औपचारिकेत्तर पर्यवेक्षक अनुदेशक की समस्याओं पर गौर करे सरकार ...
शिवराज सरकार के द्वारा तमाम सरकारी कर्मचारियों एवं इन से जुडे महकमे के कर्मियों के हितो को ध्यान में रखकर ढेरो घोषणायेंकर रही है एवं कुछ घोषणाओं पर अमल भी किया जा रहा है किन्तु औपचारिकेत्तर शिक्षा से जुडें लोगों की समस्या पर अब तक ध्यान नही दिया गया है, औपचारिकेत्तर शिक्षा से जुड़े कर्मी अब तक उपेक्षा के शिकार है, जिससे छुब्ध होकर तमाम अनुदेशक/पर्यवेक्षक अब आर-पार की लड़ाई का मन बना रहे है, उक्त आशय हेतु आवेदनों को लगातार जवाबदारो को प्रेषित गया है किन्तु प्रशासन के कानों अब तक जूॅ तक रेंगता नजर नही आ रहा है, आदिवासी अंचल बिरसा के भी अनुदेेशक/पर्यवेक्षकों के द्वारा अपनी माॅगों एवं समस्याओं से अवगत कराते हुये प्रशासन को पत्र प्रेषित किया गया । उक्त सम्बन्ध में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है, सयुंक्त रूप से रवि स्वामी, कोमल बिसेन,नारायण बंजारे, कोमल बोपचे,सगुन लाल राहॅगडाले द्वारा बताया गया कि हम समस्त औपचारिकेत्तर के अनुदेशक/पर्यवेक्षक जिन्होने 2008 में व्यवसायकि मण्डल द्वारा व्यापम परीक्षा ली गई, और हम परीक्षार्थी उत्तीर्ण है, परन्तु हमें निरन्तरता शब्द लगाकर नियुक्ति से वंचित रखा गया। हमे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि शासन द्वारा हमें 5 साल से अनेक प्रकार से ठोकरे खानी पड़ी, आज पर्यन्त तक अनेक मुसीबतों को झेलते हुये शासन को अनेक बार हमारी जानकारी कोर्ट के माध्यम से एवं स्वयं के माध्यम से एवं पत्रो के माध्यम शासन को अग्रेशित किया गया परन्तु आज तक हमारी किसी प्रकार की शासन हमें किसी भी प्रकार से जवाब नही दिया गया। हम समस्त अनुदेशक/पर्यवेक्षको को उचित मार्गदर्शन देकर वर्ग 3 में नियुक्ति प्रदान करने हेतु आदेश जारी करने की कृपा करंेगे जी। उक्त बाते मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चैहान, मुख्य मंत्री शासन म0प्र0, शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस म0प्र0 शासन, आदिवासी विकास मंत्री म0प्र0 के साथ तमाम जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को प्रेषित पत्र में कही गई है। बिरसा में पूर्व में कार्यरत औपचारिकेत्तर अनुदेशक/पर्यवेक्षक सुखराम नेवारे,मानसिंह रजक, घनश्याम बिसेन, रमाकान्त पटले, मानसिंह सार्वेकर,श्यामलाल पटले, लता पंचेश्वर, सम्पत नेवारे, रौनक तिवारी आदि द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन प्रेषित किये गये है।
शिवराज सरकार के द्वारा तमाम सरकारी कर्मचारियों एवं इन से जुडे महकमे के कर्मियों के हितो को ध्यान में रखकर ढेरो घोषणायेंकर रही है एवं कुछ घोषणाओं पर अमल भी किया जा रहा है किन्तु औपचारिकेत्तर शिक्षा से जुडें लोगों की समस्या पर अब तक ध्यान नही दिया गया है, औपचारिकेत्तर शिक्षा से जुड़े कर्मी अब तक उपेक्षा के शिकार है, जिससे छुब्ध होकर तमाम अनुदेशक/पर्यवेक्षक अब आर-पार की लड़ाई का मन बना रहे है, उक्त आशय हेतु आवेदनों को लगातार जवाबदारो को प्रेषित गया है किन्तु प्रशासन के कानों अब तक जूॅ तक रेंगता नजर नही आ रहा है, आदिवासी अंचल बिरसा के भी अनुदेेशक/पर्यवेक्षकों के द्वारा अपनी माॅगों एवं समस्याओं से अवगत कराते हुये प्रशासन को पत्र प्रेषित किया गया । उक्त सम्बन्ध में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है, सयुंक्त रूप से रवि स्वामी, कोमल बिसेन,नारायण बंजारे, कोमल बोपचे,सगुन लाल राहॅगडाले द्वारा बताया गया कि हम समस्त औपचारिकेत्तर के अनुदेशक/पर्यवेक्षक जिन्होने 2008 में व्यवसायकि मण्डल द्वारा व्यापम परीक्षा ली गई, और हम परीक्षार्थी उत्तीर्ण है, परन्तु हमें निरन्तरता शब्द लगाकर नियुक्ति से वंचित रखा गया। हमे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि शासन द्वारा हमें 5 साल से अनेक प्रकार से ठोकरे खानी पड़ी, आज पर्यन्त तक अनेक मुसीबतों को झेलते हुये शासन को अनेक बार हमारी जानकारी कोर्ट के माध्यम से एवं स्वयं के माध्यम से एवं पत्रो के माध्यम शासन को अग्रेशित किया गया परन्तु आज तक हमारी किसी प्रकार की शासन हमें किसी भी प्रकार से जवाब नही दिया गया। हम समस्त अनुदेशक/पर्यवेक्षको को उचित मार्गदर्शन देकर वर्ग 3 में नियुक्ति प्रदान करने हेतु आदेश जारी करने की कृपा करंेगे जी। उक्त बाते मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चैहान, मुख्य मंत्री शासन म0प्र0, शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस म0प्र0 शासन, आदिवासी विकास मंत्री म0प्र0 के साथ तमाम जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को प्रेषित पत्र में कही गई है। बिरसा में पूर्व में कार्यरत औपचारिकेत्तर अनुदेशक/पर्यवेक्षक सुखराम नेवारे,मानसिंह रजक, घनश्याम बिसेन, रमाकान्त पटले, मानसिंह सार्वेकर,श्यामलाल पटले, लता पंचेश्वर, सम्पत नेवारे, रौनक तिवारी आदि द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन प्रेषित किये गये है।
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