केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि गत तीन वर्षो में देश में अनुसूचित जाति और जनजातीय लोगों के खिलाफ अत्याचार के मामले में तेजी देखी गई है। शिंदे ने कहा, "देश में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों की सालों से अनदेखी और इन्हें तिरस्कृत किया जा रहा है तथा उन्हें हाशिए पर रखा गया है। इस विषय पर जारी आंकड़े में गत तीन वर्षो में इन वर्गो के लोगों के साथ अत्याचार के मामलों में वृद्धि देखी गई है।"
राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में गृह मंत्री ने यहां कहा कि संविधान में ठोस कार्रवाई की बात रहने के बावजूद ये समाज से पूरी तरह नहीं जुड़ पाए हैं और उनके साथ अत्याचार किया जाता है। उन्होंने कहा, "अनुसूचित जाति और जनजाति कानून के तहत मामला दर्ज करने के बावजूद इनके लिए मुकदमा लड़ने में भी उदासीनता अपनाई जाती है। परेशान करने वाली बात यह है कि इस मामले में दोषी सिद्ध करने की दर बहुत कम है। कई मामले लंबे चलते हैं या न्याय नहीं मिलता।"
शिंदे ने कहा कि अत्याचार करने वालों को दंडित किए जाने के अलावा इसके आरोपियों को रोकने का कोई और तरीका नहीं हो सकता।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें