प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को देश में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत है। राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में यहां उन्होंने कहा, "यह शर्म की बात है कि महिलाओं के साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा है। उम्मीद है कि इस सम्मेलन में महिलाओं के प्रति हिंसा की रोकथाम के लिए अच्छे सुझाव आएंगे।"
उन्होंने कहा, "देश का तभी विकास होगा, जब महिलाएं आजादी से बाहर आ-जा सकेंगी, आजादी से फैसले ले सकेंगी। हमें महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत है।" केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी कहा कि महिलाओं के सम्मान के बिना किसी भी समाज का विकास नहीं हो सकता है।
शिंदे ने कहा, "किसी भी देश का तब-तक विकास नहीं हो सकता, जब तक वह अपनी महिलाओं का सम्मान न करे। दुर्भाग्य से हमें बार-बार महिलाओं के प्रति जघन्य अपराध के बारे में पढ़ने को मिलता रहता है।" उन्होंने कहा कि सरकार ने हालांकि कानून में संशोधन कर कदम उठाया है, समाज को भी कदम उठाना होगा। उन्होंने कहा, "समाज को भी कदम उठाना होगा, ताकि हम मूल कारण को समाप्त कर सकें.. हमें समाज का भी रवैया बदलने की जरूरत है।"
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