विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव से लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर हुई पूछताछ के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट के जरिए यह पूछे जाने पर कि क्या रामदेव के खिलाफ मंत्रालय ने रेड कार्नर अलर्ट जारी कर रखा था, के जवाब में ट्वीट किया है, "इस तरह के दुर्भावनापूर्ण अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं होती है।"
रामदेव को ब्रिटिश आव्रजन एवं सीमा शुल्क अधिकारियों ने हीथ्रो हवाई अड्डे पर आठ घंटे तक रोके रखा और उसके बाद शनिवार को उन्हें छोड़ा। रामदेव के प्रवक्ता एस. के. तेजरवाला ने कहा कि योग गुरु से न तो कोई पूछताछ की गई और न ही उनके किसी सामान की जांच ही की गई। तेजरवाला ने कहा, "स्वामीजी ने वहां अपने को प्रताड़ित महसूस किया।"
रामदेव से आव्रजन विभाग के अधिकारियों ने कथित रूप से पूछताछ की क्योंकि वे वहां व्यापार वीजा की जगह पर्यटक वीजा पर पहुंचे थे। उनसे साथ ले जाई गई औषधियों के बारे में भी पूछताछ की गई। स्वामी विवेकानंद के शिकागो में विश्व धर्म संसद में 1893 में दिए गए भाषण की 120वीं वर्षगांठ के मौके पर पतंजलि योगपीठ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रामदेव लंदन गए हैं।
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