बिहार में सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार अब मुस्लिम बहुल इलाकों में उर्दू भाषा में होर्डिग लगवाएगी। इसके लिए सूचना जनसंपर्क के क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राज्य सूचना जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी का मानना है कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले उर्दूभाषी लोगों तक बिहार में चल रही विकास योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं पहुंच पाती है। इस कारण सरकार ने मदरसों और मुस्लिम बहुल इलाकों में उर्दू में होर्डिग लगाने का निर्देश जारी किया है।
उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं कि इन क्षेत्रों मंे केवल उर्दू में ही होर्डिग लगाए जाएंगे, बल्कि हिंदी में होर्डिग लगाए जाएंगे। दूसरी तरफ, निर्देश जारी किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम वोटरों को लुभाने की सरकार की कवायद बताया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष मंगल पांडेय ने सरकार पर आरोप लगाया कि मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने के लिए सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगले चुनावों की तैयारी के लिए नीतीश कुछ भी करें परंतु बिहार की जनता उन्हें खूब समझती है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद रामकृपाल यादव ने भी इसे मुस्लिमों को आकर्षित करने का शिगूफा बताया। वे कहते हैं कि चुनाव के नजदीक आते ही नीतीश को मुस्लिम इलाके नजर आने लगे। नीतीश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पीठ पर बैठकर सत्ता में आए और अब उन्हें नरेंद्र मोदी से नफरत हो गई है। उन्होंने कहा कि चुनावों के बाद नीतीश फिर से भाजपा के साथ मिल जाएंगे।
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