10 दिवसीय हस्तशिल्प मेले का आज अंतिम दिन, पारखियों ने खूब पसंद की शिल्पकला की वस्तुएं
नीमच 21 सितम्बर 2013,मप्र हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमीटेड मप्र शासन द्वारा प्रदेश के हस्तशिल्पियों एवं बुनकरों को नीमच के टाउन हाल में एक ही छत के नीचे स्थान देकर एक बाजार की व्यवस्था प्रदान की। शिल्पकारों द्वारा बनाई गई कलायुक्त सामग्री को नगरवासियों ने खूब पसंद किया। आज 22 सितंबर को हस्तशिल्प मेले का आखरी दिन है। मेले में लगभग 50 से ज्यादा शिल्पकार मौजूद है।
मेला 13 सितंबर 2013 को प्रारंभ हुआ था।
मेला प्रभारी श्री दिलीप सोनी ने नगर के प्रतिसाद और शिल्पकला के पारखियों की प्रशंसा करते हुए बताया कि देश भर के स्थापित 23 मृगनयनी एम्पोरियमों एवं मृगनयनी के माध्यम से देश भर में 100 से अधिक प्रदर्शिनियों का आयोजन हर साल किया जा रहा है। नीमच के टाउन हाल में प्रदर्शनी का यह तीसरा साल है। श्री सोनी ने बताया कि हर वर्श की तरह इस साल भी देश और प्रदेश के नए शिल्पियों ने अपनी सामग्री नगर के कला पारखियों के समक्ष प्रस्तुत की और अनेक उत्पादों को पसंद किया। बांस के सौफे, गलीचे, दूधि की लकड़ी के समृद्धि देने वाले खिलोने, धार के पास गांव के बने शुद्ध लेदर के जूते, बीड की ज्वैलरी, हेदराबाद के मोती, देवास एक्सपोर्ट लेदर के बेग्स, पर्स, बेल्ट, ग्वालियर के प्रसिद्ध बच्चों के सुंदर खिलोने, स्वास्थ्यवर्धक अनारदाना, चूरण इत्यादी सामग्री, चंदेरी की उच्च गुणवत्ता की साडि़यां, ड्रेस मटेरियल, पुराने सिक्कों से बनी सोने जैसी धातु के कभी खराब न होने वाली ज्वैलरी, मृगनयनी एम्पोरियम पर उपलब्ध सामग्री, जूट के झूले, बांस का फर्नीचर, चंदेरी, माहेश्वरी साडि़यां, बाग प्रिंट, बुटिक प्रिंट, हेंडलूम बेडकवर, बीड वर्क, काश्ठ शिल्प, आदिवासी उदिया, लेदर वेयर, लेदर बेग्स, रेडिमेड व कई प्रकार की हस्तशिल्प व हाथकरघा सामग्री का प्रदर्शन व विक्रय आज अंतिम दिन भी जारी है। श्री सोनी ने बताया कि 10 दिवसीय हस्तशिल्प मेले में राश्ट्रिय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पियों की सामग्री भी प्रस्तुत की गई और कई लोगों ने हाथो-हाथ यह सामग्री खरीदी है। उन्होंने बताया कि यह मेला सभी प्रशंसकों एवं कला प्रेमियों के लिए आज अंतिम दिन 22 सितंबर को भी दोपहर 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहेगा।
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