सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने एक रूसी टेलीविजन चैनल पर पेश होकर कहा कि उनका देश अपने सभी रासायनिक हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण में सौंप देगा। बीबीसी के अनुसार रसिया 24 चैनल पर असद ने कहा कि यह कदम रूस की पहल के कारण उठाया गया है न कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के खतरे के कारण। उनकी पुष्टि ऐसे समय में सामने आई है जब रूस और अमेरिका के विदेश मंत्री जेनेवा में वार्ता की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले रूस में सीरिया के राजदूत ने कहा कि सीरिया अंतर्राष्ट्रीय रासायनिक हथियार कन्वेंशन में शीघ्र ही शामिल होगा।
राजदूत रियाद हद्दाद ने कहा कि उनके देश ने रासायनिक हथियारों के भंडार पर रूस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और सीरिया सरकार कम से कम समय के भीतर रासायनिक हथियारों के विकास, उत्पादन, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध के साथ ही उसके अंत के लिए कन्वेंशन में शामिल होगा। रूस ने सोमवार को सीरिया संकट पर एक नई पहल की थी। उसने सीरिया पर अमेरिकी हमले को रोकने के प्रयास के तहत सीरिया के सभी रासायनिक हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण में रखने का प्रस्ताव दिया था। हद्दाद ने कहा कि सीरिया को रूस का प्रस्ताव पूरी तरह मंजूर है। यह एक बहुत अच्छा और बढ़िया प्रस्ताव है।
उधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया के मुद्दे पर वार्ता जारी रखने के अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के फैसले का स्वागत किया है। बुधवार को न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में पुतिन ने कहा, "सीरिया के मुद्दे पर रूस के साथ निरंतर वार्ता करने में राष्ट्रपति की रुचि का मैं स्वागत करता हूं।" उन्होंने कहा, "हमें इस उम्मीद को जीवित रखने के लिए एक साथ काम करना चाहिए जिसका फैसला हमने जी8 की जून में उत्तरी आयरलैंड की बैठक में किया था।" पुतिन ने कहा कि सीरिया मुद्दे ने उनको अमेरिकी जनता और नेताओं से सीधे बात करने को विवश किया। पुतिन ने कहा कि सीरिया में लोकतंत्र के लिए लड़ाई नहीं हो रही है। बल्कि एक बहुधार्मिक देश में सरकार और विपक्ष के बीच सशस्त्र संघर्ष हो रहा है।
पुतिन ने कहा कि सीरिया में लोकतंत्र समर्थक कुछ लोग हैं लेकिन उससे भी अधिक अल कायदा समर्थक सरकार के खिलाफ लड़ाई में उतरे हैं। रूसी राष्ट्रपति के अनुसार उनका देश शांतिपूर्ण वार्ता का पक्षधर है जिससे सीरिया के लोग अपने भविष्य के लिए एक समझौता योजना तैयार कर सकें। सीरिया के रासायनिक हथियारों को सुरक्षित ढंग से नष्ट करने की योजना पेश करने के बाद सीरिया संकट पर वैश्विक मंच के केंद्र में आ चुके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र की उपेक्षा करके सैन्य कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ने के खिलाफ चेतावनी दी। न्यूयार्क टाइम्स में बुधवार रात को प्रकाशित एक ऑनलाइन लेख में पुतिन ने कहा, "सीरिया के खिलाफ अमेरिका के संभावित हमले का नतीजा अधिक निर्दोष लोगों की मौत होगा। इससे संघर्ष और भड़केगा और सीरिया की सीमाओं के बाहर जा सकता है।"
पुतिन ने अमेरिकी जनता और नेताओं को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि हमले से हिंसा और संभवत: आतंकवाद की एक नई लहर पैदा हो सकती है। राष्ट्रपति बराक ओबामा से सीरिया संकट के कूटनीतिक हल की संभावना को आगे बढ़ाने का आग्रह करते हुए पुतिन ने कहा, "हमें ताकत की भाषा का उपयोग बंद करके सभ्य कूटनीतिक और राजनीतिक समाधान की ओर लौटना चाहिए।" उन्होंने कहा कि रूस सीरिया का पक्ष नहीं ले रहा है वरन एक समझौता योजना का पक्ष ले रहा है। उधर महीनों विलंब के बाद अब अमेरिका ने पिछले दो हफ्तों से सीरिया के विद्रोहियों को हथियारों की आपूर्ति शुरू कर दी है।
संघर्षग्रस्त सीरिया में अमेरिका की भूमिका बढ़ाने की सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) की योजना के तहत ऐसा किया जा रहा है। वाशिंगटन पोस्ट में छपी खबर के अनुसार, विद्रोहियों को हल्के हथियारों की आपूर्ति की गई है। इसके साथ उनको वाहन, अत्याधुनिक संचार उपकरण और चिकित्सा किट भी उपलब्ध कराई गई है। इस आपूर्ति से पिछले ढाई साल से राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे विद्रोहियों की ताकत बढ़ेगी। ताजा आपूर्ति सलीम इदरीस के नेतृत्व वाले लड़ाकुओं को की गई है। जो सशस्त्र विपक्ष के एक धड़े सुप्रीम सैन्य परिषद के अध्यक्ष हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी ने अप्रैल में वादा किया था कि गैर घातक हथियारों की आपूर्ति कुछ ही सप्ताहों में की जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, यह आपूर्ति तुर्की और जोर्डन स्थित अमेरिकी अड्डों के माध्यम से की गई है। सीरिया के विपक्षी गठबंधन के एक प्रवक्ता खालेद शेख ने अमेरिकी आपूर्ति का स्वागत करते हुए कहा कि गृह युद्ध के रुख को मोड़ने के लिए यह आपूर्ति अपर्याप्त है।
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