भले ही आमतौर पर लोग रिक्शावालों को अच्छी नजरों से नहीं देखते हैं, परंतु एक रिक्शे वाले ने अपनी नेकनियती और बुद्घिमानी से एक युवती को 'जिस्म की मंडी' (रेडलाइट एरिया) में बिकने से बचा लिया। पुलिस ने उस युवती को बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार पटना की रहने वाली एक युवती को तीन युवकों ने झांसा देकर रविवार को मुजफ्रपुर के चतुर्भुज स्थान में ले आए और उसे 50 हजार रुपए में बेचने का सौदा तय कर लिया। पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती को युवकों ने एक रिक्शे से शुक्ला रोड में लेकर पहुंचे थे और उसे बेचने के लिए ग्राहक खोज रहे थे। इसकी भनक किसी तरह रिक्शा चालक को लग गई।
रिक्शा चालक ने किसी तरह युवकों से अलग होकर क्षेत्र में रहने वाली नर्तकी रेखा और आस्मां को इसकी जानकारी दी। नर्तकियों ने युवती को खरीदने की बात कहकर बातचीत शुरू की और इसी बीच पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई।
मुजफ्फरपुर के पुलिस उपाधीक्षक (नगर) उपेन्द्र कुमार ने सोमवार को बताया कि सूचना के बाद पुलिस ने तत्काल करवाई करते हुए युवती को बरामद कर लिया परंतु तीनों युवक इस दौरान फरार हो गए। उन्होंने बताया कि युवती के बयान के आधार पर नगर थाने में मामला दर्ज करा दिया गया है।
युवती का आरोप है कि उसका विवाह इसी वर्ष मई महीने में हुआ था, परंतु ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा और वह मायके में रहने लगी। इसी बीच वह काम की तलाश में भटकने लगी और दो सितंबर को मुहल्ले की ही रहने वाली लक्ष्मी आंटी ने काम का झांसा देकर तीन युवकों को उसे सौंप दिया। युवती का आरोप है कि युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया है।
कुमार ने बताया कि इसकी सूचना पाते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और युवती को बरामद कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
रिक्शा चालक मोहम्मद जब्बार ने कहा कि जब दलाल युवक आपस में 50 हजार रुपये की बात कर रहे थे तो उन्हें शंका हुई। धीरे-धीरे उन्हें समझ में आया कि वे इस युवती को बेचने का सौदा कर रहे हैं। उन्होंने किसी तरह उसे मुक्त कराने की ठान ली थी और तब उन्होंने यहां की नर्तकियों की सहायता ली। उन्हें सुकून है कि उनके प्रयास से एक युवती बिकने से बच गई।
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