उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को भड़की हिंसा को रोकने के लिए सेना और पुलिस को तैनात किया गया है। शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई देर रात तक जारी रही। इस बीच सूबे के राज्यपाल ने हिंसा को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। सूबे के राज्यपाल बी.एल.जोशी ने मुजफ्फरनगर हिंसा को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। बताया जाता है कि राज्यपाल ने माना है कि जिले में दो संप्रदायों के बीच भड़की हिंसा के लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है और हालात उसके नियंत्रण से बाहर होते दिखाई दे रही है।
उधर, जिले के कई इलाकों में सेना ने रविवार देर शाम फ्लैग मार्च किया और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया। जिले के सिविल लाइन्स, कोतवाली सहित तीन थाना क्षेत्रों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है। सेना के हस्तक्षेप के बावजूद हालांकि रविवार देर रात तक पथराव और आगजनी की घटनाएं होती रहीं। आला अधिकारियों का दावा है कि हिंसा को काबू में कर लिया गया है। शासन की नजर अब उन लोगों पर टिकी है, जिन्होंने प्रतिबंध के बावजूद पंचायत बुलाई थी।
इस बीच, जिले में भड़की िंहंसा में रविवार देर रात तक 26 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब तक 26 लोग िंहंसा का शिकार हो चुके हैं और 40 लोग घायल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में 26 अगस्त को छेड़छाड़ की एक घटना के बाद भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी जिसके बाद व्यापक पैमाने पर हिंसा भड़क उठी।
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