राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसंबर की रात घटी सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद इस तरह की कई सारी घटनाएं घटीं। चकित करने वाली बात यह कि इस वर्ष के प्रथम आठ महीनों में दुष्कर्म के 1,036 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पिछले 10 वर्षो का यह सर्वाधिक आंकड़ा है। अपराध शाखा द्वारा तैयार आंकड़ों के अनुसार एक जनवरी से 15 अगस्त के बीच दिल्ली में दुष्कर्म के 1,036 मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने इनमें से 88 मामलों में कुछ ही दिनों के भीतर गिरफ्तारी करने में सफलता हासिल की।
वास्तव में एक जनवरी से 31 मार्च की पहली तिमाही में दुष्कर्म के 393 मामले दर्ज किए गए जो इसी दौरान वर्ष 2012 के 152 मामलों से करीब दोगुना है। एक अप्रैल से 15 अगस्त के बीच के साढ़े चार महीनों में दुष्कर्म के 643 मामले दर्ज किए गए। जबकि एक जनवरी से 15 दिसंबर, 2012 के दौरान 661 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2011 की इसी अवधि के दौरान 564 मामले दर्ज किए गए थे।
वर्ष 2010 में दुष्कर्म के 507 मामले, 2009 में 469 मामले दर्ज किए गए थे। 2008 में यह आंकड़ा 466, जबकि 2007, 2006, 2005, 2004 और 2003 में क्रमश: 598, 623, 658, 551, और 490 था। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि महिलाओं के खिलाफ 90 प्रतिशत अपराधों को उन लोगों ने अंजाम दिया, जो उन्हें जानते थे। अजनबियों द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपराध करने की दर काफी कम रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, "अधिकांश दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों के परिचित होने के कारण ऐसे अपराधों को रोकना कठिन हो जाता है।" अधिकारी के अनुसार पुलिस ने 16 दिसंबर की घटना के बाद से महिलाओं की सुरक्षा के लिए परिवर्तन नामक एक अभियान शुरू किया है। कुछ चुनिंदा स्थानों पर महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति भी बढ़ाई जा रही है।
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