अत्याधुनिक स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ब्लैकबेरी को उसकी सबसे बड़ी हिस्सेदार फेयरफैक्स 4.7 अरब डॉलर में खरीदने पर सहमत हो गयी है। बाजार हिस्सेदारी में गिरावट से परेशान और वित्तीय घाटे से जूझ रही यह दूसरी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी है जो बिक रही है। कभी दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी रही नोकिया भी घाटे की वजह से बिक रही है और माइक्रोसॉफ्ट ने उसे खरीदने का करार किया है।
ब्लैकबेरी ने कहा है कि बिक्री को लेकर इच्छापत्र पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं और उसके शेयरधारकों को प्रति शेयर नौ डॉलर मिलेंगे। फेयरफैक्स के प्रमुख प्रेम वत्स ब्लैकबेरी निदेशक मंडल के पूर्व सदस्य हैं और उनकी ब्लैकबेरी में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वत्स भारतीय हैं और उनका जन्म 1950 में हैदराबाद में हुआ था।
वत्स ने पिछले महीने ब्लैकबेरी को बेचने पर विचार करने की घोषणा के बाद निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी के शुक्रवार को जारी वित्तीय लेखा-जोखा में एक अरब डॉलर के नुकसान की घोषणा की गयी, जिससे उसके शेयर पर भारी दबाव दिखा। नुकसान के मद्देनजर कंपनी ने 4500 कर्मचारियों की छंटनी करने की भी योजना बनायी है। पुशमेल और विशेष एसएमएस के लिए प्रसिद्ध ब्लैकबेरी को एंड्रायड आधारित स्मार्टफोन से कड़ी टक्कर मिल रही है और वैश्विक स्तर पर उसकी बाजार हिस्सेदारी में भारी कमी आयी है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि ब्लैकबेरी ने भी स्वयं को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में काम किया है और हाल के महीने में स्मार्टफोन के कई मॉडल उतारे हैं।
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