टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक समेत सात पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों की टेलीकॉम सेवाएं काटने की धमकी दी है। ट्राई ने कहा है कि अगर इन बैंकों ने अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स का इस्तेमाल जारी रखा, तो इनकी सर्विसेज डिसकनेक्ट कर दी जाएंगी। सोमवार को जारी बयान में ट्राई ने एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, सिटी बैंक, कोटक महिंद्रा और पंजाब नेशनल बैंक को टेलीकॉम रेगुलेटर द्वारा टेलीमार्केटिंग से जुड़े नियमों का पालन न करने पर टेलीकॉम सर्विसेज डिसकनेक्ट करने की बात कही है।
सेक्टर रेगुलेटर ने इस समस्या को दूर करने के लिए बैंकों को सात दिन का समय दिया है, क्योंकि तत्काल आधार पर टेलीकॉम सर्विसेज डिसकनेक्ट करने से बैंकों और आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। पिछले महीने टेलीकॉम रेगुलेटर ने मोबाइल फोन कंपनियों को उन बैंकों, इंश्योरेंस फर्मों और रियल एस्टेट कंपनियों के सभी फोन कनेक्शन काटने का मैंडेट दिया था, जिनके खिलाफ रेगुलेटर को अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स की ओर से अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कॉल्स (यूसीसी) या टेक्स्ट मेसेज भेजे जाने से जुड़ी तीन शिकायतें मिलती हैं।
ट्राई ने अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स को नेटवर्क मुहैया कराने वाली टेलीकॉम कंपनी पर प्रति शिकायत 5,000 रुपए की पेनाल्टी भी तय की है। रेगुलेटर ने कहा है, 'अथॉरिटी ने टेम्परेरी रेगुलेटरी खामियों को दूर करने का फैसला किया है। हमने बैंकों को उल्लंघन से जुड़े खास केसों की पड़ताल करने और सुधार संबंधी कार्रवाई करने को कहा है। हमने बैंकों को सात दिन के अंदर इस बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। अगर बैंक इस दौरान ऐसा नहीं करते, तो देश भर में उनकी टेलीकॉम सर्विसेज को डिसकनेक्ट कर दिया जाएगा।'
टेलीकॉम रेगुलेटर ने उन कंपनियों को खासी फटकार लगाई है, जो अपने प्रोडक्ट्स को बेचने से जुड़े पेस्की एसएमएस भेजने और कॉल्स के लिए अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स का इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ महीनों में अनचाहे मेसेज और कॉल से ग्राहकों को छुटकारा दिलाने के लिए ट्राई ने कई सुधार किए हैं।
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