मध्य प्रदेश के संसदीय इतिहास में सोमवार 23 सितंबर एक ऐतिहासिक दिन के तौर पर दर्ज हो गया है। इस दिन न्यायालय के आदेश पर विधायक बने कांग्रेस के बालमुकुंद गौतम ने शपथ ली।
गौतम को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीना वर्मा से एक वोट से शिकस्त खानी पड़ी थी। गौतम ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पहले इंदौर उच्च न्यायालय की भोपाल पीठ का फैसला गौतम के पक्ष में गया और बाद में सर्वोच्च न्यायालय का भी साथ गौतम को मिला।
न्यायालय के आदेश पर सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी ने गौतम को एक सादे समारोह में विधायक पद की शपथ दिलाई। गौतम संभवत: मध्य प्रदेश के पहले ऐसे विधायक होंगे जो विधायक तो बन गए हैं मगर विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ला पाएंगे, क्योंकि महज दो माह बाद विधानसभा चुनाव होना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें