उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में फैली सांप्रदायिक हिंसा में 14 लोगों की हत्या के बाद अब सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरु हो गया है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार पर प्रशासनिक असफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश सरकार सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने में नाकाम रही है। बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक सांप्रदायिक सरकार है जो कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने में लगातार असफल रही है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस सांप्रदायिक हिंसा के बहाने बीजेपी पर हमला बोला है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि गैर बीजेपी शासित राज्यों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनावी फायदे के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे सकती है। उन्होंने अखिलेश सरकार पर भी हमला बोला। दिग्गी ने कहा कि अखिलेश सरकार दंगों को रोकने में बुरी तरह से नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि एसपी सरकार में कानून-व्यवस्था की हालत ठीक नहीं है। दिग्गी के मुताबिक अखिलेश से बेहतर मायावती का शासनकाल था। उधर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा बेहद अफसोसजनक है। एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां दंगों से राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इन ओछी हरकतों से बचने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी ने मुजफ्फरनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा को प्रशासनिक असफलता का नतीजा बताते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। विधानसभा में बीएसपी और विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुजफ्फरनगर की वारदात से एक बार फिर साफ हुआ है कि प्रशासन पंगु हो चुका है। प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार अपराधियों के सामने पस्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था गुंडे, माफिया, अपराधियों और सांप्रदायिक ताकतों की भेंट चढ़ चुकी है। प्रदेश में जंगलराज है। मुजफ्फरनगर की घटना के रूप में इसका घृणित चेहरा सामने है। विधान परिषद में बीएसपी और विपक्ष के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने इस मौके पर कहा कि अखिलेश सरकार ने अपराधियों के सामने घुटने टेक दिए हैं, वरना 27 अगस्त को मुजफ्फरनगर जिले के कवाल गांव में तीन लोगों की हत्या के बाद अगर प्रशासन ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की होती तो वहां हिंसा नहीं भड़कती।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में हिंसा लगातार जारी है और सरकार तमाशा देख रही है। दरअसल, राज्य सरकार सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही है। दोनों नेताओं ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सरकार से इस्तीफे की मांग की।
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