राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचरण संहिता के निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा
होशंगाबाद , दिनांक 21.09.2013: भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों के अनुसार आगामी विधानसभा चुनावों में राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचरण संहिता के निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा। जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार आदर्श आचरण संहिता के प्रावधानों के अनुसार किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे विभिन्न जातियों और धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढावा मिले। इसी तरह जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाये तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित रहे। किसी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना न हो जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जाना चाहिए जिनकी सत्यता प्रमाणित न हुई हो। इसी तरह आदर्श आचरण संहिता के अनुसार मत प्राप्त करने के लिए राजनैतिक दल जाति या साम्प्रदायकि भावनाओं की दुहाई न दे। इसी तरह मस्जिदों, गिरिजा घरों, मंदिरो या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रसार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जावे।
आदर्श आचरण संहिता के निर्देशों के अनुसार सभी दलों और अभ्यर्थीयों को ऐसे कार्यो से बचना चाहिए जो निर्वाचन विधि के अधीन अपराध है- जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर चुनाव प्रसार करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना, मतदाताआंे को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और उन्हें वापिस लाना। सभी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्न रहित घरेलू जीवन के अधिकार का आदर करना चाहिए। व्यक्तियों के विचारो या कार्यो का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन या धरना देने के तरीको से बचना चाहिए। इसी तरह राजनैतिक दलों या अभ्यर्थी को झण्डा खड़ा करने, बैनर टांगने, सूचनाऐं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी व्यक्ति के भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बिना उपयोग की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए। इसी तरह राजनैतिक दलों और अभ्यर्थीयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलुसों आदि में बाधायें उत्पन्न न करें। इसी तरह एक राजनैतिक दल को चाहिए कि वे दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में पर्चे वितरित कर गडबडियां पैदा न करें। इसी तरह किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाना चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएंे की जा रही हो। इसी तरह एक दल द्वारा निकाले गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा न हटाये जाये।
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