उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सोमवार देर रात हुई हिंसा में आठ और लोगों के मारे जाने के बाद यहां मृतकों की संख्या 38 हो गई है। इस बीच शहरी इलाके में स्थिति नियंत्रण में है लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्थिति सुधारने के लिए सेना के जवानों और पुलिस अधिकारियों को भी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिला प्रशासन के मुताबिक देर रात ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग जगहों पर हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई। हिंसा में अब तक 48 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है।
बागपत, शामली और मेरठ में हुई अलग-अलग हिंसा में तीन लोगों के मारे जाने की सूचना है लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। मुजफ्फरनगर हिंसा के मामले में अब तक 286 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और 46 लोगों के खिलाफ नामजदगी दर्ज कराई गई है। इलाके के सचिव सहित कई शीर्ष अधिकारियों का भी देर शाम तबादला कर दिया गया है।
इससे पहले विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक (आईजी)आशीष गुप्ता ने सोमवार देर शाम राज्य मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मृतकों की संख्या 30 होने की पुष्टि की थी। शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक हिंसा जिले के ग्रामीण इलाकों तक फैल चुकी है और इसीलिए सेना की मदद ली गई है। ग्रामीण इलाकों में सेना के जवानों को पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन हालात नियंत्रण में हैं। जिले के सिसौली, शाहपुर, बानिग, कालापार और बारातालाब में हिंसा फैली है।
हिंसा के मद्देनजर जिले में तैनात किए गए पुलिस बल के बारे में आईजी आशीष गुप्ता ने कहा कि 30 पुलिस अधीक्षकों, 18 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, 23 पुलिस उपाधिक्षकों की तैनाती की गई है। केंद्र से अर्ध सैनिक बलों की 50 कंपनियों की मांग की गई है। जिले में हिंसा रोकने के लिए 119 निरीक्षकों एवं उपनिरीक्षकों तथा 300 पुलिसकर्मियों की तैनाती अलग-अलग जगहों पर की गई है। त्वरित कार्रवाई बल (आरपीएफ) की आठ कम्पनियां, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 17, इंडो तिब्बत बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) की 4 कंपनियों को अलग अलग जगहों पर तैनात किया गया है। जिले के तीन थाना क्षेत्रों सिविल लाइन, कोतवाली और नई मंडी में कर्फ्यू लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि लगभग एक सप्ताह पूर्व छेड़छाड़ की एक घटना के बाद भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत से लौट रहे लोगों पर शरारती तत्वों द्वारा पथराव किए जाने के बाद जिले में हिंसा भड़क उठी। हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैली थी। इस बीच, जिला प्रशासन और सेना की टुकड़ियों के तैनात किए जाने के बाद भी कई जगहों पर लगतार गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं।
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