बिहार में डेंगू के 323 मामले सामने आये - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 सितंबर 2013

बिहार में डेंगू के 323 मामले सामने आये

dengue fever
पटना सहित बिहार के कई जिलों में डेंगू का कहर जारी है। तेजी से फैल रहे डेंगू का भय अब राजधानी पटना सहित राज्य के करीब सभी इलाकों के लोगों को सता रहा है। स्वास्थ्य विभाग का हालांकि दावा है कि विभाग पूरी तरह चौकस है। बिहार में अब तक डेंगू के 488 मरीज मिले हैं जिनमें से 323 में डेंगू की पुष्टि हो गई है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू बिहार के बाहर से आया है। अब लोगों को यह भय सता रहा है कि त्योहारी मौसम में बिहार के बाहर से आने वाले मरीजों के साथ डेंगू का कहर कहीं और न बढ़ जाए।  स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में डेंगू की आशका वाले अभी तक 488 मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जांच के बाद इनमें से 323 मरीजों को डेंगू से पीड़ित पाया गया है जबकि 165 संदिग्ध मरीज हैं। राजधानी पटना में सबसे अधिक 137 लोग डेंगू की आंशका के कारण अस्पतालों में भर्ती हुए हैं जिनमें से 71 लोगों में डेंगू पाया गया है। 

चिकित्सकों का मानना है कि हर किस्म का बुखार डेंगू नहीं होता। आज सभी लोग बुखार को डेंगू मानकर जांचघर पहुंच जा रहे हैं। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के अधीक्षक डॉ़ अमरकांत झा कहते हैं कि अधिकांश मामलों में देखा जा रहा है कि सामान्य बुखार होते ही मरीज डेंगू को लेकर चिंतित हो जाते हैं। चिकित्सक यह भी कहते हैं कि डेंगू से घाबराने की जरूरत नहीं है। डेंगू दो प्रकार का होता है। ज्यादातर मामले क्लास्किल डेंगू के होते हैं, जिनका इलाज आसानी से उपलब्ध है। हेमोरेजिक डेंगू थोड़ा खतरनाक अवश्य है परंतु इसका भी इलाज संभव है। चिकित्सकों का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी के जरिए डेंगू से आसानी से उबरा जा सकता है। 

पटना के एक जाने-माने चिकित्सक बताते हैं कि हेमोरेजिक डेंगू के दौरान प्लेटलेट (रक्त में पाया जाने वाला विशेष प्रकार का पदार्थ जिसे थम्बोसाइट भी कहते हैं) की मात्रा में तेजी से गिरावट आ जाती और शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। ऐसे मरीजों को तत्काल प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत है। वे कहते हैं कि सजगता बरतकर डेंगू से बचाव किया जा सकता है।  पटना के चिकित्सक डॉ़ दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि डेंगू के मच्छर दिन में ही काटते हैं। इस बीमारी में तेज बुखार आता है। शरीर में लाल चकत्ते पड़ना, आंखों के पीछेवाले भाग में दर्द होना, भूख कम लगना, पेट में दर्द होना ये सब इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। इस बीमारी में रोगी के शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए। 

पीएमसीएच के अधीक्षक कहते हैं कि पीएमसीएच में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए चिकित्सकों, नर्सो और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई है।  विपक्षी पार्टियों ने भी डेंगू के डंक के बहाने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संजीव मिश्रा ने बिहार सरकार से डेंगू पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, बावजूद इसके हालत पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। 

इधर, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों का दल डेंगू से पीड़ित रोगियों का इलाज कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में लगातार मच्छर मारने के लिए दवा का छिड़ाकाव किया जा रहा है।  उल्लेखनीय है कि पटना, नालंदा और कैमूर के अलावा जहानाबाद, अरवल, खगड़िया, रोहतास, समस्तीपुर, गया सहित कई जिलों में डेंगू के मरीज पाए गए हैं। 

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