अगले वर्ष 2014 में होने जा रहे आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। इस आशय की घोषणा पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शुक्रवार की शाम यहां पार्टी मुख्यालय में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद की। संसदीय बोर्ड की बैठक में लोकसभा और राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष क्रमश: सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने तो हिस्सा लिया, लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता और पिछले आम चुनाव में पीएम इन वेटिंग रहे लालकृष्ण आडवाणी किनारे ही रहे।
आडवाणी मोदी के उन्नयन का लगातार विरोध कर रहे हैं। प्रत्याशी बनाने की घोषणा के बाद पार्टी अध्यक्ष ने मीडिया को यह बताया कि मोदी आडवाणीजी का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण के बारे में एक शब्द भी नहीं बताया। संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राजनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2013 या 2014 में हो सकते हैं। हम पूर्व में भी चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी की घोषणा करते रहे हैं। अगले आम चुनाव के लिए किसे प्रत्याशी बनाया जाए इस पर विचार करने के लिए हमने शुक्रवार संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी जिसमें इस मुद्दे पर विचार किया गया।
राजनाथ ने कहा, "जनता की भावना को देखते हुए हमने मोदी को प्रधानमंत्री का प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया।" राजनाथ ने घोषणा के बाद मोदी को संसदीय बोर्ड की तरफ से बधाई दी। आडवाणी की बैठक से दूरी बनाए रखने का कारण छिपाते हुए राजनाथ ने कहा, "मैं आप लोगों को बता दूं कि आडवाणी जी का आशीर्वाद लेने के लिए मोदी जी जा रहे हैं।"
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि भाजपा के इस फैसले से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सभी घटक सहमत हैं और सभी ने मोदी को प्रत्याशी बनाए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सभी घटक दलों के अध्यक्षों से बातचीत की गई है। घोषणा के बाद मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एक साधारण परिवार और कस्बे में जन्मे व्यक्ति को देश की जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी के विश्वास पर खड़ा उतरने का भरोसा दिलाते हुए उन्होंने केंद्र में अगली सरकार भाजपा की बनने की उम्मीद जाहिर की।
इससे पहले मोदी के नाम पर सहमति बनाने के लिए राजनाथ सिंह दो दिनों तक जोशोखरोश से जुटे रहे। मोदी के नाम पर कन्नी काट रहे नेताओं को मनाने के लिए मेलमुलाकातों का दौर चलता रहा। अभी तक यह साफ नहीं हो रहा है कि पार्टी के इस फैसले से आडवाणी कितने 'सहमत या असहमत' हैं, लेकिन माना जा रहा है कि आडवाणी पार्टी नेताओं से कह चुके हैं कि मोदी को प्रधानमंत्री का प्रत्याशी घोषित करने से भाजपा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के खिलाफ महंगाई और भ्रष्टाचार के अपने मुद्दे से भटक जाएगी।
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