महानगर की एक सत्र अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें 2002 के हिट एंड रन मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी। इस मामले में बॉलीवुड स्टार सलमान खान संलिप्त थे।
न्यायमूर्ति एसडी देशपांडे ने फैसला दिया कि केवल प्रभावित पक्ष, शिकायतकर्ता या गवाह को ही हस्तक्षेप का अधिकार है। अदालत ने कहा कि इस मामले में आवेदक संतोष दांडकर न तो गवाह हैं, न ही शिकायतकर्ता और न ही संबंधित पक्ष, इसलिए उन्हें हस्तक्षेप की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
अदालत ने दांडकर की दूसरी याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें शिकायत को मजिस्ट्रेट की अदालत से स्थानांतरित कर सत्र अदालत में करने की मांग की गई थी। इस मामले में पुलिस पर गलत गवाह पेश करने का आरोप लगाया गया, जिससे सुनवाई में विलंब हो रहा है।
न्यायाधीश ने कहा कि शिकायत को स्थानांतरित करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। उन्होंने इस मामले में आवेदक से ऊपरी अदालत या सत्र न्यायालय के प्रिंसिपल न्यायाधीश से संपर्क करने को कहा। सलमान खान ने 2002 के हिट एंड रन मामले में याचिका दायर कर मांग की है कि मीडिया को कार्यवाही की सत्य एवं निष्पक्ष रिपोर्ट देने का आदेश दिया जाए, जिस पर अदालत ने फैसला 15 अक्टूबर तक टाल दिया। अदालत ने कहा कि सलमान खान ने मामले में सही रिपोर्टिंग नहीं करने के लिए कुछ मीडिया चैनलों के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि और दीवानी मामला दायर किया है। मामला चूंकि हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए सत्र अदालत अभिनेता की याचिका पर कोई फैसला नहीं देगी।
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