उत्तर प्रदेश में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की '84 कोसी परिक्रमा' का समापन शुक्रवार को बस्ती जिले के मखौड़ा में हो रहा है। इसके मद्देनजर अयोध्या, फैजाबाद, गोंडा और बस्ती जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अयोध्या के विवादित ढांचे में स्थित कारसेवक पुरम को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और देशभर से आने वाले संतों के सरयु तट पर किए जाने वाले संभावित आचमन पर रोक लगाने के लिए शहर में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक परिक्रमा पर रोक लगी हुई है, इसलिए किसी भी स्थिति में राम मंदिर और उसके आसपास विहिप कार्यकर्ताओं और संतों को आने नहीं दिया जाएगा। देर रात सूबे के पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) ने अयोध्या पहुंचकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर सुरक्षा इंतजामों की जानकारी ली। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि किसी भी स्थिति में परिक्रमा को आयोजित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार पहले ही इस पर रोक लगा चुकी है। सुरक्षा के सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। अयोध्या में त्वरित कार्रवाई बल (आरपीएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीन-तीन टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
विहिप की ओर से शुक्रवार को बस्ती जिले के मखौड़ा में होने वाले समापन में हिस्सा लेने के लिए देशभर के संतों को बुलाया गया है। इसे देखते हुए प्रशासन की नींद उड़ी हुई है और गोंडा, फैजाबाद और बस्ती की सीमाओं पर हाई अलर्ट जारी किया गया है। सुरक्षा का कड़ा पहरा होने की वजह से सरयु तट पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक मखौड़ा की सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। सूचना मिल रही है कि मखौड़ा में कार्यक्रम के समापन के बाद साधू संत आचमन करने के लिए सरयु तट पर आ सकते हैं, लिहाजा घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मखौड़ा जाने की कोशिश करते समय पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद सहित कई प्रमुख संतों को लखनऊ हवाईअड्डे पर ही हिरासत में ले लिया गया था। इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों से भी सैकड़ों संतों को गिरफ्तार किया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें