केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि नेताओं की राजनीति में सेवानिवृत्ति के लिए उम्रसीमा होनी चाहिए. जयराम रमेश ने भुवनेश्वर में ओड़िशा में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ सख्त अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने का संकेत देते यह विचार प्रकट किए.
पार्टी के कुछ अनुभवी नेताओं की ओर संकेत देते हुए रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीति में रहने के लिए एक उम्रसीमा होनी चाहिए. नेताओं के लिए भी सेवानिवृत्ति की उम्र होनी चाहिए.’’ इन अनुभवी नेताओं पर संदेह है कि उन्होंने राज्य में असंतुष्ट गतिविधियों को बढ़ावा दिया है. रमेश ओड़िशा में कांग्रेस के अंदर अंसतोष के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे.
रमेश ने हालांकि पार्टी के अंदर असंतुष्ट गुटों के पीछे किसी वरिष्ठ नेता का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और असम के मौजूदा राज्यपाल जे बी पटनायक का परोक्ष जिक्र किया. इस बीच प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने पटनायक के दामाद और पूर्व सांसद सौम्या रंजन पटनायक को कथित तौर पर समानांतर संगठन चलाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
राज्य में हाल ही में संपन्न शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की हार के बारे में रमेश ने कहा, ‘‘हम जल्दी ही पार्टी में असंतुष्टों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. पार्टी सर्वोपरि है और कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है. अगर कोई यह सोचता है कि वह पार्टी से ऊपर है तो वह उसे छोड़ने के लिए स्वतंत्र है.’’ सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले रमेश ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस में सत्ता के कई केंद्रों को नहीं स्वीकार करेंगे. कांग्रेस एक संगठन है और प्रदेश कांगेस अध्यक्ष को असंतुष्टों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है.’’
असंतुष्टों के खिलाफ संभावित कार्रवाई पर चर्चा के लिए रमेश ने प्रदेश कांगेस अध्यक्ष जयदेव जेना, पूर्व मुख्यमंत्री जी गमांग और विपक्ष के नेता भूपिन्दर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की. जेना ने पहले कहा था कि पार्टी उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे.
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