सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक फैसले के दौरान कहा कि किसी उम्मीदवार द्वारा अपने नामांकन पत्र में अपनी संपत्तियों और पूर्व के आपराधिक रिकार्ड का ब्योरा न दिए जाने पर उसका नामांकन पत्र खारिज कर दिया जाएगा।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सतशिवम की अध्यक्षता वाली सुप्रमी कोर्ट की पीठ ने कहा कि किसी उम्मीदवार के हलफनामे में उसकी संपत्ति और पूर्व में किए गए अपराध का उचित ब्योरा न देने की स्थिति में निर्वाचन अधिकारी के पास यह अधिकार है कि वह नामांकन पत्र रद्द कर सकते हैं। न्यायालय का फैसला गैर सरकारी संगठन 'रिसरजेंट इंडिया' द्वारा दायर की गई उस याचिका के जवाब में आया है, जिसमें उसने यह दावा किया था कि कई उम्मीदवार हलफनामे के संपत्ति और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता वाले अंश को खाली छोड़ देते हैं।इस संगठन ने दलील दी कि ऐसे नामांकन पत्र खारिज किए जाने चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें