उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर हिंसा के मामले में बीजेपी के विधायक संगीत सोम और बीएसपी विधायक नूर सलीम को गिरफ्तार कर लिया गया है। विधायक संगीत सोम पर हिंसा भड़काने के लिए एक फर्जी वीडियो अपलोड करने के अलावा भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। सरेंडर करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने सोम के सरेंडर के बाद काफी देर तक उन्हें कस्टडी में नहीं लिया। उस वक्त संगीत सोम भाषण देते रहे और उनके समर्थक नारेबाजी करते रहे।
सोम ने संवाददाताओं से कहा कि उनके खिलाफ सारे आरोप गलत हैं और उन्होंने सरेंडर करने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उन्हें पता चला कि पुलिस उन्हें आज गिरफ्तार करने वाली है। सोम ने कहा, मैं शांतिप्रिय व्यक्ति हूं। यह मामला फर्जी है।
मुजफ्फरनगर हिंसा के मामले में 16 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें से बीजेपी विधायक सुरेश राणा को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। सुरेश राणा को आज मुजफ्फरनगर जिला अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। राणा की गिरफ्तारी के बारे में पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) आरके विश्वकर्मा ने बताया कि लखनऊ पुलिस ने शामली जिले की भवन सीट से बीजेपी विधायक सुरेश राणा को बीजेपी कार्यालय से गोमती नगर जाते समय गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर दंगे के सिलसिले में नामजद राणा के खिलाफ वारंट जारी है और मुजफ्फरनगर पुलिस ने लखनऊ पुलिस से उनकी गिरफ्तारी के लिए आवेदन किया था। राणा पर दंगों के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
सुरेश राणा का कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह का गलत भाषण नहीं दिया था और राज्य सरकार के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। विधायक सुरेश राणा ने आरोप लगाया कि इस मामले में बीजेपी को निशाना बनाया जा रहा है और इसके विधायकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद मौके पर मौजूद संवाददाताओं से राणा ने कहा, विधानसभा में मैंने जैसे ही मुजफ्फरनगर दंगों में कथित भूमिका के लिए सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां की गिरफ्तारी की मांग उठाई, उसके बाद से ही मेरी गिरफ्तारी की तैयारी शुरू हो गई थी।
उन्होंने कहा, मैं कोई भगोड़ा नहीं हूं और विधायकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। राणा ने कहा कि यदि सरकार को ऐसा लगता है कि वह दमन की कार्रवाई से उनका मुंह बंद कर देगी, तो ऐसा होने वाला नहीं है। मुजफ्फरनगर हिंसा में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी और 40 हजार से ज्यादा लोग शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
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