आम आदमी पार्टी (एएपी) ने चुनाव में खारिज करने के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया है। पार्टी ने इसे चुनाव सुधार की दिशा में पहला कदम बताया है। एएपी के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह चुनाव सुधार की प्रक्रिया में बड़ा कदम है, लेकिन यह सिर्फ पहला कदम है।" राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से यह बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को भी सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले की जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा, "पहले की प्रक्रिया बहुत लंबी थी, मतदाताओं को पहले 49-ओ आवेदन पत्र के जरिए मांग करनी पड़ती थी। कई बार ये आवेदन पत्र मौजूद नहीं होते थे और लोग कोई जहमत मोल नहीं लेना चाहते हैं।" 49-ओ नियम 'द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स', 1961 का हिस्सा है। इसके अनुसार इस प्रक्रिया का अनुसरण तब किया जाए जब कोई मतदाता मतदान न करने का निर्णय ले और अपने इस निर्णय को रिकार्ड भी कराना चाहे।
केजरीवाल ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में 'नॉन आफ द अबव' बटन शामिल करने की मांग की है। हालांकि, अगर अधिकांश लोग किसी उम्मीदवार का चुनाव नहीं करेंगे, तो चुनाव रद्द नहीं होगा।" उन्होंने कहा, "ऐसा कानून बनाया जाए कि अगर बहुमत में लोग खारिज करने के अधिकार का इस्तेमाल करते हैं, तो चुनाव रद्द हो और दोबारा मतदान कराया जाए।"
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