पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्य करें
हरदा 21 सितंबर 13/विधानसभा निर्वाचन के मददेनजर जिले के अधिकारियों को विभिन्न दायित्व सौंपे गए हैं। इस सिलसिले में संबंधितों को पालीटेक्निक में प्रषिक्षण भी दिया जा रहा है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रजनीश श्रीवास्तव ने प्रषिक्षण हासिल करने वाले अमले को कहा है कि पूरी गंभीरता से जानकारी ले, षंकाओं का निराकरण करवाएं। उन्होने अपेक्षा की है कि सभी के सक्रिय सहयोग से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हो सकेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं संयुक्त कलेक्टर अनिल पटवा ने बताया कि इस बार निर्वाचन आयोग एक-एक मतदाता की माॅनीटरिंग करेगा कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाया अथवा नहीं। हमें हर मतदाता को यह विश्वास दिलाना है कि वह बिना किसी भय अथवा दबाव के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से मतदान के दिन मतदान कर पायेगा। इसके लिए समस्त सेक्टर अधिकारियों एवं निर्वाचन कार्य में तैनात हर अधिकारी कर्मचारी को पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्य करना है।
लापरवाही पडेगी महंगी
प्रषिक्षण में संयुक्त कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से बताया कि निर्वाचन कार्य में थोडी भी लापरवाही अत्यंत महंगी पडेगी। निर्वाचन की सूचना जारी होने के साथ ही आदर्ष आचार संहिता प्रभावी हो जाती है। जिसके साथ ही सभी अधिकारी कर्मचारी निर्वाचन आयोग के सीधे नियंत्रण में आ जाते हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देषों के अवहेलना अथवा निर्वाचन कार्य से इंकार करने पर सख्त दण्ड के प्रावधान हैं। अतः निर्वाचन कार्य से जुडे सभी अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का खुषी-खुषी निर्वहन करें।
जीवंत सम्पर्क में रहें
संयुक्त कलेक्टर ने सभी सेक्टर अधिकारियों को निर्देष दिये कि उन्हें दिये गये मतदान केन्द्रों का भ्रमण करें तथा वहां की सभी व्यवस्थाओं के संबंध में प्रत्येक मतदान केन्द्र के बीएलओ, क्षेत्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट आदि के जीवंत सम्पर्क में रहकर कार्रवाई सुनिष्चित करायें। यदि कोई मतदान केन्द्र क्षतिग्रस्त हो तो तुरंत बतायें जिससे उसे दुरूस्त कराया जा सके। वे देख लें कि प्रत्येक मतदान केन्द्र पर जाने में उन्हें कितना समय लगता है।
मतदाता दल के रूकने की व्यवस्था हो
सेक्टर अधिकारी अपने मतदान केन्द्रों में मतदान दलों के रूकने के संबंध में स्वच्छ पेयजल, भोजन आदि की व्यवस्थायें सुनिष्चित करायें। यह सुनिष्चित किया जाये कि मतदान दल किसी राजनैतिक व्यक्ति के यहां भोजन न करे, मतदान केन्द्र पर ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाले समूह के माध्यम से उनके भोजन की व्यवस्था करायी जाये।
आदर्ष आचार संहिता का कड़ाई से पालन करायें
आदर्ष आचार संहिता का पालन कड़ाई से सुनिष्चित कराया जाये। संयुक्त कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी न तो किसी प्रत्याषी के चुनाव प्रचार में किसी भी रूप से हिस्सा ले और न ही अपने कर्Ÿाव्य के दौरान राजनैतिक व्यक्तियों से सम्पर्क रखे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों/कर्मचारियों के शासकीय कार्यालय, उनके टेबल, उनके वाहन आदि पर किसी राजनैतिक व्यक्ति को चित्र अथवा प्रतीक चिंह हो तो उन्हें भी हटवा दें। उन्होंने बताया कि शासकीय सेवक द्वारा किसी भी चुनाव प्रत्याषी के प्रचार में शामिल होना संज्ञेय अपराध है।
सेक्टर अधिकारी होंगे अपने क्षेत्र के कार्यों के लिए जिम्मेवार
प्रशिक्षण में उपजिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार जिले में 10 से 12 मतदान केन्द्रों पर एक सेक्टर अधिकारी नियुक्त किया गया है। सभी सेक्टर अधिकारियों को मजिस्ट्रेट के भी अधिकार प्रदान किये जा रहे हैं। सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्र में निर्वाचन संबंधी प्रत्येक कार्य के लिए जिम्मेवार होंगे तथा वे कार्य संबंधी रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे।
वल्नरेबिलिटी मैपिंग तथा क्रिटिकल मतदान केन्द्र
प्रशिक्षण में वल्नरेबिलिटी मैपिंग तथा क्रिटिकल मतदान केन्द्र के संबंध में निर्वाचन आयोग की अवधारणा को स्पष्ट रूप से प्रतिभागियों को बताया गया। वे सभी क्षेत्र जहां ऐसे व्यक्ति अथवा समूह निवास करते हों, जो निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से अपना मतदान नहीं कर सकते हों अथवा ऐसे व्यक्ति एवं समूह निवास करते हों, जो मतदाता को भय, प्रलोभन दिखाकर अथवा अन्य तरीके से विपरीत रूप से प्रभावित कर सकते हों, वल्नरेबिलिटी मैपिंग के अन्तर्गत चिन्हित किये जाना है। यह कार्य सभी सेक्टर अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर, लोगों से चर्चा कर करेंगे।
क्रिटिकल मतदान केन्द्र
क्रिटिकल मतदान केन्द्रों के संबंध में संयुक्त कलेक्टर ने बताया कि क्रिटिकल मतदान केन्द्र वे मतदान केन्द्र हैं, जहां गत निर्वाचन में किसी भी उम्मीदवार को 75 प्रतिशत से अधिक मत मिले हों, जहां पुर्नमतदान हुआ हो, जहां किसी भी प्रकार की चुनावी हिंसा हुई हो, जहां अधिक संख्या में बिना परिवार वाले मतदाता हों तथा जहां अधिक संख्या में बिना फोटो मतदाता परिचय पत्र के मतदाता हों। क्रिटिकल मतदान केन्द्रों का निर्धारण जिला निर्वाचन कार्यालय की अनुशंसा पर किया जाता है।
निर्वाचन आयोग पूछेगा वोट डाला कि नहीं
प्रशिक्षण में बताया गया कि इस बार निर्वाचन आयोग को भेजी जाने वाली जानकारी में वल्नरेबल क्षेत्रों के मतदाताओं के मोबाइल नम्बर भी भिजवाये जा रहे हैं। मतदान के पूर्व किसी भी नम्बर पर मोबाइल कर निर्वाचन आयोग द्वारा पूछा जायेगा कि मतदाता को किसी प्रकार का दबाव अथवा परेशानी तो नहीं है। इसी प्रकार मतदान के पश्चात मतदाता से पूछा जायेगा कि वह स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाया कि नहीं।
हर मतदान केन्द्र जुड़ा होगा कम्यूनिकेशन प्लान से
प्रशिक्षण में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री पटवा ने बताया कि इस बार हर मतदान केन्द्र कम्यूनिकेशन प्लान से जुड़ा होगा जिससे किसी भी घटना की जानकारी तुरंत निर्वाचन आयोग तक पहुंच पाये। सभी क्रिटिकल मतदान केन्द्रों पर वीडियोग्राफी/क्लोज सर्किट कैमरा की व्यवस्था होगी, जिससे कार्य की माॅनीटरिंग की जा सके।
तीन बातों पर दें विशेष ध्यान
उपजिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा तीन बातों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पहली 1 जनवरी 2013 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हर पात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में हो, दूसरी हर व्यक्ति मतदान के दिन अपना मतदान कर सके तथा तीसरी वह अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी भय अथवा प्रलोभन के कर सके।
अवैध शराब पर प्रतिबंध
प्रशिक्षण में उपजिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिले में अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होना चाहिए। इसके लिए आबकारी विभाग पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से प्रभावी कार्रवाई करे। सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्रों में अवैध शराब के निर्माण अथवा बिक्री की जानकारी तुरंत दें। कोई भी व्यक्ति यदि शराब अथवा अन्य कोई प्रलोभन देकर मतदाता को प्रभावित करे तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई हो।
मतदाता के मन मंे पैदा करें विश्वास
प्रशिक्षण में इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई कि किस प्रकार मतदाता के मन में विश्वास पैदा किया जाये जिससे वह निर्भीक होकर मतदान कर सके। इसके लिए प्रत्येक व्यवधान को दूर करना होगा, उसे मतदान के लिए प्रेरित करना होगा, अपराधी तत्व के विरूद्ध दण्डात्मक एवं प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करनी होगी।हर अपराधी के मन में भय हो तथा हर मतदाता आश्वस्त हो।
मतदान पर्ची का वितरण निर्वाचन आयोग करेगा
प्रशिक्षण में संयुक्त कलेक्टर ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची का वितरण निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ के माध्यम से मतदान दिवस के 7 दिन पूर्व किया जायेगा। यह पर्ची मिनी वोटर कार्ड का काम करेगी। यदि किसी मतदाता का ईपिक नहीं है तो वह इस पर्ची के आधार पर मतदान कर सकेगा। संबंधित मतदान केन्द्र के बीएलओ मतदान के 7 दिन पूर्व घर-घर जाकर फोटोयुक्त मतदान पर्चियों का वितरण करेंगे।
ईवीएम का प्रयोग बतायें
प्रशिक्षण में संयुक्त कलेक्टर ने कहा कि निर्वाचन कार्य में संलग्न सभी अधिकारियों/ कर्मचारियों को इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन को आॅपरेट करना आना चाहिए। साथ ही उसकी तकनीकी जानकारी भी होना चाहिए। सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में ईवीएम का पर्याप्त प्रचार प्रसार करना सुनिश्चित करें। डमी ईवीएम ले जाकर लोगों को इसके माध्यम से वोटिंग की प्रक्रिया समझाई जाये।
कम्यूनिकेशन पर विशेष ध्यान दें
प्रशिक्षण में बताया गया कि निर्वाचन के दौरान कम्यूनिकेशन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सभी सेक्टर अधिकारी एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने मतदान केन्द्रों का भ्रमण कर वहां के स्थानीय निवासियों से चर्चा कर मोबाइल कनेक्टिविटी की जानकारी ले लें। जिस मतदान केन्द्र क्षेत्र में जिस मोबाइल कंपनी की सिम की कनेक्टिविटी अच्छी हो, उस कंपनी की सिम का उपयोग करें।
रूट चार्ट तैयार करें
प्रशिक्षण में संयुक्त कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्रों का रूटचार्ट तैयार कर लें। उन्हें मुख्य मार्ग के अलावा अन्य सहायक मार्गों की भी जानकारी होना चाहिए, ताकि निर्वाचन के दौरान यदि कोई गड़बड़ी होती है तो शीघ्रता से मतदान केन्द्र पर पहुंचकर स्थिति को संभाला जा सके।
धन बल के दुरूपयोग को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई
इस बार चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन के दौरान उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय तथा धन बल का दुरूपयोग कर मतदाताओं को प्रभावित करने के संबंध में विशेष सतर्कता एवं सतत माॅनीटरिंग कर रहा है। जिले में मतदाताओं को प्रभावित करने में धन बल का दुरूपयोग रोकने तथा ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में कोई कसर न रखी जाये, जिससे जिले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित किया जा सके।
3 वर्ष के लिए किया जा सकता है अयोग्य घोषित
मतदाता को धन बल का दुरूपयोग कर प्रभावित करने, मदिरा आदि वस्तुओं का वितरण करने, समय पर व्यय लेखा जमा न करने, निर्धारित तरीके से व्यय लेखा जमा न करने, गलत व्यय लेखा देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10-ए के तहत उम्मीदवारी से 3 वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इसके साथ अधिनियम की धारा 170 बी के तहत 1 वर्ष का कारावास दिया जा सकता है। साथ ही अधिनियम के अन्तर्गत राशि लेने अथवा मदिरा आदि अन्य वस्तु लेने वाले के विरूद्ध भी कार्रवाई की जा सकती है।
विजयी प्रत्याशी भी हो सकता है अवैध घोषित
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के अधिकतम चुनावी व्यय की सीमा 16 लाख रूपये तथा लोकसभा चुनाव के लिए 40 लाख रूपये निर्धारित की गई है। अलग-अलग राज्यों के लिए व्यय सीमा अलग-अलग है। यदि विजयी प्रत्याशी के खर्च की सीमा इससे अधिक पाई जाती है तो उसका निर्वाचन अवैध घोषित किया जा सकता है।
50 हजार से अधिक नकदी लेकर न चलें
निर्वाचन आयोग द्वारा कहा गया है कि चुनाव प्रकिया के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों में आमजन,अभ्यर्थी एवं अभिकर्ता 50 हजार रूपये से अधिक नकद लेकर न चलें। यदि निर्वाचन के दौरान किसी पार्टी के बैनर, पोस्टर के साथ नकद या उपहार पाया जाता है अथवा 50 हजार से अधिक नकद राशि पाई जाती है तो असंवैधानिक सामग्री की जप्ती की प्रक्रिया की जायेगी। इसी के साथ ही एफआईआर दर्ज कराये जाकर रिटर्निंग अधिकारी के नोटिस बोर्ड पर लगाई जायेगी।
निर्वाचन व्यय के लिए पृथक बैंक खाता
नामांकन के कम से कम एक दिन पूर्व प्रत्याशी को किसी भी बैंक या डाकघर में पृथक से बैंक खाता खोलना होगा। निर्वाचन व्यय के संबंध में 20 हजार रूपये से अधिक का भुगतान अकाउंट पेयी चैक द्वारा ही किया जाये। परिणामों की घोषणा के 30 दिन के अंदर निर्वाचन कार्यालय को व्यय लेखे का विवरण, बैंक खाते के विवरण के साथ जमा करना होगा।
प्रतिदिन रखना होगा हिसाब
प्रत्याशी को प्रतिदिन अपने निर्वाचन व्यय का हिसाब निर्धारित पंजी में रखना होगा। निर्धारित दिनांकों पर उसे यह हिसाब मय बिल एवं वाउचर्स के जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अवलोकन हेतु जमा करना होगा। कोई भी आम व्यक्ति इस हिसाब की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय से एक रूपये प्रतिपेज के हिसाब से राशि जमा कर प्राप्त कर सकेगा।
9 निगरानी दल गठित
प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय की निगरानी के लिए 9 प्रकार के निगरानी दल गठित किये गये हैं। ये हैं- एक्पेन्डिचर माॅनीटरिंग सेल, एक्पेन्डिचर माॅनीटरिंग कंट्रोल रूम, काॅलसेंटर, सर्वेलेंस टीम फाॅर इन्लीगल कैश, एकाउंटिंग टीम, असिस्टेंट एक्पेन्डिचर आबर्जवर्स, मीडिया माॅनीटरिंग टीम, वीडियो व्यूइंग टीम तथा वीडियो सर्विलेंस टीम।
काॅलसेंटर
निर्वाचन संबंधी शिकायतों के संबंध में एक अखिल भारतीय टोल फ्री काॅलसेंटर बनाया जायेगा, जो 24 घंटे एवं सातों दिन काम करेगा। जिला स्तर पर भी ऐसा काॅल सेंटर बनाया जायेगा। इसके साथ ही व्यय प्रेक्षक तथा सहायक प्रेक्षक के भी टेलीफोन/मोबाइल नम्बर विज्ञापित किये जायेंगे। आयकर विभाग द्वारा भी टोल फ्री नम्बर के साथ शिकायत माॅनीटरिंग प्रकोष्ठ बनाया जायेगा।
300 रूपये जमा कर प्राप्त की जा सकेगी व्यय सीडी
उपजिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय के संबंध में पब्लिक रैली, जुलूस, टेंट, फर्नीचर, बेरिकेट्स, पोस्टर्स, होर्डिंग्स, द्वार, रोशनीकरण, कटाउट्स आदि की वीडियोग्राफी कर निगरानी दल को जमा कराई जायेगी। कोई भी आम व्यक्ति 300 रूपये जमा कर इसकी सीडी/डीवीडी निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त कर सकेगा।
प्रिन्ट सामग्री पर प्रेस एवं प्रकाशक का नाम देना अनिवार्य है
प्रशिक्षण में बताया गया कि सभी प्रकार की प्रिन्ट सामग्री, जिसमें प्रचार विज्ञापन सम्मिलित हों, के लिए प्रेस तथा प्रकाशक का नाम, पता, प्रतियों की संख्या मुद्रित करना आवश्यक होगा। इन पर खर्च की गई राशि का विवरण भी निर्वाचन कार्यालय को तुरंत भिजवाना होगा।
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