बिहार में बाढ़ प्रभावित 20 जिलों में मृतकों की संख्या बढ़ कर 201 हो गई है। गंगा सहित कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रही हैं लेकिन मौसम विभाग द्वारा उत्तर बिहार में दो-तीन दिनों तक अतिवृष्टि की संभावना को खारिज कर देने से राहत महसूस की जा रही है। राज्य में बाढ़ से करीब 69 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पटना, सारण, बक्सर, बेगूसराय, समस्तीपुर, भोजपुर, खगड़िया सहित राज्य के 20 जिलों में बाढ़ कहर बरपा रही है। पटना बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, सोमवार को गंगा के जलस्तर में गिरावट जारी है परंतु हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में गंगा अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इधर, कमला बलान नदी झंझारपुर में बागमती नदी बेनीबाद में तथा बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, राज्य में बाढ़ से 20 जिले के 91 प्रखंडों के 69 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस वर्ष बाढ़ से 201 लोगों की मौत हुई है, इसमें सबसे अधिक मौतें पूर्णिया जिले में हुई है। विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से चलाया जा रहा है। इधर, राहत की बात है कि उत्तर बिहार में भारी बारिश का खतरा टल गया है। राज्य सरकार की ओर से हालांकि, आपदा पूर्व तैयाारी की जा रही है। पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक ए . के. सेन के मुताबिक अगले तीन दिनों तक उत्तर बिहार में अतिवृष्टि की संभावना नहीं है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण राज्य के आसमान से बादल दूर जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों की समीक्षा करते हुए बाढ़ संभावित जिले के जिलाधिकारियों को इसके लिए व्यापक तैयारी करने का निर्देश दिया था। मुख्य सचिव ने कहा था कि मौसम विज्ञान द्वारा किए गए पूवार्नुमान के मुताबिक सितंबर के दूसरे-तीसरे सप्ताह मंे नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में अतिवृष्टि की संभावना है तथा 300 से 4000 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है जिससे गंगा सहित तमाम नदियों के जलस्तर में वृद्धि होगी।
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