अमेरिकी अंतरिक्ष ऐजेंसी नासा ने अपने आठ सालों से चल रहे डीप इम्पैक्ट मिशन को समाप्त किए जाने की घोषणा की है। इस मिशन के तहत धूमकेतुओं व अन्य आकाशीय पिंडों का अध्ययन किया गया और उनकी तकरीबन 500,000 तस्वीरें भेजी गईं। सिन्हुआ के मुताबिक डीप इम्पैक्ट इतिहास का सबसे अधिक यात्रा करने वाला धूमकेतु शोध मिशन है। इस मिशन में 4.7 अरब मील (7.58 अरब किलोमीटर) की दूरी तय की गई। नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री (जेपीएल) की टीम ने पिछले एक महीने से अंतरिक्ष यान से टूटे संपर्क को दोबारा स्थापित न कर पाने के बाद शोध अभियान यहीं समाप्त करने की घोषणा की। अंतरिक्ष यान से आखिरी बार संपर्क आठ अगस्त को हुआ था।
यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड में 'डीप इंपैक्ट' के प्रमुख शोधकर्ता माइक ए हर्न ने एक बयान में कहा, "डीप इंपैक्ट ने लंबे समय तक हमारी उम्मीद और योजना से कहीं बढ़कर शोध से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराए। धूमकेतुओं और उनकी गतिविधियों के बारे में हमारी अवधारणा में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।" जनवरी 2005 में प्रक्षेपित किया गया 'डीप इंपैक्ट' अंतरिक्ष यान पहली बार चार जुलाई 2005 को चर्चा में आया था, जब इसने रेफ्रिजरेटर के आकार वाले धूमकेतु की तस्वीर भेज कर वैज्ञानिकों को चौंका दिया था।
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