पश्चिम बंगाल की एक तलाकशुदा महिला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मानवाधिकार संगठनों को शिकायत भेजकर आरोप लगाया है कि 'अवांछित प्रस्ताव' ठुकराए जाने के बाद एक पुलिस अधिकारी ने उसका भयादोहन किया है और उसके पुरुष मित्र को एक मामले में फंसा दिया है। यह महिला मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज की निवासी है। बनर्जी के साथ-साथ राज्य मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग को की गई अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी उसे 'बार-बार एसएमएस भेजता है और बुरे परिणाम भुगतने की धमकी देता है।' शिकायत में जिस अधिकारी का नाम बताया गया है उसने आरोप को बेबुनियाद बताया है।
शिकायतकर्ता ने एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर उसके पुरुष मित्र को सोच समझकर झूठे आरोप में गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। महिला ने कहा, "इस अधिकारी ने तलाक लेने में पहले मेरी मदद की थी। बाद में उसने एसएमएस भेजना और फोन करना शुरू किया। उसने मुझे अपने बंगले पर आने का न्योता दिया। जब मैंने इंकार किया तो उसने मुझे धमकाना और भयादोहन करना शुरू कर दिया। उसके सहायकों ने शनिवार को मेरे मित्र को झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर लिया।" उसने आरोप लगाया कि गिरफ्तार करने आए पुलिसकर्मियों ने उसे और उसके मित्र के साथ मारपीट की।
इन अरोपों को खारिज करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिस आदमी को गिरफ्तार किया गया है वह वाहन चोरी के एक पुराने मामले में नामजद था। अधिकारी ने कहा, "मैंने उसे कोई एसएमएस नहीं भेजा है और न ही कोई फोन किया है। जहां तक गिरफ्तारी का संबंध है तो उस आदमी को वाहन चोरी के एक पुराने लंबित मामले में गिरफ्तार किया गया है और उस मामले में यह महिला भी नामजद है।"
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