प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आगामी 27 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के अलावा आर्थिक संबंधों में मजबूती की रूपरेखा भी तैयार करेंगे।
ओबामा और मनमोहन की आगामी शुक्रवार को होने वाली बैठक की पुष्टि करते हुए व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि यह (बैठक) क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थायित्व में भारत की भूमिका के महत्व को दर्शाएगी और दोनों ही नेताओं को व्यापार, निवेश तथा विकास सहयोग बढ़ाने की रूपरेखा तैयार करने का अवसर प्रदान करेगी। व्हाइट हाउस ने कहा कि शुक्रवार को राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री सिंह का व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय बैठक के लिए स्वागत करेंगे। इससे पहले सिंह 2009 में वॉशिंगटन आए थे और राष्ट्रपति ओबामा 2010 में भारत गए थे।
मनमोहन की ओबामा के साथ यह तीसरी वार्ता होगी। वह नवंबर 2009 में अमेरिका आए थे और राष्ट्रपति ओबामा 2010 में भारत गए थे। इसके अलावा दोनों के बीच बहुपक्षीय बैठकों में कई बार मुलाकात हो चुकी है।
प्रधानमंत्री के एजेंडे में असैन्य परमाणु सहयोग को लागू करने और रक्षा, सुरक्षा तथा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दे अहम होंगे। आगामी 26 सितंबर से शुरू हो रही मनमोहन की पांच दिन की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अमेरिकी वीजा के नियमों में प्रस्तावित बदलावों पर भी चिंता जाहिर करेंगे, क्योंकि इन बदलावों से भारत के प्रशिक्षित प्रतिभाशाली आईटी पेशेवर प्रभावित हो सकते हैं।
दोनों नेता सीरिया जैसे वैश्विक मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय स्थिति पर भी चर्चा करेंगे। इसमें अगले साल अमेरिकी सेनाओं के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद वहां की स्थिति पर भी बातचीत होगी। दोनों नेताओं की बैठक के बाद मनमोहन अगले दिन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए रवाना होंगे। भारतीय विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कल नई दिल्ली में कहा कि महासभा में मनमोहन सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थाई सीट की मांग उठा सकते हैं।
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