर कुछ क्षेत्रों में काम किया था। लेकिन इस दबंग नेता को अपनी ही सरकार में ‘बेगाना’ होना पड़ रहा है। बेहड़ का पुत्र भी एनएसयूआई का प्रदेश में पदाधिकारी है और रुद्रपुर कोतवाली में उनके साथ अभ्रदता व मारपीट की गई, लेकिन भाजपा विधायक के समर्थकों पर आज तक कोई कार्रवाई न होना यह साफ दर्शा रहा है कि बेहड़ व उसके बेटे को अपनी ही सरकार में न्याय नहीं मिल पा रहा है?
दलाल पत्रकारों की चैकड़ी की धमक
देहरादून, 2 अगस्त, । कैन्ट इलाके के प्रेमनगर क्षेत्र में लम्बे अर्से तक अवैध खनन खाकी की पनाह में चलता रहा, लेकिन अपनी राजनीतिक पहंुच के चलते एक दरोगा व कुछ पुलिसकर्मी अवैध खनन कराने का खुला खेल दौलत लेकर कराते रहे। प्रेमनगर पुलिस इतनी बेलगाम हो चुकी थी कि उसे न तो इलाके में जाम नजर आता था और न ही असमाजिक तत्व। पुलिस कप्तान ने लम्बे समय तक प्रेमनगर पुलिस को कई बार चेतावनी दी, लेकिन इसका असर आज तक देखने को नहीं मिला। खुद कप्तान ने जब प्रेमनगर हाईवे पर जाम देखा तो उन्होंने पूरी चैकी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया। कप्तान की इस कार्रवाई को कुछ दलाल किस्म के पत्रकार चुनौती देते आ रहे हैं और वे अपने आपको जज मानकर तय कर रहे हैं कि पुलिस कप्तान की इस कार्रवाई का पैमाना क्या था? एक शराब की बोतल पर बिकने वाले कुछ दलाल पत्रकार अब राजधानी में तय करेंगे कि कहां खनन हो रहा है और कहां नहीं? उल्लेखनीय है कि राजधानी में कुछ दलाल किस्म के पत्रकार इन दिनों खूब भ्रष्टाचार की मलाई चाटने में लगे हुए हैं। मजेदार बात यह है कि यह दलाल पत्रकार राजधानी में अगर किसी थाना व चैकी क्षेत्र में हो रहे अवैध धन्धों की खबर छपती है तो वह तत्काल उस थाने व चैकी के प्रभारी के पास जाकर उसे सलाह देते हैं कि जिसने यह खबर लिखी है उसे वह नोटिस भेज दें तो खबर लिखने वाला डर जाएंगा और उसमें इतना भय पैदा हो जाएंगा कि वह दिल की बीमारी से भी मर सकता है। दलाल किस्म के चंद पत्रकारों का यह गैंग इन दिनों राजधानी के अन्दर जमकर फलफूल रहा है। जनपद मंे तैनात चंद पुलिस अधिकारियों को इस गैंग ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है और वह इन अधिकारियों को सलाह व मशविरा देेते हैं कि अगर वह राजधानी में यह योजना लागू करेंगे तो इसका कितना लाभ होगा और किस थाना व चैकी प्रभारी को धमकाकर रखा जाए। वहीं कुछ चंद दलाल किस्म के पत्रकार राजधानी के कुछ दरोगाओं के हम प्याले बने हुए हैं और वह अक्सर पुलिस के चंद अधिकारियों के पास जाकर अपने चहेते कुछ दरोगाओं को राजधानी का सबसे बड़ा जाबांज साबित करने में लगे रहते हैं। दलाल पत्रकारों का गैंग अब राजधानी में तय कर रहा है कि किस इलाके मेें अवैध खनन हो रहा है और किस इलाके में नहीं? इतना ही नहीं यह दलाल गैंग पुलिस के कुछ अधिकारियों को लगातार चुनौती देता आ रहा है कि वह जो निर्णय ले रहे हैं वह उन्हंे नहीं लेने चाहिए? शराब की एक-एक बोतल पर बिकने वाले इन दलाल पत्रकारों को इस बात का गुमान नहीं है कि आने वाले समय में उनका हाल क्या होने वाला है। दलाली की सारी हदें पार करने वाले एक-दो बड़े दलाल पत्रकारों का काला चिट्ठा उनके हेड़ ऑफिस तक भी पहंुच गया है। इस काले चिट्ठे में अंकित है कि उनका अपराध संवाददाता किस कदर दलाली के दलदल में डूब चुका है। अपने आपको कलम का सिपाही बताने वाले कुछ दलाल किस्म के पत्रकारों ने तो चंद खाकी वालों के सामने अपनी इज्जत नीलाम कर दी है। प्रेमनगर पुलिस चैकी पर पुलिस कप्तान की गाज क्या गिरी, कुछ दलाल किस्म के पत्रकारों ने तो कप्तान पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिये। अब सवाल उठता है कि क्या राजधानी में कप्तान को किसी भी दरोगा व पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए पहले चंद दलाल किस्म के पत्रकारों से इजाजत लेनी पड़ेंगी कि वह दरोगा व पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करें या नहीं? कुल मिलाकर कहा जाए तो प्र्रेमनगर पुलिस पर हुई कार्रवाई कप्तान की बड़ी सुझबूझ का परिणाम ही माना जा रहा है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने की राज्यपाल से मुलाकात
देहरादून, 2 अगस्त, । हरिद्वार महानगर कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमण्डल महानगर कांग्रेस कमेटी के महासचिव संदीप गौड़ के नेतृत्व में राज्यपाल से राजभवन देहरादून में मिला। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल को दलित जाति के एस0सी0/एस0टी0 के छात्रों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। प्रतिनिधिमण्डल ने ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे छात्रों के प्रवेष को लेकर कहा बमुश्किल अपना एडमिषन एमबीए, बीबीए, बीसीए, पॉलिटैक्निकल कोेर्स में ले पाते हैं। भारत सरकार द्वारा इन छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन छात्रों की आर्थिक मदद की जाती है। ताकि ऐसे छात्र षिक्षा के क्षेत्र मंे प्रगति कर सके। समय-समय भारत सरकार द्वारा ऐसी सहातार्थ योजनायें चलाती जाती है जिनका लाभ इन दलित समुदाय के छात्रों को मिल सके। ऐसे छात्र इन कोर्स में प्रवेष ले सके। राज्य सरकारें अनुदान के रूप में इनका निःषुल्क और छात्रवृत्ति देती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से जिले के कुछ कॉलेज जिनमें यह छात्र एडमिषन लेते हैं। यह कॉलेज वाले दलित समाज के बच्चों का भारी उत्पीड़न कर रहे हैं और भारत सरकार व राज्य सरकारों से मिलने वाली छात्रवृत्ति इन बच्चों को नहीं दे रहे वह उन्हें हजम करने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल से सिफारिष की कि ऐसे कॉलेज जो इस तरीके की दलित समाज के बच्चों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इन कॉलेजों के खिलाफ अपने स्तर से जांच कराकर इन कॉलेजों के प्रबन्धकों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही करें। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमण्डल को आष्वासन दिया और तुरंत कार्यवाही करते हुए हरिद्वार जिलाधिकारी को निर्देष दिये इन कॉलेजों की जांच कराकर सात दिन के अन्दर मुझे अवगत कराये। प्रतिनिधि मण्डल में विरेन्द्र चैहान, तीर्थपाल रवि, नरेष चैधरी, डॉ0 दिनेष पुण्डीर, शामिल थे।
अलविदा जुमे की नमाज में रोजेदारों ने मांगी दुआयें
देहरादून, 2 अगस्त, । माहे रमजान माह के अलविदा जुमे की नमाज पूरे प्रदेश में विभिन्न मौहल्लों की मस्जिदों में अदा की गई। माहे रमजान बरकत वाला महीना है इस माह जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते हैं और जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं। रोजा इफ्रतार के वक्त अल्लाह रोजेदार की दुआ कुबूल करता है। अलविदा जुमे की नमाज में मौलाना आरिफ ने कहा कि हमें हुक्म दिया गया है कि नमाज पढ़ो और जकात दें जो मालदार जकात न दें उसकी नमाज भी कुबूल नहीं की जायेगी। फकीरों मिस्कीनों व मस्जिदों मदरसों को इमदाद करते रहे। हिसाब लगाकर जकात नहीं निकालते हैं तो यह उनकी सख्त गलतफहमी है। राहे खुदा में लुटाये अगर जकात नहीं निकाली तो खुदा के अजाब से आपको कोई नहीं बचा सकता। उन्होंने बताया कि रमजानुल मुबारक में अगर आपका पड़ोसी भूखा है तो आपका खाना हराम है। इसी तरह मौलाना इकबाल ने कहा कि इस नमाज की बेशुमार फजिलतें हैं। इस नमाज के पढ़ने वालों को अल्लाह पाक कयामत तक बेशुमार इबादतों का सबाव देगा। अल्लाह ताला अलविदा जुमा पढ़ने वाले की हर दुआ को फरमायेगा। उसकी कब्र में रोशनी होगी और दो जख से निजात पाकर जन्नत में दाखिल किया जायेगा। उन्होंने नमाजियों को नसीहत देते हुए कहा कि अपने भाईयों की मदद करना एक माह किसी मस्जिद के ऐतिकाफ करने से अफजल है। आखिरी अलविदा जुमे की नमाज में विभिन्न मस्जिदों में सुबह से ही भीड़ नजर आई। छोटे-छोटे बच्चे तैयार होकर अलविदा जुमे की नमाज में शिरकत करने के लिये पहुंचे। लाखों रोजेदारों ने अपने और अपने वतन के लिये दुआयें मांगी। लाखों सिर अल्लाह की शान में झुके। वहीं जुमे की नमाज के लिये पुलिस प्रशासन द्वारा भी तैयारियां की गई थी। सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिये पुलिस की टीमें मस्जिदों के इर्द गिर्द निगरानी में डटी रही। वहीं कस्साबान रोड को भी कावंडि़यों के लिये रोक दिया गया।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित
देहरादून, 2 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती मंजू तिवारी ने महिला मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, कार्यकारिणी की घोषणा की है। कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष-श्रीमती गीता सक्सैना, श्रीमती सरिता गौड़, श्रीमती रजनी मखलोगा, श्रीमती सुष्मा रावत, श्रीमती मधु चैहान, श्रीमती निर्मला दफौटी, श्रीमती सरोज डिमरी को बनाया गया है, वहीं प्रदेश महामंत्री- श्रीमती अनुराधा वालिया, कु0 सीमा चैहान तथा प्रदेश मंत्री-श्रीमती भावना मेहरा, श्रीमती मधु राय, श्रीमती रागिनी भट्ट, श्रीमती विजया रावत, श्रीमती सरला खण्डूड़ी, श्रीमती पार्वती नेगी, श्रीमती राज चैधरी, श्रीमती सुनीता गोस्वामी, कोषाध्यक्ष श्रीमती बृजलेश गुप्ता, वहीं मीडिया प्रभारी श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल तथा कार्यालय प्रभारी श्रीमती मंजू शर्मा को बनाया गया है। प्रदेश कार्यसमिति में श्रीमती रीता भाकुनी अल्मोड़ा, श्रीमती जानकी आर्या अल्मोड़ा, श्रीमती ममता गोस्वामी रामनगर, श्रीमती बसन्ती आर्या रामनगर, श्रीमती सर्वेसरी थपलियाल देहरादून, श्रीमती कमला रावत देहरादून, श्रीमती मंजू शर्मा हरिद्वार, श्रीमती अनीता शर्मा हरिद्वार, श्रीमती पुष्पलता मेहरा बागेश्वर, श्रीमती नीमा ध्पोला बागेश्वर, श्रीमती पूनम अग्रवाल काशीपुर, श्रीमती मिथलेश सैनी रूड़की, श्रीमती कमला बमोला रूड़की, श्रीमती दीपा पाण्डे हल्द्वानी, श्रीमती पूनम अग्रवाल किच्छा, सितारगंज, श्रीमती मीना शर्मा उध्मसिंहनगर, श्रीमती कला सकटा चम्पावत, श्रीमती दमयन्ती रतूड़ी चमोली, श्रीमती हरिवोधिनी खत्री चमोली, श्रीमती कृष्णा विजलवाण पुरोला, श्रीमती बसन्ती जोशी डीडीहाट, श्रीमती तारा मेहता पिथौरागढ़, श्रीमती सरस्वती जोशी कोटद्वार, श्रीमती माया बिष्ट रानीखेत, श्रीमती शशि नैनवाल कोटद्वार, श्रीमती कामनी गुप्ता काशीपुर, श्रीमती बीना बिष्ट रूद्रप्रयाग, श्रीमती कल्पेश्वरी रावत पौड़ी, श्रीमती बसन्ती आर्या नैनीताल, श्रीमती सोनी सजवाण टिहरी, श्रीमती चन्द्रा नेगी उत्तरकाशी, कु0 मीनाक्षी मैठाणी ऋषिकेश, श्रीमती हेमा रावल रूड़की शामिल है। वहीं विशेष आमंत्रित सदस्य श्रीमती ममता पलडिया श्रीमती राजरावत श्रीमती शान्ति मेहरा श्रीमती सुशीला बलूनी श्रीमती विजय बडथ्वाल श्रीमती आशा नौटियाल श्रीमती बीना महराना श्रीमती गोविन्दी कोरंगा श्रीमती सरिता कपूर श्रीमती सोनी कोहली श्रीमती शान्ति भट्ट श्रीमती मीना जग्गी श्रीमती सुध गुप्ता श्रीमती सुमन राय श्रीमती विजय लक्ष्मी शर्मा श्रीमती कमला नेगी श्रीमती अरूणा चैहान श्रीमती उर्मिला चैधरी श्रीमती विद्या अग्रवाल श्रीमती शान्ति भट्ट श्रीमती मीना तिवारी श्रीमती मीरा विश्नोई श्रीमती बीना जोशी श्रीमती श्वेता नारंग, लता पाण्डे, पूनम झा, श्रीमती नगीना रानी हैं। श्रीमती नर्मदा तिवारी- कुमाऊॅ संयोजिका श्रीमती उर्मिला चंद -सह संयोजिका श्रीमती कमला विद्यार्थी-गढ़वाल संयोजिका, श्रीमती अनिता बुढ़ाकोटी-सह संयोजिका। विभाग संयोजक- श्रीमती लता बोरा-विभाग संयोजक अल्मोड़ा, श्रीमती मीना बिष्ट विभाग संयोजक पिथौरागढ़, श्रीमती रामेश्वरी जोशी विभाग संयोजक पौड़ी, श्रीमती नर्मदा नेगी विभाग संयोजक टिहरी, श्रीमती सुमन राय विभाग संयोजक रूद्रपुर, श्रीमती पुष्पा जोशी विभाग संयोजक नैनीताल, श्रीमती विजयलक्ष्मी ध्ीरवाड़ विभाग संयोजक चमोली। सभी जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य रहेंगी।
सरकार व प्रशासन थोड़े भी सचेत होते तो बच जाती सैकड़ों जानें खंडूडी
देहरादून, 2 अगस्त, । केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बारे में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूड़ी का मानना है कि अगर राज्य का प्रशासन और सरकार थोड़े भी सचेत होते तो यहाँ मरने वाले सैकड़ों लोगों की जानें बच सकती थी। उनका कहना है कि केदारनाथ क्षेत्र में जब बारिश हो रही थी और 15 जुलाई की सुबह ही गौरीकुण्ड की पार्किंग से अलकनंदा नदी पांच गाडि़यों को बहा ले गई थी बावजूद इसके पुलिस व प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली और यात्रा बेरोकटोक जारी रही। 15 की शाम व फिर 16 जुलाई को सुबह भीषण आपदा आई बाबजूद इसके ऋषिकेश में यात्रियों को रोका नहीं गया और वे आगे बढ़ते रहे। प्रशासन को 15 जुलाई को ही यात्रा रूट पर संकट काल घोषित कर दिया जाना चाहिए था और यात्री जहां थे उन्हें वहीं रोक दिया जाना चाहिए था। दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे खंडूड़ी ने को बताया कि आखिर आपदा के तीन दिन बाद तक भी प्रशासन व सरकार मौन क्यों रही यह मेरे जैसे व्यक्ति लिए अब तक रहस्य बना हुआ है? मैंने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भी इस बारे में पूछा पर वे भी गोलमोल जवाब दे कर टाल गए। खंडूड़ी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य के बुनियाद पर ही दीमक लगा है इसको हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डा0 परमार जैसा कोई लम्बी सोच वाला मुख्यमंत्री नहीं मिला जो राज्य की एक मजबूत नीव रखता। उत्तराखंड के विकास में जो भी कमियाँ हैं उसका दोषी मैं खुद को भी मानता हूँ। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण की दृष्टि से सबसे ज्यादा संवेदनशील हो चुके उत्तराखंड के लिए अब विकास का एक नया माडल बनाया जाना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को फिर उसी माडल पर आगे काम करना चाहिए। राज्य में बड़े बांधों के बजाये छोटे बांधों के निर्माण पर ध्यान दिया जाना चाहिए और सड़क के अलावा यातायात सुरंगों का निर्माण किया जाना चाहिए। वहीं खंडूड़ी ने देश के राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार के अंतर्गत लाने के पक्ष में हैं, उनका कहना है कि उन्हें इसका विरोध नहीं करना चाहिए। वे अपनी पार्टी भा ज पा की राय से तो विज्ञ नहीं हैं पर उनका व्यकिगत मत है कि राजनीतिक दलों को भी आर टी आई के दायरे में आकर पारदर्शिता बरतनी चाहिए वरना जनता के मन में पहले से ही विश्वास का संकट झेल रहे राजनीतिक लोगों व दलों के प्रति और भी अविश्वास पैदा होगा जो देश के राजनीतिक भविष्य के लिए शुभ नहीं है।
नमाज अदा करने आए युवक की बाईक चोरी
देहरादून, 2 अगस्त, । मस्जिद में नमाज अता करने आए युवक की मोटरसाईकिल पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया। युवक की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार मुमताज अली पुत्र मीर हसल शुक्रवार सुबह अपनी डिस्कवर बाइक लेकर घर से नमाज पढ़ने के लिए निकला। मुमताज ने ढकरानी के कोर्ट क्षेत्र स्थित मस्जिद के बाहर अपनी मोटरसाइकिल खड़ी की थी और मस्जिद में नमाज पढ़ने चला गया। वह जब मस्जिद से नमाज पढ़कर वापस लौटा तो उसकी मोटरसाइकिल वहां नहीं थी जहां वह खड़ी करके गया था। युवक की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
आपदा में हताहत हुए लोगों की आत्मा की शांति को शिव महापुराण
देहरादून, 2 अगस्त, । उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा में हताहत हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए और भगवान शिव के रूद्र रूप की शांति को सनातन धर्म मंदिर नेहरू कालोनी में शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जाएगा। शिवमहापुराण कथा का आयोजन 5 अगस्त से 14 अगस्त तक होगा। सनातन धर्म मंदिर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंदिर सेवा समिति के व्यवस्थापक डा. आरएस त्यागी व रामपाल ने कहा कि शिवमहापुराण प्रतिदिन अपराह्न साढ़े तीन बजे से सायं साढ़े छह बजे तक चलेगा। 5 अगस्त को मंदिर के मुख्य काष्ट द्वार का उद्घाटन बालयोगी स्वामी सर्वदास महाराज द्वारा किया जाएगा। उसके पश्चात भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपदा पीडि़तों की सहायता के लिए मंदिर समिति द्वारा 31 हजार रुपये जुटाए गए हैं, जो कि मुख्यमंत्री राहत कोष में चेक के माध्यम से जमा किए जाएंगे। 4 अगस्त को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा और शिव महापुराण कथा कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा नेहरू कालोनी, बलवीर रोड और लक्ष्मी रोड क्षेत्र में निकाली जाएगी। शिवमहापुराण कथा का वाचन आचार्य संतोष खंडूड़ी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर के काष्ट मुख्य द्वार के सदृश्य अन्य द्वार भी बनाए जाएंगे। मंदिर में कार्यालय एवं मुख्य पुजारी का आवास बनाना शेष है, जिसकी योजना बना ली गई है। पत्रकार वार्ता के दौरान कंवल जुनेजा, एसके सिंह, एसके मित्तल, केडी शर्मा, बीके छतवाल, शेखरानंद बिजल्वाण भी मौजूद रहे।
(मनोज इष्टवाल)
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