आसाराम बापू के दो सहयोगियों ने राजस्थान में जोधपुर की एक अदालत में शुक्रवार को समर्पण कर दिया। दोनों सहयोगी भी एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में आसाराम के साथ आरोपी हैं। पीड़ित किशोरी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित आसाराम के जिस आश्रम के छात्रावास में रहती थी, उसके रसोइए प्रकाश और छात्रावास के प्रभारी शरद चंद्र ने समर्पण किया है। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "प्रकाश और शरद दोनों जोधपुर के समीप स्थित आसाराम के आश्रम में 15 अगस्त को किशोरी के साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटना की साजिश में शामिल रहने के आरोपी हैं।"
दोनों ने खुद को निर्दोष बताते हुए अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी, लेकिन गुरुवार को उन्होंने अपनी अर्जी वापस ले ली। अधिकारी ने कहा कि प्रकाश और शरद दोनों शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हाजिर हुए और समर्पण किया। अधिकारी ने बताया, "समर्पण के बाद उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा गया है। दोनों से पुलिस पूछताछ करेगी।" पीड़िता उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और उसका परिवार आसाराम के भक्तों में से एक रहा है।
आसाराम के खिलाफ बच्चों को यौन अपराध से संरक्षण देने वाले कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है। आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर से एक सितंबर को गिरफ्तार कर राजस्थान लाया गया और अभी उन्हें जोधपुर केंद्रीय कारागार में रखा गया है। उनके एक सहयोगी शिवा को भी अपराध में साथ देने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
एक और आरोपी छिंदवाड़ा छात्रावास की वार्डन शिल्पी ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी है जिसे अदालत खारिज कर चुकी है। पुलिस अभी भी उसकी तलाश कर रही है।
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