मैंने कुछ गलत नहीं किया,मैं निर्दोष हूँ : श्रीसंत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

मैंने कुछ गलत नहीं किया,मैं निर्दोष हूँ : श्रीसंत


srisanth
स्पॉट फिक्सिंग मामले में शुक्रवार को दोषी पाए जाने के बाद आजीवन प्रतिबंध की सजा पाने वाले टेस्ट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत ने खुद को निर्दोष बताया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने द्वारा खुद पर और राजस्थान रॉयल्स के अपने साथी अंकित चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध की सजा के ऐलान के बाद श्रीसंत ने टेलीविजन चैनलों से कहा, "मैंने कुछ गलत नहीं किया है।" बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने इंडियन प्रीमियर लीग से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए गए श्रीसंत और चव्हाण के अलावा अमित सिंह पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया जबकि बोर्ड से सटोरियों के साथ सम्पर्क की बात छुपाने को लेकर राजस्थान रॉयल्स के ही खिलाड़ी सिद्धार्थ त्रिवेदी पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया। 

युवा स्पिन गेंदबाज हरमीत सिंह को हालांकि चेतावनी देकर छोड़ दिया गया जबकि इसी मामले में दोषी साबित हो चुके जेलयाफ्ता राजस्थान रॉयल्स के ही अजीत चंदीला को लेकर सुनवाई बाद में होगी। श्रीसंत के सम्बंध में केरल क्रिकेट संघ के सचिव के.अजीत भी बचाव की मुद्रा में नजर आए। अजीत ने कहा कि कुछ ही दिनों में बोर्ड अपना फैसला वापस ले लेगा क्योंकि उसने यह कदम दबाव में उठाया है।

अजीत ने कहा, "आप इंतजार कीजिए। बोर्ड जल्द ही ऐलान करेगा कि श्रीसंत और तमाम खिलाड़ी निर्दोष हैं क्योंकि उसने दिल्ली पुलिस का केस वर्जन उठाया है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि बीसीसीआई मैच या स्पॉट फिक्सिंग को 'जीरो टॉलरेंस' नीति पर चलता है।" उल्लेखनीय है कि श्रीसंत, अमित, चव्हाण, चंदीला बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के प्रमुख सावानी के नेतृत्व वाली जांच समिति द्वारा स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए गए थे। सावानी ने अपनी रिपोर्ट में इन चार खिलाड़ियों को 'मैच फिक्सिंग' और 'स्पॉट फिक्सिंग' का दोषी बताते हुए इन पर पांच साल से लेकर आजीवन प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।

सावानी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट जून की शुरुआत में दिल्ली पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर तैयार की थी। अपनी अंतिम रिपोर्ट में सावानी ने कहा कि खिलाड़ियों को इस बात की जानकारी थी कि वे कितना गम्भीर अपराध कर रहे हैं और इसी कारण उन्होंने इनके खिलाफ सख्ती से पेश आने की बात कही थी।

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