मध्य प्रदेश में मंत्री पद गंवाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित किए गए राघवजी ने रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के साथ मंच साझा किया। मौका था विदिशा जिले में चिकित्सा महाविद्यालय के शिलान्यास समारोह का। पिछले दिनों राघवजी को अपने घरेलू नौकर के यौन उत्पीड़न के मामले पर पार्टी से बाहर किया गया था। इसलिए सरकार से लेकर प्रशासन तक राघवजी को शिलान्यास समारोह से दूर रखना चाहता था। यही कारण था कि सरकार की ओर से बांटे गए आमंत्रण पत्र में स्थानीय विधायक होने के बावजूद राघवजी का नाम नहीं था। राघवजी द्वारा समारोह में जाने का एलान किए जाने के बाद प्रशासन ने दूसरा आमंत्रण पत्र वितरित किया, जिसमें अन्य विधायकों के साथ राघवजी का भी नाम था।
राघवजी न केवल मंच पर बैठे, बल्कि चिकित्सा महाविद्यालय का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग कर डाली। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि चिकित्सा महाविद्यालय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा। स्थानीय सांसद एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज की उपस्थिति में चार सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शासकीय मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेडिकल कॉलेज बन जाने से विदिशा जिले का परि²श्य बदलेगा।
सरकार का उद्देश्य है कि हर पांच हजार आबादी पर कम से कम एक डॉक्टर हो। इसके प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय मेडिकल कॉलेज 30 माह में बनकर तैयार होगा। उन्होंने मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड से यह कार्य तय अवधि में पूरा करने को कहा। स्थानीय सांसद सुषमा स्वराज ने कहा कि एम्स की तर्ज पर विदिशा का मेडिकल कॉलेज तैयार होगा। साढ़े सात सौ बिस्तर का अस्पताल भी इससे सम्बद्घ होगा। इसके अलावा 150 सीटों वाले इस मेडिकल कॉलेज से पढ़कर निकलने वाले चिकित्सकों की सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें