समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि वे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठेंगे। अन्ना हजारे ने पूर्व में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि उनकी सरकार संसद के मानसून सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित नहीं करती है तो वह एक बार फिर से जनलोकपाल विधेयक को पास करने की मांग लेकर अनशन पर बैठ जाएंगे।
सरकार ने इस सत्र में भूमि अधिग्रहण विधेयक, खाद्य सुरक्षा विधेयक, जेल में बंद होते हुए भी चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाले विधेयक सहित कई विधेयक पारित करवा लिए हैं, लेकिन जनलोकपाल विधेयक नहीं लाया गया। जाहिर है कि जनलोकपाल विधेयक लाने की सरकार की मंशा नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं कई बार आपको इस विषय में पत्र लिख चुका हूं, मगर सरकार है कि बार-बार राज्यसभा की ओर उंगली उठाती रहती है।"
अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि आप मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर राष्ट्रपति से आग्रह करें कि वे दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाएं और यह बैठक केवल जनलोकपाल विधेयक के लिए ही हो। यह इसलिए आवश्यक है कि आप और हमारी संसद वादाखिलाफी के कलंक से बच सके। उन्होंने कहा, "यदि सरकार विधेयक पारित नहीं करती है तो मैं जनसंसद में जाऊंगा और लोगों को बताउंगा कि सरकार ने किस तरह जानबूझकर जनलोकपाल विधेयक को लटकाया है। मैं जनता से गुहार लगाउंगा कि जैसा आंदोलन 16 अगस्त, 2011 को रामलीला मैदान में हुआ था, वैसा ही आंदोलन अब पूरे देश में होना चाहिए। देश की जनता जागृत हुई है, युवकों में जागृति है। यही समय है भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण का, समय है देश के लिए संघर्ष करने का।"
उन्होंने कहा, "संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के पहले दिन जब रामलीला मैदान में मैं अनशन आरंभ कर दूंगा, उस वक्त फिर एक बार जनता को रामलीला मैदान में उतरकर अपना समर्थन प्रकट करना है। अब तो जन लोकपाल विधेयक को लाकर ही रहना है। एक बार फिर 16 अगस्त, 2011 जैसा आंदोलन देश में चौतरफा फैलाना है। देश के हर एक नागरिक को इस आंदोलन में शामिल होना है।"
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