उत्तर प्रदेश में रैलियों और महापंचायतों को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। महापंचायत के नाम से ही घबराई राज्य सरकार ने अब गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद योगी आदित्यनाथ की ओर से मंगलवार को बुलाई गई महापंचायत पर भी रोक लगा दी है। इसके बाद अब आदित्यनाथ और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। गोरखपुर की जनसमस्याओं को लेकर आदित्यनाथ की ओर से 24 सितम्बर को गारेखपुर-वाराणसी राजमार्ग के पास स्थित नवसढ़ में महापंचायत का आयोजन किया गया है। इसमें कई गावों के जनप्रतिनिधियों को शामिल होने का बुलावा भेजा गया है। आदित्यनाथ के करीबियों के मुताबिक जिला प्रशासन ने पहले महापंचायत बुलाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन आनन फानन में अब उसने शांति भंग होने का हवाला देते हुए इस पर रोक लगा दी है।
इस बीच, राज्य सरकार की रोक के बावजूद आदित्यनाथ अपनी महापंचायत आयोजित करने पर अड़े हुए हैं। प्रशासन उन्हें समझाने बुझाने का प्रयास कर रहा है लेकिन फिलहाल वह मानने को तैयार नहीं है। महापंचायत स्थल पर लोगों का आना शुरू हो गया है। प्रशासन ने भी भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। महापंचायत पर रोक लगाने के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि यह सरकार घबराहट में है और इसीलिए वह महापंचायत हो या रैली हर आयोजन पर रोक लगा रही है। पहले तो वह आयोजन की अनुमति देती है फिर उस पर रोक लगा देती है।
पाठक ने कहा कि गोरखपुर में जनसमस्याओं को लेकर महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। अब इस पर भी सरकार रोक लगाने से बाज नहीं आ रही है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व आगरा में 15 सितंबर को आयोजित होने वाली लालकृष्ण आडवाणी और वरुण गांधी की रैली पर भी राज्य सरकार ने कानून का डंडा चला दिया था। भाजपा की कोशिशों के बावजूद ये रैलियां आयोजित नहीं हो सकी थीं।
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