उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 17 अगस्त 2013

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 अगस्त)

आपदा प्रभावित गांवों की तरह खिसक रही है कांग्रेस की भी जमीन

देहरादून, 17 अगस्त। उत्तराखण्ड में आए जलप्रलय ने कांग्रेस को भी शिकार बना दिया है। 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी आलाकमान आपदा राहत और आपदा का विषय भुलाकर कुछ और नया नारा देकर जनता के बीच जाने को आतुर है, लेकिन जनता आपदा के दिए जख्मों से कराह रही है और सरकार के पास उन जख्मों पर लगाने को मरहम नहीं है, क्योंकि इन दो महीनों में प्रदेश सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लोग अपने जख्मों को भुलाकर सरकार के नए राग को सुनने को तैयार हों। वहीं समूचे देश के उन लोगों के जख्म भी अभी हरें हैं, जिन्होंने इस महाप्रलय में अपनों को खो दिया है। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव को सामने देख कांग्रेस आलाकमान को उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि समूचे देश में अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है, क्योंकि उत्तराखण्ड के पावन धामों में समूचे के देश के लोग किसी न किसी पीड़ा से प्रभावित हुए हैं। बदले परिदृश्य में प्रदेश सरकार पर भरोसा न कर अब सोनिया ने प्रदेश पर अपनी नजर लगा दी है। इसी कड़ी में प्रदेश की नब्ज टटोलने केंद्र के नेता सोनिया के इशारे पर प्रदेश की ओर लगातार रूख किए हुए हैं और प्रदेश की राजनैतिक और सामाजिक गतिविधियों की पल-पल की खबर वे दस जनपथ को दे रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने केंद्रीय नेताओं और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपनी उपलब्धियों की जमकर तारीफें की है, लेकिन सोनिया गांधी को प्रदेश सरकार के दावों पर कोई भी विश्वास नहीं है। हालांकि आपदा के बाद प्रदेश में जो विकास कार्य होने चाहिए थे वह नहीं हो पाए हैं, लेकिन आपदा प्रभावित लोगों को भी सरकार राहत नहीं दे पाई। ऐसे में प्रदेश के लोग काफी नाराज हैं और इसका असर आने वाले लोकसभा चुनाव में पड़ने वाला है। वर्तमान में कांग्रेस के उत्तराखण्ड से चार सांसद हैं, एक सीट मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के टिहरी लोकसभा सीट से इस्तीफे के बाद खाली हुई थी इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मार ली थी। कांग्रेस सरकार ने अपने डेढ़ साल में कोई भी नई योजना नहीं शुरू की है और विकास कार्य भी धरातल पर नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में जहां पहले लोग महंगाई से त्रस्त थे अब आपदा ने लोगों को खून के आंसू रूला दिया है। प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित होती नजर आ रही है। कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौति अपनी राजनैतिक जमीन को बचाने के साथ ही राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर जीतने की है, उधर मुख्यमंत्री अब आपदा और उससे जुड़े मामलों को जल्द निपटाना चाहते हैं, ताकि प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव में संगठन के साथ ही सरकार एक साथ मिलकर काम करें। चुनाव नजदीक आते देख सरकार ने आपदा में मारे गए लोागें की सूची अन्य प्रदेशों से मंगवाई है ताकि मृतक आश्रितों को मुआवजा देकर इस विषय को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सके। इसकों लेकर उनकी दिल्ली में कई केंद्रीय नेताओं के साथ बातचीत हो रही है। मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि देकर और केदारनाथ धाम में 11 सितंबर से पूजा पुनः कराने के बाद इस विषय को भुलाना चाहते हैं। वैसे भी प्रदेश सरकार आपदा विषय को जल्द ही बंद करना चाहती है। इसको लेकर मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्रियों समेट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी चर्चाए कर चुके हैं, यही कारण है कि सरकार केदारनाथ में पूजा करने के बाद आपदा शब्द पर नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव की तैयारियांे में काम करना चाहती है। अभी तक प्रदेश सरकार के खाते में कोई भी उपलब्धियां नहीं है, ऐसे में पार्टी और सरकार की चिंताए भी बढ़ती जा रही है।

प्रदेश में आई आपदा के बाद सरकार की गाड़ी भी पटरी से उतर गई, दो माह पहले आई आपदा में हजारों लोग मारे गए, आपदा आने के दो माह बाद भी सरकार ने मलबे में फंसे शवों को निकालने का काम पूरा तक नहीं किया है। सरकार आपदा में मारे गए लोगों की संख्या तक बताने से परहेज कर रही है। आपदा में मारे गए लोगों की संख्या यदि बता दी जाएगी तो सरकार की पूरे देश में किरकिरी होगी और आश्रितों को मुआवजा भी देना पड़ेगा, मरने वाले लोगों के परिजनों को भले ही अपनों की तलाश में रात को नींद न आए लेकिन सरकार को इससे क्या लेना-देना है। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे की धनराशि बढ़ाने की मांग भी है, राजस्थान सरकार ने उत्तराखण्ड में आई आपदा में मारे गए राजस्थान के लोगों के आश्रितों को मुआजवा राशि पांच लाख दिए जाने के बाद भाजपा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत का कहना है कि जब दूसरे राज्य मृतकों के आश्रितों को पांच लाख रूपये मुआजवा दे रहे हैं तो उत्तराखण्ड सरकार को भी यह धनराशि बढ़ानी चाहिए। उनका कहना है कि आपदा में मारे गए लोगों को अनय पद्रेश की सरकारें पांच लाख रूपये मुआवजा दे रही है और प्रदेश सरकार उससे आधा मुआवजा दे रही है। जिससे मृतक आश्रितों को कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सरकार से धनराशि को बढ़ाने की मांग की। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खण्डूडी भी पहले ही कह चुके हैं कि आपदा के दो माह बाद भी प्रदेश में कहीं भी राहत का काम नजर नहीं आ रहा है और लोग भूखे मरने को मजबूर हैं। 

मुहावरे की समझ नहीं तो, देश कैसे चलाएंगे मोदीरू सलमान खुर्शीद

देहरादून, 17 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। देहरादून में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है । खुर्शीद ने मोदी को कहा कि उन्हें मुहावरों की समझ नही है तो, देश को कैसे संभालेंगे ।  देहरादून स्थित दून यूनिवर्सिटी में शनिवार को पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर सलामन खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान के साथ केवल युद्व की घोषणा करना ही सही विकल्प नहीं है । युद्व के बाद भी शांती कायम करने के लिए बातचीत करनी पड़ती है । इसे देखते हुए सही विकल्प तलाशने की जरूरत है ।  कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला ।  उन्होंने कहा कि उनके प्रदेश की उपलब्ध्यिों को बताने के लिए किसी अमिताभ बच्चन की जरूरत नहीं है। यहां का हर युवा इस उत्तराखण्ड का ब्रांड अंबेसडर है। बता दे कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद देहरादून में शुक्रवार को गुजरात के सीएम को कहा था कि मोदी कुएं के मेढ़क है । हाल फिलहाल में वे बाहर निकले है और उन्हें करना क्या है इसे लेकर खुद वो भ्रमित है । जबकि इसके जवाब में भाजपा द्वारा खुर्शीद को ककरोच बताया गया था । 

देहरादून के कृष्ण कुमार पांडे होंगे राष्ट्रपति पदक से सम्मानित

देहरादून, 17 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा अपनी डयूटी को कत्र्वय निष्ठा और मुस्तैदी से निभाने वाले देहरादून होमगार्ड के जवान कृष्ण कुमार पांडे को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। उनका नाम राष्ट्रपति कार्यलय से स्वीकृत हो कर होमगार्ड मुख्यालय में भेजा गया। गौरतलब है कि कृष्ण कुमार पांडे ने वर्ष 2009 में परेड ग्राउंड में सनसनीखेज जय राम हत्याकांड व सन्नी हत्याकांड के खुलासे में पुलिस के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुये आरोपियों को पकड़ने में पुलिस की मदद की थी और मासूम बच्चों को सकुशल उनके परिजनों तक पहंुचाया था ऐसे ही सैंकड़ों कारनामों की वजह से होमगार्ड के जवान कृष्ण कुमार पांडे को दून पुलिस व होमगार्ड विभाग, नगर निगम समेत कई विभागों ने उनकों पूर्व में सम्मानित किया है अपने उत्कृष्ट कार्यों की वजह से उत्तराखंड सरकार ने उनका नाम राष्ट्रपति पदक के लिये राष्ट्रपति कार्यालय में भेजा था। राष्ट्रपति पदक मिलने पर कृष्ण कुमार पांडे ने बताया कि होमगार्ड के जवान बड़ी विषम हालात में अपनी डयूटी निभाते हैं। जिसके लिये उनको समय समय पर यदि विभाग सम्मानित करता है तो होमगार्ड के जवानों का मनोबल उंचा होता है। अपनी डयूटी का पालन निष्ठा के साथ करना चाहिए यही उनका मूलमंत्र है। निष्ठा व इमानदारी के साथ किये गये कार्याे का फल अवश्य मिलता है इस बात को सभी सुरक्षा बलों के जवानों को समझना चाहिए। उन्होंने बताया कि होमगार्ड निदेशालय ने राष्ट्रपति पदक के लिये अपनी स्वीकृति प्रदान कर एक अच्छी पहल की है जिससे और जवानों का भी मनोबल उफंचा होगा।

युद्ध समस्या का हल नहीं , निरंतर संवाद ही बेहतर विकल्परू खुर्शीद

salman khurshid dehradoon
देहरादून, 17 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। ‘‘राष्ट्रहित में विदेश नीति तैयार की जाती है। भारत आज विश्व के शीर्ष देशों की श्रेणी में है। युद्ध किसी भी समस्या का हल नही है। निरंतर संवाद ही बेहतर विकल्प है, जिसके माध्यम से हम अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बना रहे है।’’ यह बात केन्द्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने दून विश्वविद्यालय में ‘‘पब्लिक डिप्लोमेसी इनिश्यिेटिव’’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कही। केन्द्रीय मंत्री खुर्शीद ने कहा कि आज भारत विश्व में विकासशील देशों की सर्वाेच्च श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि हमें विकासशील देश ही न समझा जाय, क्योंकि हम कई क्षेत्रों में विकसित देशों की बराबरी कर रहे है। केन्द्र सरकार की बेहतर विदेश नीति के कारण हमारे संबंध अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर है। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री द्वारा जो विदेश नीति तय की गई थी, उसी के कारण आज हम विश्व में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बदलते दौर में भूमंडलीकरण और आर्थिक सुधारों के कारण काफी परिवर्तन हुआ है। विदेश नीति तय करते समय इन सब बातो का ध्यान रखना पड़ता है। साथ ही प्रत्येक नागरिक और राज्य सरकारों के हितों को ध्यान में रखकर भी विदेश नीति बनायी जाती है। उन्होंने कहा कि आज के समय के समय में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ गया है, इसलिए सरकार जो भी काम करे, उसका तेजी से आदान-प्रदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पब्लिक डिपलोमेंसी के माध्यम से हम प्रयास कर रहे है कि जनता की सहभागिता और उत्साह देश से संबंधित विषयों पर हो। उन्होंने कहा कि यह पहल इस बात के लिए महत्वपूर्ण है कि जनता विशेषकर युवा देश की विदेश नीती जैसे गंभीर विषय के प्रति जागरूक हो। उन्होंने कहा कि विदेश नीति को तैयार करते समय संपूर्ण देश एवं अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखना पड़ता है। खुर्शीद ने कहा कि उत्तराखण्ड में आई दैवीय आपदा से पूरा देश दुखी है। केन्द्र सरकार हर संभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री बहुगुणा द्वारा आपदा राहत कार्यों का बेहतर ढंग से संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार के साथ उन्होंने बैठक कर आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की है। लापता लोगों के संबंध में केन्द्र सरकार के स्तर से जो भी पत्राचार अन्य देशों के साथ किया जाना है, उसके लिए विदेश मंत्रालय को निर्देश जारी कर दिये गये है। उन्होंने कहा कि अब हम सबके सामने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण जैसे कार्यों में तेजी लाना है। इसके लिए केन्द्र सरकार के स्तर पर जो भी काम किया जाना है, उसमें तेजी लायी जा रही है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड की आपदा में केन्द्र सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार आभार व्यक्त करती है। भारत सरकार जो भी विदेश नीति तय करती है, राज्य सरकारें उसका अनुपालन करती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सीमांत प्रदेश है, विदेश नीति बनते समय हिमालय राज्यों की विशेष भौगोलिक स्थिति व सामरिक हितों को ध्यान में रखकर विदेश नीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व में विदेश मंत्री जी द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि देश की एकता व अखण्डता से किसी भी कीमत पर समझौता नही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे यहां लोकतंत्र समृद्ध है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी है। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग समस्याएं है, जिन्हें ध्यान में रखते हुए देश को विदेश नीति तैयार करनी होती है। आगामी सितम्बर माह में राज्य सरकार द्वारा हिमालयी राज्यों और देशों के साथ एक कार्यशाला करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें पर्यावरण संतुलन, विकास और विदेश नीति संबंधी अन्य मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। संयुक्त सचिव विदेश मंत्रालय भारत सरकार रीमा गागुली दास ने सारगर्भित प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर दून विश्वद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के.जैन द्वारा कार्यक्रम के आयोजन संबंधी जानकारी दी गई। इस अवसर विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

राज्यपाल को सौंपा राहत राशि का ड्राफ्ट

देहरादून, 17 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी से भेंट करने राजभवन पहुँचे गोबिन्द बल्लभ पंत कृषि एवं तकनीकि वि0वि0 के कुलपति (प्रभारी) आलोक कुमार जैन ने उन्हें ’’मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष’’ हेतु ृ सोलह लाख, त्रेसठ हजार, नौ सौ, दो (16,63,902) का ड्राफ्ट सौंपा। यह धनराशि वि0वि0 के कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से प्रदत्त एक दिन के वेतन से संकलित राशि है जो उत्तराखण्ड में आयी भीषण दैवीय आपदा के पीडि़तों के सहायतार्थ दी गयी है।

जंगल में चारापत्ती लेने गई महिला को बाघ ने बनाया निवाला

ऋषिकेश/देहरादून, 17 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। जनपद टिहरी गढ़वाल के नरेन्द्रनगर विकास खंड अंतर्गत मवेशियों के लिए जंगल में चारापत्ती लेने गई, एक महिला को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। क्षत विक्षत शव मिलने से क्षेत्र में दहशत फैैल गई। क्षेत्रीय लेखपाल ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा।
मंगेसरी देवी 55 वर्ष पत्नी छोटा सिंह निवासी ग्राम मठियाली पट्टी गूलर दोगी घर के समीप जंगल में चारा पत्ती लेने गई थी। देरशाम तक वापस नहीं लौटी तो परिजन उसकी तलाश में जुट गए। बताया जा रहा है कि जंगल में महिला मृत अवस्था में मिली। किसी जंगली जानवर ने पेट से छाती तक उसका शरीर खा रखा था। आशंका जताई जा रही है कि महिला को बाघ ने अपना शिाकर बनाया हैं । क्षेत्रीय लेखपाल प्रेम सिंह पयाल ने बताया कि प्रथम दृष्टया बाघ का हमला लग रहा हैै।

तीर्थनगरी के एक और स्वतंत्रता संग्राम सैनानी शिवरतन ने ली अंतिम सांस

देहरादून, 17 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। तीर्थनगरी में एक एक कर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सैनानियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इसी श्रृंखला में एक और आजाद हिंद फौज के सिपाही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवरतन शर्मा का भी गत दिवस लम्बी बीमारी के बाद उनके मायाकंुड स्थित निवास स्थान पर निधन हो गया। वह 91 वर्ष थे। जिनका चंद्रेश्वर नगर स्थित शमशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार किया गया। जिनकी अंतिम यात्रा मंे जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी और काफी संख्या मंे स्थानीय नागरिक शामिल हुए। उनके पुत्र महेश कुमार शर्मा ने बताया कि वे करीब छह माह से अस्वस्थ थे। उनका जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल से उपचार चल रहा था। तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर के साथ अंतिम यात्रा चंद्रेश्वरनगर शमशान घाट पहुंची। जहां पुलिस गार्द की टूकड़ी ने उन्हे गार्ड ऑफ आनर दिया और शोकशस्त्र कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, एसडीएम हिमालय सिंह मार्ताेलिया, नगर पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, तहसीलदार संगीता कन्नौजिया, सीओ हरवंश सिंह, शहर कोतवाल आर.एस.असवाल, संजय शास्त्री, जयेंद्र रमोला, विनोद शर्मा बीबी बाली आदि मौजूद थे।

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