उत्तराखंड की विस्तृत खबर (28 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 28 अगस्त 2013

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (28 अगस्त)

राहत कार्यों में सड़क की बनी सबसे बड़ी बाधा

देहरादून, 28 अगस्त। उत्तराखण्ड में आई आपदा के दो महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन आपदा के दंश प्रभावित इलाकों में आज भी मौजूद हैं। जिंदगी को अपने रास्ते पर आने की कोशिश में खस्ताहाल सड़कें सबसे बड़ी बाधा बनी हुई हैं, लेकिन राज्य सरकार के तमाम दावों के बाद भी राज्य के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों सहित राज्य की 328 सड़कें बंद हैं। सड़क बनाने का काम अभी मौसम के चलते शुरू नहीं हो पाया है।
आपदा ने पहाड़ की जिंदगी को और भी मुश्किल बना दिया है। 16-17 जून में आए भीषण सैलाब और भूस्खलन के बाद बर्बाद हुई सड़कों के कारण स्थानीय पहाड़ के लोग तंग हाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग आज भी तंबूओं में तंग जिंदगी जी रहे हैं। एक-एक तंबू में दो-दो, तीन-तीन परिवार किस तरह गुजर-बसर कर रहे हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें बंद होने के कारण खाद्यान्न का संकट भी गहरा गया है। मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारी तो हैलीकाप्टर के जरिए दौरे कर लेते हैं, लेकिन आम आदमी आज भी परेशान और हताश नजर आ रहा है। आपदा की मार सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बीमारों पर पड़ी है, जो सड़कें बंद होने के कारण तिलतिल कर मरने को मजबूर हैं। प्रकृति के कहर ने उत्तराखण्ड की 328 सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी हैं, इन सड़कों का एक से लेकर दो किलोमीटर तक का हिस्सा पूरी तरह बह गया है, जिस पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है, वहीं राष्ट्रीय राजमार्गों का भी कमोबेश यही हाल है। मुख्यमंत्री इसके लिए सीमा सड़क संगठन को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन सच तो यह है कि राज्य में सड़क बनाने की ज्यादातर जिम्मेदारी राज्य सरकार के पास है और जिसके मंत्री के रूप में दायित्व मुख्यमंत्री के पास ही है। प्रदेश में सड़क बनाने के लिए केंद्र पहले ही 150 करोड़ की सहायता मुहैया करा चुका है। ऐसे में राज्य में सड़क न बनने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर ही आती है, इसको लेकर वह विपक्ष के निशाने पर है। महाप्रलय के चलते बर्बाद हुई सड़कों को बनाने की डेड लाईन 30 सितंबर तय की गई है और केदारनाथ में पूजा करने की तारीख 11 सितंबर ऐसे में सबसे बड़ा यह सवाल उठ खड़ा हो रहा है कि जब केदारनाथ तक पहुंचने के लिए मार्ग ही उपलब्ध नहीं होगा, तो आखिर केदारनाथ में पूजा को लेकर सरकार इतनी जल्दबाजी में क्यों है और वह पूजा किसके लिए कराई जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वर्तमान में आपदा के बाद से लेकर अब तक केदारनाथ धाम में होने वाली पूजा ऊखीमठ के ओमकारेश्वर मंदिर में हो रही है। ऐसे में सरकार का 11 सितंबर तक केदारनाथ में पूजा करने पर  अड़िग रहना किसी के गले नहीं उतर रहा है, जबकि शास्त्रों की जानकारी रखने वाले लोगों का भी कहना है कि 11 सितंबर की तारीख पूजा कराने के लिए माकूल नहीं है। सच तो यह है कि अभी तक इन आपदा प्रभावित सड़कों से मलबा हटाने का काम ही शुरू हुआ है, बह गई सड़कों का बनना अभी भी बाकी है, ऐसे में पहाड़ के लोग क्या करें, उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा है। 

पुलिस ने किया तीन हत्याकाण्डों का खुलासा, छहः गिरफ्तार

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। पुलिस के लिए चुनौति बनी तीन हत्याकाण्डों का खुलासा करते हुए पुलिस ने छहः आरोपियों को हिरासतमें ले लिया ह। पुलिस ने बुधवार को तीन हत्याओं का खुलासा किया। पुलिस अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना रायवाला क्षेत्रांर्गत हरिपुर कला निवासी लीला की गाय का बछड़ा खो गया था, वह अपने बछड़े को ढूंढती हुई जंगल में चली गई, वहां सूरज बस्ती में रहने वाले तीन युवक सुमन, सूरज व सुनील चरस पी रहे थे कि इस महिला ने तीनों को देख लिया और उनसे कहा कि वह उनकी शिकायत परिजनों से कर देगी, इसको लेकर महिला और तीनों के बीच मारपीट हो गई और महिला ने तीनों को डंडा मार दिया, जैसे ही महिला लीला वापस जाने लगी तो तीनों ने वहां पड़ा पत्थर उसके सिर पर मार दिया, लीला वहीं गिर गई और उसके बाद तीनों ने महिला पर वार करते हुए उसका चेहरा पत्थरों से कुचल दिया। इस हत्याकाण्ड में पुलिस के हाथ कई सुराग लगे थे, बुधवार को तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरी हत्या सहसपुर के ढाकी गांव में 25 अगस्त को हुई थी। पुलिस ने बताया कि नाजिम (50) अपने गांव में ब्याज पर पैसे देने का काम करता था और वह इसकी ऐवज में एक माह में वह मूल रकम समेत ब्याज भी लेता था। इस बीच वहीं के रहने वाले इश्तिहार और इशरार की नजर नाजिम के पैसे पर पड़ी, दोनों ने लूट के इरादे से नाजिम के घर आना शुरू कर दिया, इस बीच दोनों युवक नाजिम के घर गए और उसकी हत्या कर बाद में पूरे घर को खंगाल डाला, तो दोनों युवकों को पंाच हजार रूपये मिले, जिसे दोनों ने आपस में बांट लिया। घटना के बाद पुलिस में मामला दर्ज करने के बाद हत्यारोपियों की तलाश की गई, तो बुधवार को सहसपुर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं तीसरी हत्या डोईवाला में एक मासूसम बच्चे की हुई थी। शब्बीर के पांच वर्षीय बेटे पुन्नू का शव एक कार में मिला था, पुलिस ने एक घर के बाहर खड़ी कार में से इस मासूम का शव बरामद किया था। पुलिस के अनुसार इस मासूम के साथ पहले कुकर्म किया गया था बाद में उसकी हत्या की गई। इस मामले में एक नेता के भाई पर शक था। वहीं बुधवार को पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए अमित कुमार नामक व्यक्ति को मासूम की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। 

पुरूषोत्तम ने किया जिलाधिकारी देहरादून का पदभार ग्रहण

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। शासन के आदेशानुसार गुप्तकाशाी से केदारनाथ क्षेत्र फाटा-सोनप्रयाग, गौरीकुण्ड, रामबाडा एवं जंगलचट्टी हेतु बनाये गये राहत आयुक्त पद से अवमुक्त करते हुए डा. वी.वी.आर.सी. पुरूषोतम को दुबारा जिलाधिकारी देहरादून का दायित्व सौपा गया है। उन्होने आज प्रातः 11.30 बजे कोषागार में डबल लॉक का चार्ज लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून का पदभार ग्रहण कर लिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन ने जो जिम्मेदारी उन्हे पुनः सौपी है उसका निर्वहन ईमादारी एवं कर्त्बयनिष्ठा के साथ करेगें। उन्होने कहा कि आम जनता की समस्याओं का निदान समय सीमा के अन्तर्गत किया जायेगा तथा आम जनता की जो भी समस्या व शिकायत होगी उसका निराकरण सम्बघित अधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा कि जो भी आम जनता की समस्या एवं शिकायत है उसका निराकरण एक सप्ताह के अन्तर्गत करना सुनिश्चित करेगें। ताकि आम जनता को अपनी समस्याओं को लेकर अनावश्यक अधिकारियों के चक्कर न काटने पडें। गुप्तकाशी केदारनाथ क्षेत्र में राहत आयुक्त बनाये गये जिलाधिकारी ने वहां के संस्मरण बताते हुउ कहा कहा कि उनके द्वारा उस क्षेत्र में 26 दिन तक राहत कार्य किया गया है तथा वहां कि समस्याओं को नजदीक से देखा है उनके द्वारा 10 गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया गया तथा ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू हुए तथा उनके द्वारा प्रशासन चला गांव की ओर कार्यक्रम भी चलाया गया जिसमें इस कार्य में लगाये गये अधिकारियों द्वारा 26 गांवों का निरीक्षण कर उनकी समस्याओं से अवगत हुए। उन्होने ग्रामीणों से मिलकर क्षेत्र की आर्थिकी विकसित करने के विषय में भी ग्रामीणों के भी सुझाव लिए गये जिसमें उन्होने महसूस कियाकि क्षेत्र की आर्थिकी तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोडने हेतु बकरी पालन, कुकुट पालन डेयरी विकास के क्षेत्र में मनरेगा योजना के द्वारा जोडा जाय तथा कृषकों को माल्टा की उन्नत खेती के सर्बधन के लिए आत्मा के द्वारा कृषकों को प्रशिक्षण दिला कर उनकी आर्थिकी को मजबूत करने पर बल दिया। जिसके लिए उनके द्वारा शासन को भी अपनी आख्या प्रेषित की गई है। उन्होने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में सडक की समस्या एक प्रमुख समस्या है जिसके लिए लगभग 300 मजदूरो का सडक मार्ग खुलवाने में लगाये गये है लेकिन मौसम साथ न देने के कारण सडक मार्ग खुलवाने में दिक्कत हो रही है। जिसके लिए उन्होने अधीक्षण अभियन्ता स्तर के अधिकारी की भी गुप्तकाशी में नियुक्ती की गई है। क्षेत्र में विद्युत एवं पेयजल की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।    इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व झरना कमठान,अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरक सिंह रावत, उप जिलाधिकारी सदर रामजी शरण, नगर मजिस्ट्रेट गिरीश चन्द्र गुणवंत, उप नगर मजिस्ट्रेट दीपेन्द्र नेगी, मुख्य कोषाधिकारी जगत सिंह चौहान, जिला सूचना अधिकारी अजय मोहन सकलानी सहित जिला कार्यालय केे अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

पशुचिकित्सा अधिकारियों की सहवर्गीय बैठक सम्पन्न 

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। संयुक्त निदेशक,/मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, देहरादून अविनाश आनन्द,की अध्यक्षता में जनपद के पशुचिकित्सा अधिकारियों की सहवर्गीय बैठक विकास भवन सभागार में सम्पन्न की गयी, जिसमें सर्वप्रथम मनरेगा योजनान्तर्गत पशुपालन सम्बन्धी योजनाओं पर चर्चा की गयी। पशुुचिकित्सा अधिकारियों के साथ-2 डेरी विकास विभाग के सहायक निदेशक,  बिजल्वाण एवं पशु चिकित्सक डा0 संजय तथा समितियों के क्षेत्र पर्यवेक्षको द्वारा भाग लिया गया । डेरी विकास विभाग की मिनी डेयरी योजना के साथ मनरेगा योजना में गौशाला में पक्का फर्श, चारा नांद, यूरिन टैंक तथा चारा विकास  आदि से युगपतिकरण किये जाने की समीक्षा की गयी, जिसमें डेयरी विभाग द्वारा चयनित 185 लाभार्थियो को येाजना से लाभान्वित किया जाना है। उक्त योजना का प्रस्ताव जिला कार्यक्रम समन्वयक /जिलाधिकारी, महोदय को प्रस्तुत कर दिया गया है। ततपष्चात जिला पंचायत में अनुमोेदन के उपरान्त योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। जिलाधिकारी महोदय के निर्देषों के अनुसार जनपद स्तर पर योजना के क्रियान्वयन को मनरेगा योजना युगपतिकरण हेतुं डा0 अविनाष आनन्द, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। साथ ही विभागीय योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गयी । पषुधन बीमा योजना के अन्तर्गत पषुचिकित्सा अधिकारियों को विषेष रूचि लेकर कार्य करने के निर्देष दिये गये।

सड़क हादसों में तीन की मौत

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। तीन लोगोें की देहरादून और मसूरी में हुए अलग-अलग हादसों में मौत हो गयी। देहरादून के मुहब्बेवाला में बीती देर रात एक विक्रम को रोडवेज बस ने टक्कर मार दी बस की टक्कर से विक्रम के परखच्चे उड़ गये गनीमत यह रही कि विक्रम मे कोई सवारी नहीं थी। इस दुर्घटना में विक्रम चालक की मौत हो गयी। जानकारी के मुताबिक बीती रात विक्रम चालन कुलवन्त मुहब्बेवाला से आ रहा था कि रास्ते में उसे एक रोडवेज बस जिसका नम्बर यूके07ईए1029 है ने टक्कर मार दी जिससे विक्रम चालन कुलवन्त बुरी तरह से घायल हो गया। कुलवन्त अपने विक्रम जिसका नम्बर यूके07टीए1513 है से घर वापस आ रहा था। हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने बस को रोक लिया और चालक सुखमीत का पकड़ लिया। इस दुर्घटना में कुलवन्त की मौके पर ही मौत हो गयी पुलिस ने रोडवेज बसचालक सुखमीत के खिलापफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दूसरी दुघर्टना देर रात दो बजे मसूरी के एक ग्राम सरोना के निकट हुई जहां एक पिकअप महेन्द्राजीप जिसका नम्बर यूके07ईए2622 है ,अनियत्रिंत होकर तीन सौ मीटर नीचे खाई मेें जा गिरी। दुर्घटना के समय जीप में दो लोग सवार थे दुर्घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों ने उन्हें खाई से बाहर निकाला लेकिन दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान धमेन्द्र सिंह रावत 35 वर्ष निवासी रायपुर तथा बोरा सिंह जवारी पुत्र नारायण सिंह जवारी निवासी राजपुर के रुप में की गयी है। पुलिस ने दोनों के शवों को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

जन्माष्टमी के लिए श्रद्धालुओं में उल्लास, 5100 वर्ष बाद आया श्रीकृष्ण के अवतरण वाला यह संयोग

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। बुधवार को कृष्ण भक्तों ने सदियों बाद आये कृष्ण जन्माष्टमी के महायोग पर विशेष पूजा अर्चना कर पुण्यलाभ अर्जित किया। श्रीकृष्ण का जन्म जिस योग में हुआ था आज पिफर से वही योग पड़ने के कारण यह व्रत अति पुण्य वाला माना जा रहा है। इसीकारण आज कृष्ण जन्माष्टमी के लिए श्रद्धालुओं में काफी उल्लास नजर आयां विद्वजनों के अनुसार 5100 वर्ष बाद आज फिर से श्रीकृष्ण के अवतरण वाले संयोग बने हुए हैं। भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार व राहिणी नक्षत्र, कालसर्प योग, चन्द्रमा वृष लग्न, सूर्य सिंह राशि होने पर कृष्ण भगवान का अवतरण धरती पर हुआ था। आज वही संयोग होने के कारण इस व्रत को अति दुर्लभ माना जा रहा है क्योंकि इसे जयंती योग कहा जाता है। इस महायोग में विधि विधान से पूजा करने वालों की मनोकामना भी पूर्ण होगी ऐसा शास्त्र ज्ञाताओं का मानना है। आज यह महायोग होने के कारण कृष्ण भक्तों में काफी उल्लास दिखायी दिया। कृष्ण जन्माष्टमी को द्रोणनगरी में धूमधाम से मनानेे के लिए कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं। मंदिरों को लड़ियों से सजाया गया है और बांकेबिहारी को झूला झूलाने के लिए भी मंदिरों में झूले लगाये गये हैं। मंदिरों में सुबह से ही कृष्ण लीलाओं से ओत-प्रोत भजनों को लगाया गया था। वहीं दिन के समय लोगों ने मंदिरों और अपने घरों कीर्तन कर बांकेबिहारी का गुणगान किया। घरों में कृष्ण भक्तों ने लड्डू गोपाल का आसन सजा कर उनकी पूजा के लिए खास प्रबंध किये हैं तो वहीं उनको प्रिय माखन-मिश्री से भोग लगाने के लिए भी विशेष प्रबंध मंदिरों में और घरों में लोगों ने किये हैं। कहीं फूलों से तो कहीं मोतियों की मालाओं से कृष्ण के प्रतिमाओं को सजाया गया। बाजार में भी कृष्ण की कई आकर्षक मूर्तियां लोगों को लुभा रही हैं। इन मूर्तियों को सजाने के लिए मोर मुकुट, बांसुरी, हंसली, कंगन, तगड़ी, बाजूबंद और कपड़े भी खासे लुभा रहे हैं। इसके साथ ही लड्डू गोपाल को पहनाने के लिए मोती और साटन के कपड़ से बनी मालाएं भी कापफी बिक रही हैं। मान्यता है कि एक श्रीकृष्ण पूर्ण अवतार हुए हैं। वे ही सोलह कलाओं से पूर्ण अवतरित हुए जबकि अन्य देवी-देवताओं का अवतरण इनसे कम कलाओं के साथ हुआ। श्री कृष्ण में श्री, भू, कीर्ति, इला, लीला, कांति, विद्या, विमला, उत्कर्षिणि, ज्ञान, क्रिया, योग, प्रहवि, सत्य, इसना व अनुग्रह सोलह कलाएं हैं। उनकी इन सोलह कलाओं से युक्त नंदलाल ने अपने बालपन में जो लीलाएं की उनसे ही आज भी बच्चों की शरारतों की तुलना की जाती है। अब अगर बांकेबिहारी की बात हो और राधारानी को भूल जायें तो यह पूजा भी अधूरी ही मानी जाती है। इसीलिए नंदगोपाल के साथ ही राधा की पूजा को भी विशेष माना जाता है। उनके साथ ही राधारानी का भी विशेष श्रृंगार किया गया। राधा के श्रृंगार के साथ ही उनके एक से एक वस्त्र भी बाजार में मिल रहे हैं जिनसे उनको सजाया गया। माना जाता है कि अगर बांकेबिहारी को मनाना हो तो राधा रानी को याद करना चाहिए।

राज्यपाल से मिले विधान सभा अध्यक्ष

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अजीज कुरैशी से आज राजभवन में विधानसभा अध्यक्ष श्री गोविंद सिंह कुंजवाल ने शिष्टाचार मुलाकात की। इसके अतिरिक्त और भी कई महानुभाव राज्यपाल से मिले जिनमें श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 यू0एस0 रावत भी शामिल हैं।

उत्तरांचल उत्थान परिषद ने डा. हर्षवंती बिष्ट को किया सम्मानित

डा. हर्षवंती बिष्ट
देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश की प्रख्यात शिक्षाविद् व पर्यावरणविद् और हाल ही में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा एडमंड हिलेरी पर्यावरण पुरस्कार के लिए चयनित डा. हर्षवंती बिष्ट को सामाजिक संस्था उत्तरांचल उत्थान परिषद ने उनके सामाजिक,शैक्षिक एवं पर्यावरणीय क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया। जोगीवाला स्थित उत्तराचंल उत्थान परिषद के प्रांतीय कार्यालय पर आयोजित इस सम्मान समारोह को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक कुशल कोठियाल ने कहा कि आज उत्तराखंड को स्वयंसेवी संस्थाओं और डा.हर्षवंती बिष्ट जैसी सख्सियतों की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को बने 12 साल से अधिक हो गए है लेकिन इसकी जो तस्वीर राज्य आन्दोलनकारियों के जेहन में थी हम इसे वैसा बना नहीं सके। उन्होंने कहा कि हमकों आज इस पर बहुत गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता,पुलिस,राजनीति के साथ-साथ एनजीओ के क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार ने दस्तक दी है और इन क्षेत्रों में नैतिक मूल्यों गिरावट आई है। लेकिन ऐसे दौर में भी उत्थान परिषद जैसी संस्थाएं अच्छा कार्य कर रही है यह प्रसंशनीय है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा में हमने धन और जन के साथ अपनी छवि भी खोई है जिसकी भरपाई मुश्किल है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में उत्तराखंड की जो छवि बिगड़ी है उसमें सरकार का बहुत योगदान है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के मुखिया को राज्य की छवि बनानी थी तब वे अपनी छवि बनाने के चक्कर में दिल्ली का चक्कर काट रहे थे। जबकि उनको आपदा के समय खुद पीड़ितों की मदद देते हुए दिखना चाहिए था जिसमें एक सकारात्मक संदेश पूरे देश में जाता। उन्होंने सरकार की संवेदनहीनता को रेखांकित करते हुए कहाकि पिछले दिनों गैरसैंण में एक चट्टान गिरने और उससे झील बनने के खतरे की रिपोर्टे सभी अखबारों में छपी लेकिन सरकार ने उसका संज्ञान लेने के बजाय उसका खंडन किया। इससे साबित होता है कि आपदा के पानी के साथ सरकार की आंखों का पानी भी सूख गया है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड दुर्दशा का कारण बस एक है कि जिनकों इसके बारे में सोचना चाहिए था उन्होंने इसके छवि के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने सरकार की इस संवेदनहीनता के लिए विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यहां का विपक्ष सदैव अच्छा मित्र विपक्ष ही बना रहा जिसका खामियाजा इस राज्य को भोगना पड़ रहा है। उन्होंने पत्रकारिता में गिरावट को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका कितना पतन हुआ यह किसी से छिपा नहीं है। केदारनाथ आपदा के समय जिस तरह से इलेक्ट्रानिक मीडिया ने एक स्थान पर महिलाओं से थाली बजवाया और पूरे देश को यह संदेश दिया कि यहां के लोग भूखों मर रहे है इसकी गिरावट का एक उदाहरण है। उन्होंने आपदा के समय लूटपाट की खबरों को मीडिया का ड्रामा बताया। उन्होंने कहा कि परिषद के कार्यो से निश्चित ही कुछ लोगों को जीवन जीने की नई राह मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी एनजीओं को अपने कार्य को सर्वोत्तम ढंग से संपादित करने के लिए पांच बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए जिसके तहत संकल्प,समर्पण,जनसहभागिता,संसाधन और शुचिता का नाम लिया जा सकता है। उन्होंने एनजीओं क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को स्पष्ट करते हुए कहाकि आज स्वयंसेवी संस्थाएं भी भ्रष्टाचार के मामले में एक पैरेलल सरकार का कार्य कर रही है। उन्होंने सभी स्वंयसेवी संस्थाओं को अपनी ऐसी छवि को बदलने का आह्वान किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित डा. हर्षवंती बिष्ठ ने कहा कि लोगों को अंधेरों और परेशानियों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उनसे लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस राज्य से गंगा निकलती है जिसे देश में देवभूमि का दर्जा प्राप्त है वहां कुछ ऐसा कार्य होते रहना चाहिए जो देश में इसकी एक अलग पहचान को बनाए रखे। उन्होंने सरकार की असफलता की आलोचना करते हुए कहाकि जिस दिन हमारे मतदाता जागरूक हो जाएगंे और स्वहित छोड़ कर सर्वहित की बात करेंगे उस दिन सरकारें भी ठीक हो जाएंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीएवी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. देवेन्द्र भसीन ने कहा कि डा. हर्षवंती बिष्ट हमारे राज्य की गौरव और प्रेरणा है। उन्होंने उनकों अन्तर्रार्ष्टीय पुरस्कार प्राप्त होने पर बधाई दी और कहा कि आप उपलब्धियां हम सबकों प्रेरित करती है। केदारनाथ की आपदा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहाकि जिस तरह की आपदा आई शायद भूतकाल में ऐसी कोई आपदा नहीं आई और भविष्य में नहीं आएगी इसकी गारंटी भी कोई नहीं ले सकता। यह त्रासदी हमारे सामने एक बड़ा प्रश्न छोड़ कर गई है कि आखिर हमने राज्य निर्माण के 12 वर्ष की यात्रा में क्या पाया है। आज हमें राज्य के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार करना होगा और उसकों योजनाबद्ध ढंग से क्रियान्वित करना होगा। कार्यक्रम में उपस्थित आरएसएस के प्रान्तकार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने भी अपनी बात रखी और दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति के माध्यम से आपदा पीड़ितों को उपलब्ध कराई सहायताओं का आकड़ा लोगों के सामने रखा। जबकि उत्तरांचल उत्थान परिषद के अध्यक्ष भजन सिंह खत्री ने संस्था के गठन से लेकर अब तक किये गए कार्यो का विस्तृत लेखाजोखा प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार शाक्त ध्यानी की मासिक पत्रिका हलन्त का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन रामप्रकाश पैन्यूली ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संस्था के उपाध्यक्ष प्रेम जी बड़ाकोटी ने किया। इस दौरान आरएसस के प्रान्त व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र मित्तल,पत्रकार गोविन्द कपटियाल,शशिकांत दीक्षित,दीपक डिमरी,भारत चौहान,अजय जोशी,शाक्त ध्यानी,डा. वीडी शर्मा,जीके मित्तल,सतीश अग्रवाल,सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल,जगदीश बाबला,कमला पंत,संजय जैन,आजाद सिंह रातव,हिन्दुस्थान समाचार के ब्यूरोचीफ धीरेन्द्र प्रताप सिंह,दयानन्द चंदोला,ब्रह्मीदत्त जोशी,़ऋषिराज डबराल,अरूण गौड़ आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे। 

सहायक लोक सूचना अधिकारी का पुतला फूंका

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। सीएमओ हरिद्वार के सहायक लोक सूचना अधिकारी का पुतला इलैक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखण्ड ने फूंका। बुधवार को एसोसिएशन के बैनरतले इलैक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सक घण्टाघर पहंुचे और उन्होंने हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत सहायक लोक सूचना अधिकारी डा.पीके सिंह का पुतला फूंका। उनका कहना था कि डा. सिंह द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचना देने व चिकित्सकों से जांच के नाम पर व प्रैक्टिस की एवज में पैसों की मांग की जा रही है। पैसा न देने पर चिकित्सकों के क्लीनिक सीज करने व उन्हें झूठे मुकदमे में पफंसा कर जेल भेजने की धमकी डा. सिंह द्वारा दी जा रही है। इस तरह से खुलेआम चिकित्सकों का आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 17 अप्रैल को डा. सिंह ने जनपद में प्रैक्टिस कर रहे इलैक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सकों को नोटिस दे कर 26 अप्रैल को अपने कार्यालय में बुलाया और प्रैक्टिस के नाम पर पांच हजार रूपये की मांग की। जबकि अन्य प्रैक्टिस करने वालों को जांच के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया। उनका कहना था कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्राी, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, स्वास्थ्य मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य महानिदेशक आदि से की लेकिन सरकार ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। उन्होंने शीघ्र कार्यवाही न किये जाने पर पूरे राज्य में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। पुतला फूंकने वालों में मुकेश चौहान, आदर्श शर्मा, एनएस ताकुली, मंजीत कश्यप, एसके द्विवेदी, दिनेश चंद रमोला, बीसी आर्या, आईएच अंसारी, एफए राव, चण्डी प्रसाद रतूड़ी, कमलेश खण्डूरी तथा कैलाश बड़थ्वाल आदि शामिल थे।

तीर्थ नगरी में माखनचोर के जन्म दिवस की धूम

ऋषिकेश/देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। हजारों वर्ष पूर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का महापर्व ऋषिकेश तीर्थनगरी में वर्षा के बावजूद वैष्णव सम्प्रदाय तथा गृहस्थों द्वारा एक ही दिन जहां धूमधाम से मनाया गया वहीं लोगों की सुरक्षा हेतु पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई  ,परन्तु  विद्युत विभाग की लपरवाही के चलते जन्माष्टमी जैसे माहपर्व पर भी कई मन्दिर अधेंरे में डूबे रहे और श्रद्धालुओ की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगाते रहे। बताया जाता है कि उक्त विद्युत व्यवस्था पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार वर्षा के कारण पावर प्रोजैक्ट में आई सिल्ट के कारण लडखडाई। बावजूद इसके श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर तीर्थनगरी के तमाम मोहल्लों में स्थित मन्दिरों में जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़े पालकी के उदघोष के साथ श्री कृष्ण व राधा की मूर्ति को झूले में झूलाकर भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त होने का एहसास कराया गया। 
इसी के साथ मन्दिरों मे ंदेर रात तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सजी भगवान के स्वरूपों के दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने व्रत रखा और भगवान की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने श्रीराधा-कृष्ण मन्दिरों मे  दर्शन पूजन का पुण्यलाभ प्राप्त किया। वैष्णव सम्प्रदाय के अनुसार  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया पर्व के दृष्टिगत तीर्थनगरी में विभिन्न मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है।  इस अवसर पर त्रिवेणीघाट,मुनिकीरेती स्थित मधुवन आश्रम मुख्यबाजार स्थित श्रीगोपाल मंदिर श्रीदुर्गा शक्ति मंदिर आदि में श्रद्धालुओ की खूब भीड़ रही मध्यरात्रि मंे भगवान का प्रकाट्य दिवस धूमधाम से मनाया गया।  उधर जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मधुबन आश्रम में स्कूली बच्चों ने कान्हा से सम्बन्धित गीत गाकर सबका मन मोह लिया। जन्माष्टमी पर लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी जिसके तहत पुलिस ने तमाम मन्दिरों में भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बमनिरोधक दस्ते व खोजी कुत्तों को भी लगाया था। इसके बावजूद भी कई र्मिन्दरों में महिलाओं की चेन, ुटेरों द्वारा छीन लिये जाने के साथ लडकियों के साथ अश्लील हरकतें करने के समाचार भी मिले है।

धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव, विष्णु सहस्रनाम व भजन कीर्तन की रही धूम

ऋषिकेश/देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। तीर्थनगरी मंे श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर श्रद्धालुआंे ने जन्माष्टमी का व्रत रखा औेर गंगा स्नान किया। विशेषरूप से गृहस्थ लोगां ने घरों ओैेर मंदिरो मे विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया । श्रीमदभागवत कथा भजन कीर्तन आदि आयेाजनों में भाग लेकर पुण्य अर्जित किया। मध्यरात्रि मे भगवान के प्राकटय पर भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल रूप मंे पूजा आराधना की औेर प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोला। श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया। लोगों ने त्रिवेणीघाट मुनिकीरेती स्वर्गाश्रम लक्ष्मणझूला आदि गंगा तटों पर मोक्षदायिनी मां गंगा में डुबकी लगाई  और व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर श्रद्धालुआं ने घरों में श्री विष्णु सहस्रनाम आदि का स्वाध्याय भजन कीर्तन कर भगवान का गुणगान किया। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व के दृष्टिगत तीर्थनगरी स्थित त्रिवेणीघाट श्री गोपाल मंदिर मधुबन आश्रम आदि मंदिरो को इलेक्ट्रिक लड़ियों झालरों से विशेषरूप से सजाया गया था। इस मोैके पर श्रद्धालुओ ने मंदिरो मंे जाकर दर्शन औेर भजन कीर्तन किया। रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण जन्म के उपरांत भक्तो ने उनके बालरूप के दर्शन कर पूजा अर्चना की और आरती उतारी। प्रसाद ग्रहण करने के बाद श्रद्धालुओ ने व्रत तोड़ा। 
पण्डित अनिल द्विवेदी ने इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस बार यह पर्व 5100 वर्ष पहले जिस तरह का संयोग बना था उसी संयोग के तहत मनाया जा रहा है। श्री द्विवेदी ने बताया कि श्री कृष्ण के अवतरण के समय भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि थी और उस दिन भी बुधवार था और रोहिणी नक्षत्र। यही संयोग इस बार बन रहा है। इस बार यह तिथि रोहिणी नक्षत्र को ही  पड़ रही है। कई बार यह नक्षत्र नहीं भी होता है होता भी है तो बुधवार वृष लग्न काल सर्पयोग नहीं होते। इस बार ये सारे संयोग बन रहे है। कृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण की अष्टमी को रात्रि 12ः12 बजे हुआ थ। उस समय चंद्रमा वृष लग्न , रोहिणी नक्षत्र मंे और सूर्य सिंह राशि में थे। दिन बुधवार और जन्म के समय कालसर्प योग था। यही योग इस बार जन्माष्टमी पर पड़ रहा है। इस समय भी कालसर्प योग है। इस दिन भी 12ः12 बजे पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र मे होंगे। ग्रह नक्षत्र और लग्न वार आदि के इस तरह के योग को जयंती योग कहा जाता है। इस बार यही महायोग बना है। पं0 अनिल द्विवेदी के अनुसार इस योग में कृष्ण की विधि विधान से पूजा करने पर मनोकामना पूरी होगी। इस बार का योग अनूठा और मंगलकारी है। भद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी 27 अगस्त मंगलवार को रात्रि 2.06 मिनट पर लगेगा जो 29 अगस्त को सुबह 4ः10 मिनट तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र 28 अगस्त को दोपहर 12ः41 मिनट से लेकर 29 अगस्त को 3ः29 मिनट तक रहेगा।

टेªन से कटकर हुई मौत को परिजनों ने हत्या की साजिश करार दिया

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। दो दिन पूर्व हरिपुर कलां मे संदिग्धावस्था में टेªन से कटकर हुई युवक की मौत को परिजनांे ने साजिश के तहत हत्या करार दिया है। आरोप है कि कुछ युवको ने उसे नाई की दुकान के बेचे गए सामान का पैसा लाने के लिए हरिपुरकलां बुलाया था। परिजनों ने हत्या की  आंशका मंे छह लोगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर देने की बात कही है। ब्ताते चले कि दो दिन पूर्व देर रात पुलिस की सूचना पर टेªन से संदिग्ध हालत में कटे मिले रिजवान 27 वर्ष पुत्र वकील अहमद निवासी ननौता सहारनपुर के परिजन रायवाला थाने पहुंचे। मृतक के भाई इसरार अहमद ने आरोप लगाया कि उसके भाई की साजिश के तहत हत्या की गई है। उन्होंने बताया कि बताया कि  रिजवान की हरिपुकलां मे नाई की दुकान थी जिसे वह ढाई महीने पहले बंद कर वापस गांव आ गया था। उसने दुकान का सामान 70 हजार मंे मोबाइल शॉप विक्रेता संजीव उर्फ बंटी निवासी तितरौ सहारनपुर हाल निवास हरिपुकलां को बेचा था। सामान के पैसे बकाया थे। बकौल इसरार बंटी के कुछ दोस्तों ने छह दिन पहले पैसे लेने के लिए रिजवान को हरिपुकलां बुलाया था। जिसके बाद वह यहां आया और बाद में उसकी मौत की सूचना मिली। परिजनों ने हत्या आशंका जताते हुए पुलिस मामले की जांच करने की मांग की है। 

संदिग्ध परिस्थिति में घूम रही युवती को लोगों ने किया पुलिस के हवाले

ऋषिकेश/देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। जिले के लालतप्पड़ क्षेत्र मे संदिग्ध परिस्थितियों में घूम रही एक युवती को लोगों ने पकडकर पुलिस को सौंप दिया। युवती कोलकाता की रहने वाली बताई जा रही है। आरोप है कि क्षेत्र का कोई व्यक्ति उसे और एक अन्य युवती को दिल्ली से काम का लालच देकर अपने साथ लेकर आया था। जबकि दूसरी युवती को उसने ऋषिकेश भेज दिया। टाज यहां ग्रामीणों को युवती संदिग्ध परिस्थितियों मे घूमती दिखाई दी। ग्रामीणों ने उसे पुलिस को सौंप दिया। कोतवाली पुलिस का कहना है कि युवती से पूछताछ की जा रही हैं वह किन परिस्थितयों में यहां पहुंची और उसके साथ आई दूसरी युवती कहां है इस बारे मे पूछताछ की जा रही है। क्षेत्र में बरामद युवती को लेकर लोगांे के बीच तरह तरह की चर्चाएं थी। 

गंगा किनारे मिले दो अज्ञात शव 

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। रायवाला थना क्षेत्र मंे गंगा किनारे दो शवों के मिलने की सूचना पर दौड़ी पुलिस ने खेजबीन कर झाड़ियांे मे फंसे एक नर कंकाल को बरामद किया हेै। दूसरे शव की तलाश मंे जल पुलिस के मदद से रेस्क्यू चलाया गया लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। जनकारी के अनुसार रायवाला थाने को आज यहां सूचना मिली कि बासंती देवी माता मंदिर के पास गंगा किनारे दो शव पड़े है। मौके पर पहुंची पुलिस ने गंगा तट पर गहनता से छानबीन की । करीब दो घंटे बाद गंगा किनारे झाड़ियांे में फंसा एक नर कंकाल बरामद किया। दूसरे शव की तलाश में जल पुलिस की सहयोग से छानबीन की लेकिन देर शाम तक कहीं कुछ नहीं मिला और पुलिस नरकंकाल को कब्जे मंे लेकर थाने आ गई।खबर लिखे जाने तक दूसरे शव का कोई पता नहीं चला था। 

समायोजन न किए जाने से शिक्षा आचार्यों में रोष 

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। बेरोजगार शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन का स्नातक योग्यताधारी शिक्षा आचार्यों एवं अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रूप में समायोजित करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शिक्षा आचार्यों का कहना है कि सरकार उनके धैर्य की परीक्षा न ले। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा।   शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन द्वारा शिक्षामित्र के रूप में समायोजित करने की मांग को लेकर लैंसडाउन चौक स्थित पुराना रायपुर बस स्टैंड पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। संगठन का कहना है कि सरकार द्वारा वर्ष 2008 में ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद कर दिया गया था। ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद किए जाने से इनमें कार्यरत 1745 शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक बेरोजगार हो गए थे। सरकार ने 18 जुलाई 2010 को शासनादेश जारी कर प्रथम चरण में स्नातक योग्यताधारी 1,107 शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर आरक्षण के प्राविधानों के अनुरूप समायोजित कर दिया था लेकिन जो शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक रह गए थे उन्हें अभी तक समायोजित नहीं किया गया है। वर्ष 2011-12 तक स्नातक योग्यता हासिल करने वाले 1,745 शिक्षा आचार्यों एवं अनुदेशकों को शीघ्र शिक्षामित्र के रूप में समायोजित किया जाए। शिक्षामित्र के पदों पर समायोजित न किए जाने से ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद किए जाने से बेरोजगार हुए शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों के समक्ष आजीविका का संकट पैदा हो गया है। संगठन का कहना है कि प्रदेश में शिक्षामित्रों के 1,797 पद रिक्त चल रहे हैं, लेकिन सरकार इन पदों पर शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों का समायोजन नहीं कर रही है, जबकि शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।  

बैंक से लाखों की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। छह लोगो के विरुद्ध यूनियन बैंक के मुख्य शाखा प्रबन्धक ने बैंक से लाखों की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। मुख्य शाखा प्रबन्धक सीके बंसल ने कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा है कि इन लोगों ने पहले मकान को गिरवी रखकर बैक से लोन लिया और गिरवी मकान को किसी अन्य को बेच दिया है आरोपी बैंक से लिए गये लोन का भी भुगतान नहीं कर रहे है। बैंक शाखा प्रबन्धक द्वारा कोतवाली में सतीश अग्रवाल पुत्राबासु अग्रवाल, भीम सिंह रावत पुत्र विक्रम सिंह, विनोद शुक्ला पुत्र श्याम लाल एंव भावना बिष्ट व श्रीमती सरिता अग्रवाल तथा आशुतोष शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी का यह मामला दर्ज कराया है शाखा प्रबन्धक का आरोप है कि इन लोगों द्वारा कोतवाली क्षेत्र स्थित यूनियन बैंक से घर को गिरवी रखकर लोन लिया गया था जिसे लोन लेने के बाद किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया गया है बैंक से लिए गये लोन की इएमआई जमा न करने पर जब छानबीन की गयी तो इस मामले का खुलासा हुआ कि यह मकान तो बेचा जा चुका है।

सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। सरकार द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी किये जाने पर प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन ने आक्रोश जताया है। हिन्दी भवन के समीप धरने पर बैठे पीआरडी जवानों का कहना है पीआरडी के गठन के बाद से जवान मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों तक प्रत्येक सरकारी व अर्द्धसरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त सचिवालय, विधानसभा में ड्यूटी करने के लिए साथ ही चुनाव के समय संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में ड्यूटी करते हैं। यहां तक पीआरडी जवानों से ड्राईवर, कम्प्युटर ऑपरेटर, चौकीदार, कुक व माली का काम भी बिना किसी मूलभूत सुविधा या कम शुल्क पर लिया जाता है। 
उनका कहना है कि पीआरडी एक्ट में संशोधन कर उन्हें राज्य कर्मचारी की भांति नियमित किया जाये। पीआरडी को युवा कल्याण से पृथक किया जाये। ड्यूटी के दौरान मौत हो जाने पर उसका बीमा दस लाख रूपये का किया जाये। मृत्योपरांत उसके स्थान पर परिवार के किसी एक व्यक्ति को नौकरी दी जाये। सेवानिवृत्ति के दौरान एकमुश्त धनराशि विदाई सम्मान के साथ दी जाये। पीआरडी विभाग में केवल राज्य के मूल निवासियों को ही वरीयता दी जाये। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार का रवैया जवानों के प्रति इसी तरह से रहा तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

घायल होने के बावजूद दिया कर्मचारियों ने धरना

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। सीएम आवास कूच करने के दौरान पुलिस के साथ हाथापाई में घायल हुआ मनरेगा कर्मियों ने बुधवार को भी धरना दिया। कर्मचारियों ने सरकार पर कर्मचारियों के आंदोलन का दमन करने का आरोप लगाया है। मनरेगा कर्मचारी संगठन ने मंगलवार को सीएम आवास कूच करने की तैयारी की हुई थी लेकिन पुलिस ने उनको रैली निकालने से इंकार कर दिया। जिसके बावजूद मनरेगा कर्मियों ने कूच करने का ऐलान किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने उन्हें घेर लिया था जिस पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जम कर झड़प हुई और नौबत हाथापाई तक पहंुच गयी। इस दौरान घायल हुए मनरेगा कर्मी आज भी धरना स्थल पर डटे हुए थे। उनका कहना था कि सरकार कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण करने की बजाय उनके आंदोलन को दबाना चाहती है। इसीलिए उन्हें सीएम आवास कूच करने से रोका जा रहा है और पुलिस के द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। मनरेगा कर्मियों द्वारा मांग की जा रही है कि उन्हें संविदा कर्मचारी घोषित किया जाये। उन्हें यात्रा भत्ते का भुगतान मानदेय के साथ ही किया जाये। मनरेगा कर्मियों को यात्रा भत्ते का भुगतान मानदेय के साथ ही किया जाये। उन्होंने मांग की है कि उनके लिए गणित व वाणिज्य की अनिवार्यता समाप्त की जाये। मनरेगा से हटाये कर्मियों को बहाल किया जाये। उन्हें राजकीय अवकाश भी दिये जायें। विभिन्न जिलों में कर्मचारियों को अलग-अलग मानदेय दिया जा रहा है। इस व्यवस्था को समाप्त कर मानदेय समान रूप से दिया जाये। भविष्य निधि व बीमा योजना का लाभ दिया जाये।

सिपाही हत्याकांड के मुख्य आरोपी गिरफ्तार

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। चिकित्सक के घर डकैती और सिपाही हत्याकांड के मुख्य आरोपी सहित तीन बदमाशों को पुलिस मुठभेंड के बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है । पुलिस ने बदमाशों से लूटी हुई सरकारी पिस्टल सहित अन्य हथियार बरामद किये है । डीआईजी गढ़वाल रेंज अमित सिन्हा ने बताया कि 14 अगस्त को 6 बदमाशों ने डा. हिना खरे के घर में डकैती की थी । वरदात को अंजाम देकर फरार हो रहे बदमाशों ने सिपाही सुनील नेगी को गोली मार दी जिससे वे शहीद हो गया । पुलिस 21 अगस्त को रेकी करने व बदमाशों को ठहराने के आरोप कुलदीप, ललित व सुरेश ठाकुर को गिरफ्तार कर मामले का खुलाशा किया था ।  उन्होंने बताया कि मंगलवार को असफनगर माल के पास मुठभेड़ में पुलिस तीन बदमशों को गिरफ्तार किया है जबकि तीन बदमशा फरार हो गये है । पकड़े गये बदमाशों की पहचान सिपाही हत्यकांड व डकैती के मुख्य आरोपी अफजाल निवासी अंबहेरा शेख अब्दुलापुर, आसिफ निवासी कायस्तवाड़ा निकट मंगलौर चौकी, थाना देवबंद के अब्दुलापुर निवासी जुल्फकार के रूप में हुई है । इनके कब्जे से सिपाही से लूटी गई सरकारी पिस्टल व अन्य हथियार भी बरामद की गई है । 

आईआईटी प्रोफेसर ने की आत्महत्या

देहरादून, 28 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। अपने आवास पर बड़े ही दर्दनाक तरीके से  आईआईटी रुड़की के एक प्रोफेसर ने आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है। प्रो. अरुण कुमार ने बुधवार को अपने आवास पर आत्महत्या कर ली। प्रो. अरुण कुमार ने तेज धारदार चाकू से अपने गले की नसें बेरहमी से काट ड़ाली। मौके पर पहुंची पुलिस ने उनके कमरे का दरवाजा तोड़कर उनका शव बरामद किया है। मौके पर वह चाकू भी मिला है जिससे उन्होंने अपना गला काटा है कमरे में भारी मात्रा में खून बिखरा पड़ा था तथा कमरा अंदर से बंद था प्रो. अरुण के नजदीकियों से मिली जानकारी के अनुसार वह लम्बे समय से अवसाद के शिकार थे आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।

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