सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने में सोशल मीडिया के अधिकाधिक उपयोग का उल्लेख करते हुए पूवरेत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को इस माध्यम के नियमन की जरूरत बताई। राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में यहां मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनके राज्यों में आम तौर पर सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने में सोशल मीडिया का उपयोग किया जाता है। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा, "शरारती तत्व और निहित स्वार्थ सोशल मीडिया के सहारे कुछ ही समय में अफवाह और घृणात्मक संवाद फैला सकते हैं।" गोगोई ने कहा, "खुफिया एजेंसी की साइबर पट्र्रोलिंग क्षमता का विकास किए जाने की जरूरत है।"
उन्होंने पिछले साल अगस्त महीने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि एसएमएस और एमएमएस के दुरुपयोग से फैली अफवाह के कारण बड़े पैमाने पर पूर्वोत्तर के लोगों को दक्षिण राज्यों से निकलना पड़ा था। मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा, "इस माध्यम की उपयोगिता स्पष्ट है। हालांकि यदि इसे अनियमित छोड़ दिया जाए, तो इस माध्यम का दुरुपयोग किए जाने का गंभीर जोखिम है।"
सिक्किम के शहरी विकास मंत्री डी.बी. थापा ने कहा कि उनकी सरकार ने किसी भी घृणात्मक दुष्प्रचार से निपटने के लिए सोशल मीडिया पर आम लोगों से संपर्क करने के लिए पुलिस मुख्यालयों में एक प्रकोष्ठ गठित की है। महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने कहा, "ईटानगर में एक पूर्ण महिला पुलिस स्टेशन स्थापित किया गया है और 200 महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि महिला सुरक्षा के मुद्दे से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।"
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