बिहार में बाढ़ और सूखे से उत्पन्न स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंगलवार को समीक्षा बैठक की तथा राहत एवं बचाव कार्य को तेज करने का निर्देश देते हुए कृषि और गृह क्षति अनुदान भुगतान जल्द करने का आदेश दिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग के अधिकारियों से राज्य में संभावित वर्षा की भी जानकारी ली और कहा कि बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चलाए जाएं। राज्य के 20 जिलों में लगभग 66 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। तीन लाख से अधिक परिवारों को राहत पहुंचाया जा चुका है।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को युद्घस्तर पर राहत पहुंचाया जाए। जिन जिलों में राहत कार्य धीमा है, वहां पर विशेष ध्यान देकर राहत कार्यो में तेजी लाई जाए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राहत कार्यो के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य के 20 जिले बाढ़ प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावितों के बीच अब तक 303218 कुंटल खाद्यान्न एवं 35़ 91 करोड़ रुपए की नगद राशि तथा 99़ 31 कुंटल चूड़ा का वितरण किया गया है। इस वर्ष बाढ़ से अब तक 203 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि अब तक 667़ 6 मिलीमीटर वर्षापात रिकॉर्ड किया गया है, जो सामान्य से 24 प्रतिशत कम है। डीजल अनुदान के लिए 19़174 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। इस बैठक में मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त, आलोक कुमार सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त, ए.के. चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह सहित कई विभाग के सचिव और अधिकारियों ने भाग लिया।
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