अमेरिका में सिखों के अधिकार के लिए लड़ने वाली संस्था का कहना है कि उसने उपचार के लिए न्यूयार्क में मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अमेरिकी संघीय अदालत का सम्मन सुपूर्द कर दिया है। यह सम्मन अस्पताल के कर्मचारी और उनके सुरक्षाकर्मियों की मदद से सुपूर्द किया गया है। अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने नवंबर 1984 के दंगे को भड़काने में कथित रूप से शामिल रहने वाले कांग्रेस नेताओं को बचाने के आरोप में सोनिया के खिलाफ मुकदमा किया है। इस संस्था ने कहा कि सम्मन न्यूयार्क स्थित स्लोन-केटरिंग कैंसर केंद्र में सोमवार को भेजा गया है।
एसएफजे के वकील गुरपतवंत एस.पन्नू ने कहा कि स्लोन-केटरिंग की नर्सिग निरीक्षक ईस्टर रुइज को सम्मन, शिकायत और न्यायाधीश ब्रायन एम कोगैन के आदेश की प्रति सौंप दी गई है, जिसमें उन्हें यह दस्तावेज सोनिया को देने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी एक प्रति अस्पताल के सुरक्षा प्रबंधक एल्विन मिल्नर को भी सौंपी गई है। पन्नू के मुताबिक, अमेरिकी कानून के तहत गांधी को इस सम्मन का जवाब 21 दिनों के अंदर देना होगा।
एलियन टार्ट क्लेम्स एक्ट और टार्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट (टीवीपीए) के तहत सोनिया पर सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और अन्य कांग्रेसी नेताओं को 1984 के दंगे के मामले में बचाने के आरोप लगाए गए हैं। 27 पृष्ठों के इस शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि एक से चार नवंबर के बीच सिख समुदाय के लगभग 30,000 सदस्यों को जानबूझ कर प्रताड़ित किया गया। सिखों की हत्या की गई और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। इसमें यह भी कहा गया है कि इस हमले को भारत की तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने उकसाया, उसे संगठित किया और उसका नेतृत्व किया।
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