अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने कल कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में जिरह के दौरान आपा खोने के लिए आज उच्चतम न्यायालय के समक्ष माफी मांग ली। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इसका मतलब पीठ के प्रति कोई अनादर प्रकट करने का नहीं था। उन्होंने न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, कल जो कुछ हुआ, उसका मुझे दुख है।
न्यायमूर्ति लोढा ने वाहनवती की टिप्पणी का हल्के फुल्के अंदाज में जवाब देते हुए कहा, मैंने सोचा कि यह मौसम और गर्मी की वजह से था। उन्होंने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह अपनी दलीलों पर आगे बढ़ें। सभी रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने पर शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गई सवालों की झड़ी पर अपने विनम्र व्यवहार के लिए प्रसिद्ध वाहनवती कल उद्वेलित हो गए थे और कहा था, मैं हर चीज अपने साथ नहीं ले जा सकता।
न्यायालय ने कल केंद्र की खिंचाई करते हुए कहा था कि कोयला ब्लॉक आवंटन पर उसका रूख उसकी पूर्व स्थिति के विपरीत रहा है। इस पर अटॉर्नी जनरल ने झल्लाते हुए कहा था कि सभी सवालों का जवाब देना काफी मुश्किल और अत्यंत तनावपूर्ण है। उन्होंने कहा था कि यह काफी मुश्किल है। यह काफी तनावपूर्ण है। मैं हर चीज अपने साथ नहीं ले जा सकता। जब मैं एक पहलू पर जिरह करता हूं, तो दूसरे पहलू पर दूसरा सवाल शुरू हो जाता है। मैं कैसे आगे बढ़ सकता हूं।
शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल से सरकार द्वारा किए गए 218 कोयला ब्लॉक आवंटनों के ब्यौरे के बारे में पूछा था और उनसे प्राकतिक संसाधन के ब्लॉकवार आवंटन की व्याख्या करने को कहा था। अटॉर्नी जनरल इन सवालों से खीझे हुए प्रतीत हुए थे और उन्होंने सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा था।
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